अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में नंदा देवी महोत्सव की धूम मची हुई है. कदली वृक्षों से मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया. उसके बाद मां की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई. अष्टमी के अवसर पर बुधवार को मां के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही.
मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की हुई प्राण प्रतिष्ठा: पारंपरिक रीति के अनुसार कदली वृक्षों से स्थानीय कलाकारों ने मां नंदा सुनंदा की मूर्ति का निर्माण किया. मूर्ति का पारंपरिक परिधान से श्रृंगार किया गया. उसके बाद मंदिर ने देर रात्रि पूजा अर्चना कर विधि विधान से मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई. मां की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नंदा देवी मंदिर में देर रात तक पूजा पाठ, मंत्र और अनुष्ठान किये गए. इस पूजा में चंद वंशज नरेंद्र चंद राज सिंह को उनके राज पुरोहित नागेश पंत ने पूजा कराई. देर रात तक विशेष पूजा अर्चना की गई. शंख घंटों और मंत्रोच्चार से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा.
रात 3 बजे तक चली पूजा: बुधवार को अष्टमी के दिन सुबह से ही दर्शन को भक्तों की भीड़ लगी रही. भक्तों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. सुबह से ही नंदा देवी मंदिर सहित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर में भी भक्तों का तांता पूजा अर्चना के लिए लगा रहा. मंदिर के पुजारी पंडित प्रमोद पाठक ने बताया कि कदली वृक्ष से बनाई गई मां नंदा सुनंदा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. पूजा रात 11 बजे से सुबह 3 बजे तक चली.
सुबह पांच बजे भक्तों के लिए खुला मां का दरबार: पंडित जी ने बताया कि उसके बाद अष्टमी के अवसर पर सुबह पांच बजे से भक्तों के लिए मां के दरबार को खोल गया. दूर दूर से आकर भक्तों ने मां के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. दर्शन के लिए लाइन में लगीं भक्त निर्मला नैनवाल ने कहा कि मां नंदा देवी का मेला लगा है. वह मनोकामना लेकर मां के दर्शन और पूजा को आयी हैं. मां नंदा सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाली हैं.