बीकानेर : दीपावली यानी दीपों का त्योहार. बिना दीपक के दीपावली की बात ही पूरी नहीं होती और त्योहार का मतलब ही खुशियां हैं. अबकी दीपावली के लिए बीकानेर स्थित एक संस्था ने खास नवाचार किया है तो चलिए अब आपको उस संस्था और उसके नवाचार के बारे में बताते हैं. दरअसल, बीकानेर के दिव्यांग सेवा संस्थान ने विशेष योग्यजन बच्चों को रोजगार से जोड़ने की पहल की. संस्थान की ओर से बच्चों को दीपावली के दीए बनाने का काम सौंपा गया, जिसे बच्चों ने बखूबी पूरा किया.
संस्थान के संचालक जेठाराम ने कहा कि सेवा संस्था किसी से सीधे जन सहयोग या फिर चंदे लेने की बजाय बच्चों को रोजगार मुहैया कराने के लिए हम काम कर रहे हैं. ताकि आगे चलकर ये बच्चे आत्मनिर्भर बन सके. जेठाराम ने बताया कि बचपन में गांव में स्पेशल एजुकेशन टीचर से मुलाकात हुई और उस दौरान विशेष योग्यजन बच्चों को पढ़ाने में उनकी रुचि बढ़ी. उसके बाद उन्होंने दो साल तक अहमदाबाद में विशेष कोर्स किया और फिर 2016 में बीकानेर में विशेष योग्यजन बच्चों के लिए स्कूल खोला.
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जेठाराम ने बताया कि 2016 में जब स्कूल शुरू किया तब लोगों का सहयोग मिला, लेकिन ऐसा लगा कि सीधे लोगों से आर्थिक मदद लेने की बजाय इन बच्चों को उनके पैरों पर खड़ा करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. ऐसे में बच्चों को विशेष ट्रेनिंग दी गई और जिस बच्चे में जैसी प्रतिभा थी, उसे उसी के अनुरूप आगे प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली के लिए बच्चों ने करीब 10 हजार से अधिक दीए बनाए हैं, जो अलग-अलग तरह के हैं और दिखने में भी काफी आकर्षक हैं. इसके अलावा इन बच्चों ने हर्बल साबुन, मोमबत्ती और देवी-देवताओं की पेंटिंग बनाई है.
जेठाराम ने बताया कि हमारे यहां पढ़ने वाले बच्चों को सभी सुविधा निशुल्क दी जाती हैं. हालांकि, कुछ अभिभावक सक्षम हैं, जो फीस देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दीपावली के दीए और अन्य सामग्रियों की बिक्री से जो भी राशि प्राप्त होगी, उसे बच्चों पर ही खर्च किया जाएगा. वहीं, दिव्यांग सेवा संस्थान की इस पहल की चौतरफा सराहना हो रही है. साथ ही विशेष योग्यजन बच्चों की प्रतिभा भी निखरकर सामने आई है.