बाड़मेर: भारत सरकार के 'कैच द रैन' अभियान के तहत देश में स्माल रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का सर्वाधिक निर्माण राजस्थान के बाड़मेर में हुआ है. गत एक वर्ष में बाड़मेर में 43 हजार रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बने, जबकि पूरे राजस्थान में इस वर्ष 83 हजार रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चरर्स का निर्माण हुआ.
जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि गत एक वर्ष में सबसे ज्यादा वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बाड़मेर में बने हैं. उन्होंने बताया कि बाड़मेर जैसे मरूस्थलीय जिले में बारिश के पानी को बचाना यहां की संस्कृति रही है. यहां गत एक वर्ष में स्थानीय लोगों और विभिन्न विभागों के सहयोग से रिकॉर्ड रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण करवाया गया है. इन स्ट्रक्चर के बनने से स्थानीय आबादी को बारिश का साफ पानी पूरे वर्ष भर पीने को मिलेगा. एक स्ट्रक्चर में लगभग 30 से 40 हजार लीटर पानी का संग्रहण होता है.
बाड़मेर के लिए ये स्ट्रक्चर क्यों हैं उपयोगी : इन स्ट्रक्चरों में बरसाती पानी को सहेजकर रखा जाता है. बारिश के बाद गर्मियों के दिनों में तीन से पांच महीने तक पेयजल उपलब्ध हो जाता है. लोगों का कहना है कि ये स्ट्रक्चर यहां की जरूरत हैं, क्योंकि गांव ढाणी में पानी की बहुत जरूरत है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिले में पानी की उपलब्धता को लेकर 750 परिवारों पर एक सर्वे करवाया गया था, जिसमें पाया गया कि यहां अधिकांश आबादी डेढ़ से दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला रही है. इन स्ट्रक्चर के बनने के बाद ढाणी या मकान के पास ही मीठे पानी उपलब्ध हो रहा है. इससे उनका समय और श्रम दोनों बच रहे हैं.
क्या है कैच द रैन अभियान: भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से वर्षा जल को बचाने और संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान कैच द रैन चलाया रहा है. 'द रेन व्हेयर इट फाल्स व्हेन इट फॉल्स' अभियान शुरू किया, ताकि राज्यों और सभी हितधारकों को वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके.