झालावाड़. चंवली प्रोजेक्ट में निमाण कार्य के दौरान भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी के करीब 1 करोड़ 85 लाख राशि का भुगतान न किए जाने के चलते कोटा के वाणिज्य न्यायालय ने चंवली प्रोजेक्ट कार्यालय को सीज कर कुर्की करने आदेश दिए हैं. इसके बाद वाणिज्य न्यायालय की सेल अमीन सुखविंदर कौर गुरुवार को चंवली प्रोजेक्ट कार्यालय पहुंची. ऑफिस की कुर्की आदेश को देख अधीक्षण अभियंता के होश उड़ गए. अभियंता ने कोर्ट आदेश से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया. इस दौरान सुखविंदर कौर तथा अभियंता के बीच कोर्ट आदेश को लेकर काफी देर तक बहस भी हुई. अभियन्ता ने फर्म से बकाया राशि के भुगतान को लेकर समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया. इसके बाद आखिरकार उच्च अधिकारियों की सहमति से फर्म को 25 दिन का समय दिया गया.
ब्याज समेत राशि देने का आदेश : भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजर ने बताया कि सन 2,000 में कंपनी ने झालावाड़ के चंवली बांध में निर्माण कार्य किया था. इस दौरान डिपार्टमेंट की ओर से कंपनी को 70 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया. इसके लिए उन्होंने वाणिज्य न्यायालय कोटा की शरण ली. इसके बाद न्यायालय में चली लंबी सुनवाई के बाद कार्यालय को सीज और कुर्की करने का आदेश जारी किए. उन्होंने कहा कि वाणिज्य न्यायालय ने 70 लाख के एवज में डिपार्टमेंट को ब्याज समेत 1 करोड़ 85 लाख रुपए के भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि न्यायालय में यह प्रकरण 24 वर्ष से चल रहा था.
25 मार्च तक मिला समय : वाणिज्य न्यायालय की सेल अमीन सुखविंदर कौर ने बताया कि भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी बांसवाड़ा ने सन 2,000 में चवली प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य किया था. डिपार्टमेंट के द्वारा कंपनी को शेष बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया. इसके बाद वाणिज्य न्यायालय कोटा ने विभाग को एक करोड़ 85 लाख रुपए भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने भुगतान राशि नहीं देने पर कार्यालय को कुर्की तथा सीज करने का आदेश दिया है. चंवली प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वाणिज्य न्यायालय की सेल अमीन सुखविंदर कौर द्वारा न्यायालय का आदेश मिला था. इसमें भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी को विभाग की ओर से एक करोड़ 85 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है. उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है. कंपनी को भुगतान के लिए 25 मार्च तक का समय मांगा गया है.