जयपुर: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में फिल्म निर्देशक और एक्टर अमोल पालेकर ने कई किस्से शेयर किए. उन्होंने बाबा साहब ठाकरे से बातचीत और बीआर चोपड़ा के साथ हुए एक विवाद का भी जिक्र किया. चोपड़ा से मेहनताना नहीं मिलने के बाद पालेकर ने कोर्ट की शरण ली थी. बाद में उन्हें उनका भुगतान ब्याज सहित मिला.
रविवार को अमोल पालेकर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मैं एक्टर बनना नहीं चाहता था, मैं पेंटर बनना चाहता था. जीवन में कई बार ऐसी सिचुएशन आई, जब फिल्म इंडस्ट्री के बड़े लोगों से लेकर कई पॉलिटिकल लोगों ने परेशान करने की कोशिश की. लेकिन मैं उनके आगे कभी झुका नहीं, बल्कि उन्हें ही हार माननी पड़ी. कई बार पॉलीटिकल प्रेशर आता था, तब मेरा एक ही जवाब होता था, मैं लोकशाही के लिए काम करता हूं, ठोकशाही के लिए नहीं.
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अमोल पालेकर ने एक किस्सा शेयर करते हुए कहा कि बीआर चोपड़ा की फिल्म कंपनी ने उन्हें 40000 रुपए देने थे. लेकिन फिल्म की रिलीज होने तक उनको पैसे नहीं दिए गए. उन्होंने इस बारे में बात की और लिखित में पेमेंट का आश्वासन मांगा. यह बात कंपनी को चैलेंज जैसी लगी. उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि इज्जत चाहिए थी, जो मुझसे छीनी जा रही थी. उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में यह नॉर्म था कि अगर पेमेंट नहीं हो रहा है, तो एक लेटर दिया जाता था. मैंने चोपड़ा साहब से कहा कि मैंने शूटिंग रोकी नहीं, काम भी पूरा कर दिया. बस एक लीगल प्रक्रिया पूरी करना चाहता था. इस पर चोपड़ा साहब ने कहा कि तुम्हें इंडस्ट्री से बाहर फेंक दूंगा.
अमोल पालेकर ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि बीआर चोपड़ा साहब इंडस्ट्री आपके बंगले का पिछवाड़ा नहीं है. मैं अपनी शर्तों पर यहां हूं, किसी फिल्मी खानदान से नहीं आता हूं, फिर भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है. देखते हैं कि कौन, किसे निकालता है. उन्होंने मामला कोर्ट में ले जाने का निर्णय लिया. कई सालों बाद उन्हें 40000 रुपए ब्याज सहित मिले. अमोल पालेकर ने बताया कि यह उनके लिए पैसों की लड़ाई नहीं थी, बल्कि मान-सम्मान की बात थी. इसलिए उन्होंने पूरी राशि को दान कर दिया था.