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पिथौरागढ़ में थल-सात सीलिंग सड़क नदी में समाई, कई क्षेत्रों का कटा संपर्क - thal sath shiling highway

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 36 minutes ago

Thal Sath Sealing Highway Pithoragarh पिथौरागढ़ में थल-सात सीलिंग राजमार्ग का 50-60 मीटर हिस्सा रामगंगा नदी में समा गया है. ऐसे में थल सात सीलिंग राजमार्ग बंद होने से नाचनी, बागेश्वर, मुनस्यारी, पाखु का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.

Thal sath sealing highway Pithoragarh
राम गंगा नदी में समाया थल सात सीलिंग राजमार्ग (photo- ETV Bharat)

पिथौरागढ़: थल-सात सीलिंग राजमार्ग का 50 -60 मीटर हिस्सा रामगंगा नदी में समा गया है, जिससे सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. सूचना मिलने के बाद तहसीलदार दमन शेखर राणा और लोनिवि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने सड़क पर बैरिकेडिंग लगवाई. बरसात में रामगंगा नदी के कटान से सड़क खोखली हो चुकी थी. आज सुबह 11 बजे सड़क में बड़ी-बड़ी दरारें देखी गई थी. गनीमत रही कि जब सड़क का हिस्सा नदी में समा रहा था, उस वक्त आवाजाही नहीं हो रही थी, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया.

मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग बंद: बता दें कि बीते मंगलवार रात हुई मूसलाधार बारिश से नागीमल मंदिर पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से थल-सात सीलिंग राजमार्ग रात तीन बजे बंद हो गया था. लोक निर्माण विभाग की टीम ने जेसीबी से मलबा हटाकर सड़क को आज सुबह यातायात के लिए बहाल किया गया था. वहीं, इससे पहले रामगंगा नदी के कटाव और ऊपर नागीमल मंदिर कि पहाड़ी से भूस्खलन होने से 4 सितंबर से सड़क 13 दिनों तक बंद रही थी.

पिथौरागढ़ में थल-सात सीलिंग सड़क नदी में समाई (video-ETV Bharat)

रामगंगा नदी के छोर पर तटबंध बनाने की मांग: उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष सलीम अहमद ने रामगंगा नदी के कटाव से ध्वस्त हुई सड़क की सुरक्षा के लिए नदी के छोर पर तटबंध बनाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से सुरक्षा दीवार बनाने की अपील की है. वहीं, लोक निर्माण विभाग पिथौरागढ़ के अधिकारियों की ओर से सड़क के दुरस्तीकरण के लिए पोकलैंड मशीन की व्यवस्था की जा रही है.

Thal sath sealing highway Pithoragarh
थल सात सीलिंग राजमार्ग पर आवाजाही बंद (Photo- ETV Bharat)

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पिथौरागढ़: थल-सात सीलिंग राजमार्ग का 50 -60 मीटर हिस्सा रामगंगा नदी में समा गया है, जिससे सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. सूचना मिलने के बाद तहसीलदार दमन शेखर राणा और लोनिवि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने सड़क पर बैरिकेडिंग लगवाई. बरसात में रामगंगा नदी के कटान से सड़क खोखली हो चुकी थी. आज सुबह 11 बजे सड़क में बड़ी-बड़ी दरारें देखी गई थी. गनीमत रही कि जब सड़क का हिस्सा नदी में समा रहा था, उस वक्त आवाजाही नहीं हो रही थी, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया.

मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग बंद: बता दें कि बीते मंगलवार रात हुई मूसलाधार बारिश से नागीमल मंदिर पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से थल-सात सीलिंग राजमार्ग रात तीन बजे बंद हो गया था. लोक निर्माण विभाग की टीम ने जेसीबी से मलबा हटाकर सड़क को आज सुबह यातायात के लिए बहाल किया गया था. वहीं, इससे पहले रामगंगा नदी के कटाव और ऊपर नागीमल मंदिर कि पहाड़ी से भूस्खलन होने से 4 सितंबर से सड़क 13 दिनों तक बंद रही थी.

पिथौरागढ़ में थल-सात सीलिंग सड़क नदी में समाई (video-ETV Bharat)

रामगंगा नदी के छोर पर तटबंध बनाने की मांग: उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष सलीम अहमद ने रामगंगा नदी के कटाव से ध्वस्त हुई सड़क की सुरक्षा के लिए नदी के छोर पर तटबंध बनाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से सुरक्षा दीवार बनाने की अपील की है. वहीं, लोक निर्माण विभाग पिथौरागढ़ के अधिकारियों की ओर से सड़क के दुरस्तीकरण के लिए पोकलैंड मशीन की व्यवस्था की जा रही है.

Thal sath sealing highway Pithoragarh
थल सात सीलिंग राजमार्ग पर आवाजाही बंद (Photo- ETV Bharat)

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