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12 साल से था कब्जा : पैतृक जमीन की तरह भाइयों ने कर लिया बंटवारा, अब प्रशासन ने ध्वस्त किया - REMOVED ENCROACHMENT IN BHARATPUR

भरतपुर के सरकारी एमएसजे कॉलेज परिसर में सरकारी आवास पर कब्जे और अतिक्रमण को प्रशासन ने 12 साल बाद मुक्त करा लिया.

Removed Encroachment In Bharatpur
काॅलेज की भूमि से अतिक्रमण हटाती जेसीबी मशीन (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 18, 2024, 5:22 PM IST

भरतपुरः संभाग के सबसे बड़े सरकारी कॉलेज एमएसजे महाविद्यालय परिसर में 12 साल पुराने अतिक्रमण को बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया. कॉलेज के ही सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार ने परिसर के एक सरकारी आवास कब्जा और उसकी जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था. इसे हटाने के लिए कॉलेज प्रशासन ने 19 बार नोटिस भी दिया, लेकिन अतिक्रमियों ने कब्जा नहीं हटाया. आखिर में जिला प्रशासन के सहयोग से इस अतिक्रमण को ध्वस्त कर सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त करा दिया गया.

एमएसजे कॉलेज परिसर में बुधवार सुबह पुलिस जानते के साथ अतिक्रमण निरोधक दस्ता पहुंचा. यहां 12 साल से जारी सरकारी क्वार्टर पर कब्जे को पुलिस, प्रशासन और कॉलेज प्रशासन की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया गया.

पढेंः धौलपुर में अतिक्रमण के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस और नगर परिषद का संयुक्त अभियानए अतिक्रमण हटा दुकानदारों पर लगाया जुर्माना

चरण सिंह के परिवार का था कब्जाः कॉलेज प्राचार्य डॉ. हरवीर सिंह ने बताया कि कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चरण सिंह को यह सरकारी क्वार्टर आवंटित किया गया था. वर्ष 2012 में चरण सिंह सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया. 2014 में चरण सिंह की मृत्यु हो गई, लेकिन उनके दोनों बेटों ने क्वार्टर पर कब्जा बनाए रखा. इतना ही नहीं, कब्जाधारियों ने कॉलेज की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से दो अतिरिक्त कमरों का निर्माण भी कर लिया. दोनों अतिक्रमियों ने इस जमीन का पैतृक जमीन की तरह बंटवारा भी कर लिया, जिसे बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया.

12 साल में 19 नोटिसः प्राचार्य डॉ हरवीर ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने पिछले 12 वर्षों में कब्जा हटाने के लिए चरण सिंह के परिवार को 19 बार नोटिस जारी किए, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा और परिवार ने क्वार्टर खाली करने से इनकार कर दिया. इसके बाद 20 वीं बार नोटिस दिया गया. लंबे समय से चले आ रहे इस अतिक्रमण को हटाने के लिए आखिरकार जिला कलेक्टर ने प्रशासन और पुलिस की सहायता से कार्रवाई के आदेश दिए.

बुधवार को जेसीबी मशीन के माध्यम से सरकारी क्वार्टर और अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया. कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बल और कॉलेज प्रशासन की पूरी टीम मौजूद रही. प्राचार्य डॉ. हरवीर ने बताया कि यह स्थान कॉलेज की संपत्ति है, जिसे छात्रों और संस्थान के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.भविष्य में ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाएगी.

भरतपुरः संभाग के सबसे बड़े सरकारी कॉलेज एमएसजे महाविद्यालय परिसर में 12 साल पुराने अतिक्रमण को बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया. कॉलेज के ही सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार ने परिसर के एक सरकारी आवास कब्जा और उसकी जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था. इसे हटाने के लिए कॉलेज प्रशासन ने 19 बार नोटिस भी दिया, लेकिन अतिक्रमियों ने कब्जा नहीं हटाया. आखिर में जिला प्रशासन के सहयोग से इस अतिक्रमण को ध्वस्त कर सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त करा दिया गया.

एमएसजे कॉलेज परिसर में बुधवार सुबह पुलिस जानते के साथ अतिक्रमण निरोधक दस्ता पहुंचा. यहां 12 साल से जारी सरकारी क्वार्टर पर कब्जे को पुलिस, प्रशासन और कॉलेज प्रशासन की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया गया.

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चरण सिंह के परिवार का था कब्जाः कॉलेज प्राचार्य डॉ. हरवीर सिंह ने बताया कि कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चरण सिंह को यह सरकारी क्वार्टर आवंटित किया गया था. वर्ष 2012 में चरण सिंह सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया. 2014 में चरण सिंह की मृत्यु हो गई, लेकिन उनके दोनों बेटों ने क्वार्टर पर कब्जा बनाए रखा. इतना ही नहीं, कब्जाधारियों ने कॉलेज की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से दो अतिरिक्त कमरों का निर्माण भी कर लिया. दोनों अतिक्रमियों ने इस जमीन का पैतृक जमीन की तरह बंटवारा भी कर लिया, जिसे बुधवार को ध्वस्त कर दिया गया.

12 साल में 19 नोटिसः प्राचार्य डॉ हरवीर ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने पिछले 12 वर्षों में कब्जा हटाने के लिए चरण सिंह के परिवार को 19 बार नोटिस जारी किए, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा और परिवार ने क्वार्टर खाली करने से इनकार कर दिया. इसके बाद 20 वीं बार नोटिस दिया गया. लंबे समय से चले आ रहे इस अतिक्रमण को हटाने के लिए आखिरकार जिला कलेक्टर ने प्रशासन और पुलिस की सहायता से कार्रवाई के आदेश दिए.

बुधवार को जेसीबी मशीन के माध्यम से सरकारी क्वार्टर और अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया. कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बल और कॉलेज प्रशासन की पूरी टीम मौजूद रही. प्राचार्य डॉ. हरवीर ने बताया कि यह स्थान कॉलेज की संपत्ति है, जिसे छात्रों और संस्थान के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.भविष्य में ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाएगी.

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