कानपुर: शहर के गणेश शंकर विद्यार्थी सुपर स्पेशलिटी पोस्ट इंस्टीट्यूट (जीएसवीएम) पीजीआई में पहली बार सूबे का पहला एडवांस स्पाइन सेंटर खुलेगा. फरवरी में यह सेंटर पूरी तरह से काम करने लगेगा. इसके लिए पीजीआई के डॉक्टर्स की टीम ने सारी तैयारियां कर ली हैं.
एडवांस स्पाइन सेंटर के खुलने से कानपुर समेत आसपास के अन्य कई शहरों के लाखों मरीजों को अब विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल जाएंगी, जबकि अभी तक मरीज लाखों रुपये खर्च करके मुंबई व बेंगलुरु जैसे शहरों में अपना इलाज कराने के लिए जाते थे. इस सेंटर की खास बात यह है, कि यहां रोबोट ही सर्जरी करेंगे. जिनकी कीमत औसतन सात करोड़ रुपये है. पीजीआई के डॉक्टर्स ने यह रोबोट भी मंगवा लिए हैं, जो फरवरी-मार्च के बीच सेंटर पर मौजूद रहेंगे.
एडवांस स्पाइन सेंटर खुलने से आमजन को होंगे ये फायदे |
- सभी मरीजों का सरकारी खर्च पर पूरा इलाज हो सकेगा. |
- कानपुर के आसपास 100-200-300 किलोमीटर दूर तक के मरीजों को आसानी से इलाज मिलेगा. |
- माइक्रोस्कोप व एंडोस्कोप के बजाए नेविगेशन सिस्टम व रोबोट से सर्जरी की जा सकेगी. |
- स्पाइन से जुड़ी कई जांचें सरकारी खर्च पर कराई जा सकेंगी. |
- गंभीर मरीजों के लिए सेंटर में 50 बेड पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे. |
सर्जरी के दौरान नेविगेशन सिस्टम का होगा उपयोग : इस पूरे मामले को लेकर जीएसवीएम पीजीआई के नोडल व न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मनीष सिंह ने बताया कि अभी तक जब हम स्पाइन के मरीजों की सर्जरी करते थे तो सी आर्म मशीन का उपयोग करते थे, जिसमें एक्सरे रिपोर्ट ओटी में तुरंत मिल जाती थी. मगर अब हम ओ आर्म मशीन व नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करेंगे, जिससे हमें स्पाइन की पूरी क्लियर इमेजेज फौरन मिल जाएंगी. इससे सटीक और तय समय में ऑपरेशन करने में बहुत अधिक हद तक मदद मिलेगी. इस मशीन के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं. डा. मनीष सिंह ने कहा कि उक्त सिस्टम का उपयोग करने से सर्जरी पूरी तरह से सेफ रहेगी.
फैलोशिप कर सकेंगे छात्र : डा. मनीष सिंह ने बताया कि प्रदेश के इस पहले एडवांस स्पाइन सेंटर में जहां मरीजों को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला इलाज मिलेगा. वहीं, जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज से एमसीएच की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यहां फैलोशिप करने का मौका होगा.