लखनऊ : सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद से ही सपा मुखिया अखिलेश यादव यूपी एसटीएफ को निशाने पर लिए हुए हैं. STF को स्पेशल ठाकुर फोर्स बताने के बाद अखिलेश ने STF में तैनात अफसरों की जातिगत आंकड़ा पेश किया है. जिसमें उन्होंने PDA को तवज्जो न दिए जाने का आरोप लगाया है. ऐसे में आइये जानते हैं कि STF में किस किस जाति के अफसर तैनात हैं और अखिलेश यादव के आरोपों में कितनी सच्चाई है?
सबसे पहले जान लीजिए, अखिलेश ने STF के लिए क्या लिखा?
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने STF को लेकर क्या पोस्ट किया है. उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा- सरेआम ठोको फोर्स में तैनात लोगों का आंकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है. जो जनसंख्या में 10% हैं, उनको 90% तैनाती और जो जनसंख्या में 90% हैं, उनको 10% तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किए जाने का कोई खास मकसद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है. ‘विकाब’ के बारे में यूं भी कहा जा सकता है : बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लेकिन निर्बलों के खिलाफ. देखिएगा कि इस आंकड़े के सामने आते ही कैसे अपना मुंह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा. ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उप्र के लिए ‘विकाब’ विकार है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स में तैनात अफसरों कि संख्या भी जाति के आधार पर लिखी है. जिसके मुताबिक, एसटीएफ में तैनात 21 अफसरों में महज दो PDA यानिकि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक वर्ग का है.
पूर्व डीजीपी ब्रजलाल बोले- अखिलेश ने गलत जानकारी दी: हालांकि यूपी के पूर्व डीजीपी और खुद दलित वर्ग से आने वाले ब्रजलाल कहते हैं कि पुलिस फर्स में जो अफसर लायक होता है, उसे हर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती है, फिर चाहे वह किसी भी जाति का हो. पुलिस अफसर अपने काम से जाना जाता है न कि जाति से. ब्रजलाल कहते हैं कि, अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट में STF के अफसरों के बारे में दी जानकारी को गलत पेश किया है. STF में हर वर्ग के अफसर तैनात है.
एसटीएफ में तैनात अफसर
- यूपी STF में तीन आईपीएस और 18 PPS समेत 21 अफसरों की तैनाती है.
- इसमें कुल 10 क्षत्रिय, 3 ब्राह्मण, एक कायस्थ तीन यादव, एक गुर्जर, एक घुले (ओबीसी ), एक मुस्लिम, एक भूमिहार अफसर तैनात है.
- इसमें STF प्रमुख ADG क्षत्रिय तो दूसरे नम्बर के अफसर जो डीआईजी हैं, वो यादव हैं. इतना ही नहीं, तीसरे आईपीएस जो SP एसटीएफ हैं, वो ओबीसी वर्ग से आते हैं.
- इसके अलावा 9 अफसर क्षत्रिय हैं, जिसमे पांच एडिशनल SP और 4 डिप्टी SP हैं.
- वहीं दो यादव अफसर एडिशनल SP और तीन ब्राह्मण में एक एडिशनल SP और दो डिप्टी SP हैं.
- एक मुस्लिम अफसर है.
ये अफसर हैं तैनात
अमिताभ यश ADG -ठाकुर
कुलदीप नारायण DIG- यादव
घुले सुशील SP -ओबीसी
ASP STF
- दिनेश कुमार सिंह-ठाकुर
- विशाल विक्रम सिंह-ठाकुर
- सत्य सेन यादव
- राज कुमार मिश्रा-ब्राह्मण
- राकेश यादव
- विनोद कुमार सिंह-ठाकुर
- ब्रजेश कुमार सिंह-ठाकुर
- अमित कुमार नागर-गुर्जर
- लाल प्रताप सिंह-ठाकुर
- अब्दुल कादिर-मुस्लिम
DSP STF
- अविनेश्वर चंद्र श्रीवास्तव-कायस्थ
- संजीव कुमार दीक्षित-ब्राह्मण
- दीपक कुमार सिंह-ठाकुर
- प्रमेश कुमार शुक्ला-ब्राह्मण
- नवेंदु कुमार नवीन-भूमिहार
- विमल कुमार सिंह-ठाकुर
- धर्मेश कुमार शाही-ठाकुर
- शैलेश प्रताप सिंह-ठाकुर
इस बारे में भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेई कहते हैं, अखिलेश यादव की आंखों पर जाति का चश्मा चढ़ा हुआ है. उनको केवल एक ही जाति में PDA नजर आता है. वे PDA की सभी जातियों से परिचित भी नहीं हैं. इसलिए समय-समय पर ऊलजुलूल बयान देते रहते हैं. उनको पहले पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए.
वहीं सपा प्रवक्ता अजीज खान का कहना है कि हमारे नेता ने जो सवाल उठाए हैं, वो वाज़िब हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि यूपी STF में एक जाति के अफसरों का दबदबा है और वो दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के लोगों को टारगेट कर रहे है.