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तय समय में पेश नहीं हुआ चालान, आरोपी तस्कर को मिली जमानत - Smuggler Got bail

जयपुर मेट्रो-द्वितीय की एसीएमएम कोर्ट ने विदेशी ई-सिगरेट तस्करी के मामले में आरोपी जमानत दे दी है. कस्टम विभाग की ओर से 60 दिन में चालान पेश नहीं करने पर जमानत दी गई है.

आरोपी तस्कर को मिली जमानत
आरोपी तस्कर को मिली जमानत (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2024, 9:51 PM IST

जयपुर : मेट्रो-द्वितीय की एसीएमएम कोर्ट ने करोड़ों रुपए की विदेशी ई-सिगरेट तस्करी के मामले में कस्टम विभाग की ओर से तय समय 60 दिन में चालान पेश नहीं करने पर आरोपी मुरलीपुरा निवासी सुनील कुमार शर्मा को जमानत दे दी. उस पर यह भी शर्त लगाई है कि वह यह केस लंबित रहते हुए भारत नहीं छोड़ेगा.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 25 जुलाई को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में ही है. विभाग की ओर से कोई परिवाद दायर नहीं किया है और उसकी न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 60 दिन से ज्यादा हो गई है. आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई अपराध नहीं है, जिसमें उसे मृत्युदंड, आजीवन कारावास या दस साल की कैद की सजा हो सकती है. ऐसे में आरोपी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 187 के तहत जमानत प्राप्त करने का अधिकारी है.

इसे भी पढ़ें- भीलवाड़ा : डोडा चूरा तस्कर को 5 साल की सजा

अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि आरोपी कई महीनों से न्यायिक अभिरक्षा में है और कस्टम विभाग का अभी भी अनुसंधान चल रहा है. मामले में अभी तक आरोपी के खिलाफ चालान पेश नहीं हो पाया है. ऐसे में कानूनी प्रावधानों के तहत आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाए. जवाब में विभाग ने कहा कि आरोपी व उसके साथी विद्याधर नगर स्थित परिसर में बड़ी मात्रा में तस्करी की हुई विदेशी ई-सिगरेट का स्टोर व व्यापार करते हैं. उसके ऊपर करोड़ों रुपए की ई-सिगरेट की तस्करी कर व्यापार करने का आरोप है. मामले में अनुसंधान बाकी है और संबंधित गवाहों व अन्य व्यक्तियों से पूछताछ करनी है. इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनकर तय समय में चालान पेश नहीं करने के चलते आरोपी को जमानत दे दी.

जयपुर : मेट्रो-द्वितीय की एसीएमएम कोर्ट ने करोड़ों रुपए की विदेशी ई-सिगरेट तस्करी के मामले में कस्टम विभाग की ओर से तय समय 60 दिन में चालान पेश नहीं करने पर आरोपी मुरलीपुरा निवासी सुनील कुमार शर्मा को जमानत दे दी. उस पर यह भी शर्त लगाई है कि वह यह केस लंबित रहते हुए भारत नहीं छोड़ेगा.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 25 जुलाई को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में ही है. विभाग की ओर से कोई परिवाद दायर नहीं किया है और उसकी न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 60 दिन से ज्यादा हो गई है. आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई अपराध नहीं है, जिसमें उसे मृत्युदंड, आजीवन कारावास या दस साल की कैद की सजा हो सकती है. ऐसे में आरोपी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 187 के तहत जमानत प्राप्त करने का अधिकारी है.

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अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि आरोपी कई महीनों से न्यायिक अभिरक्षा में है और कस्टम विभाग का अभी भी अनुसंधान चल रहा है. मामले में अभी तक आरोपी के खिलाफ चालान पेश नहीं हो पाया है. ऐसे में कानूनी प्रावधानों के तहत आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाए. जवाब में विभाग ने कहा कि आरोपी व उसके साथी विद्याधर नगर स्थित परिसर में बड़ी मात्रा में तस्करी की हुई विदेशी ई-सिगरेट का स्टोर व व्यापार करते हैं. उसके ऊपर करोड़ों रुपए की ई-सिगरेट की तस्करी कर व्यापार करने का आरोप है. मामले में अनुसंधान बाकी है और संबंधित गवाहों व अन्य व्यक्तियों से पूछताछ करनी है. इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनकर तय समय में चालान पेश नहीं करने के चलते आरोपी को जमानत दे दी.

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