नई दिल्लीः इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय (आईजीडीटीयूडब्ल्यू) की छात्राएं साल दर साल अपनी सफलता के नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियों में अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट की बात हो या फिर प्रतिवर्ष बीटेक और पीएचडी की डिग्री लेने में भी दिल्ली के अन्य विश्वविद्यालयों की छात्राओं से आगे रहकर भी वे अपना लोहा मनवा रही हैं. इसी क्रम में अब शुक्रवार को होने जा रहे आईजीडीटीयूडब्ल्यू के दीक्षांत समारोह में कई छात्राओं को उनके बहतरीन प्रदर्शन के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के द्वारा दो छात्राओं को चांसलर गोल्ड मेडल से और 12 छात्राओं को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा.
दीक्षांत समारोह में स्नातक की 735, 170 स्नातकोत्तर और 16 छात्राओं को पीएचडी की डिग्रियां अवार्ड की जाएंगी. अगर डिग्री और मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की कुल संख्या की बात करें तो 935 छात्राओं को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए जाएंगे. इस बार डिग्री और मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या पिछले साल से 182 अधिक है. पिछले साल 753 छात्राओं को डिग्री और मेडल प्रदान किए गए थे. इस बार इनकी संख्या में और बढ़ोत्तरी हुई है.
मुख्यमंत्री आतिशी सम्मानित अतिथि होंगी: दीक्षांत समारोह के बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रंजन झा ने बताया कि कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह मुख्य अतिथि होंगे, जबकि विश्वविद्यालय के चांसलर एवं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. मुख्यमंत्री आतिशी कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि होंगी.
यूनिवर्सिटी की 1998 में हुई थी स्थापना: बतादें कि 1998 में इंदिरा गांधी प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में स्थापित यह संस्थान गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का एकमात्र घटक कॉलेज था. मई 2013 में स्थापित होकर इसने स्वायत्तता प्राप्त की और दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित भारत में विशेष रूप से महिलाओं के लिए पहला तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया. अब यह विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह है.
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