ETV Bharat / state

टिनेंट वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिव मोड में रांची पुलिस, लेकिन पब्लिक सुस्त - Tenant verification in jharkhand

Tenant verification. रांची पुलिस टिनेंट वेरिफिकेशन को लेकर काफी गंभीर है, कई बार जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया गया है, लेकिन इन सबका कोई खास असर आमलोगों पर नहीं पड़ रहा है. लोग बिना वेरिफिकेशन के मकान किराये पर दे देते हैं.

tenant-verification-to-prevent-crime-incidents-in-ranchi
राज्य पुलिस (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 26, 2024, 1:48 PM IST

रांची: राजधानी रांची में अपराध की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए रांची पुलिस 'टिनेंट वेरिफिकेशन' को लेकर काफी जोर दे रही है. इसके लिए बकायदा गली-गली में पुलिस के द्वारा माइक से अनाउंस भी कराया जा रहा है. पुलिस के द्वारा सभी मकान मालिकों से यह भी अपील की जा रही है कि वह अपने मकान में जिन लोगों को किराए पर रख रहे हैं, उनका आधार कार्ड, अन्य पहचान पत्र के साथ-साथ रेंट एग्रीमेंट को थाने में जमा करें, जिससे पुलिस उसका सत्यापन कर सके.

कई थाना क्षेत्रों में पुलिस के द्वारा किरायेदार के सत्यापन के लिए एक टाइम बॉन्ड भी रखा गया है. हालांकि किरायेदार के सत्यापन को लेकर जितनी रांची पुलिस एक्टिव है, इसके ठीक उलट आम लोग इसके प्रति बेहद लापरवाह दिख रहे हैं. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी थाना क्षेत्र में टिनेंट वेरीफिकेशन के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन रिजल्ट अनुकूल नहीं मिल रहा है. रिजल्ट को बेहतर करने के लिए अब पुलिस कुछ अलग कदम उठाने की सोच रही है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा.

संवाददाता प्रशांत कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

वेरिफिकेशन को लेकर पुलिस गंभीर

रांची पुलिस टिनेंट वेरीफिकेशन को लेकर बहुत सीरियस है, जिसके पीछे एक बड़ी वजह है. हाल के दिनों में लगभग एक दर्जन ऐसे कांड सामने आए हैं, जिसमें किराये पर मकान लेकर अपराधियों ने घटनाओं को अंजाम दिया. पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के कई गिरोह राजधानी रांची में किराए का मकान लेकर वारदतों को अंजाम देते रहे. जब वे पकड़े गए तब जानकारी मिली कि बिना किसी सत्यापन हुए रांची में ही किराए का मकान लेकर रह रहे थे.

इसके बाद पुलिस जांच चली, जिसमें रांची से एक दर्जन से ज्यादा वैसे साइबर अपराधी पकड़े गए हैं, जो जामताड़ा, गिरिडीह से रांची में आकर किराये के मकान में रहकर ठगी कर रहे थे. रांची से ही 8 बाइक चोर गिरोह के सदस्य भी पकड़े गए, जो रांची के ओरमांझी में रहकर बाइक चोरी की घटनाओं का अंजाम देते थे. ऐसे दर्जनों उदाहरण भरे पड़े हैं, जिनमें आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए किराए के मकान का प्रयोग किया गया.

वेरिफिकेशन हुआ तो अपराधी नहीं ले पाएंगे पनाह

रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति अपने किरायेदार का वेरिफिकेशन करवाता है तो पुलिस उस व्यक्ति के पहचान पत्रों को सीसीटीएनएस में डालकर चेक करती है. सीसीटीएनएस में देशभर के अपराधियों का डाटा होता है. अगर किरायेदार आपराधिक किस्म का है या फिर उस पर किसी तरह का कांड दर्ज है तो इससे तुरंत पता चल जाएगा.

अगर सभी मकान मालिक टिनेंट वेरीफिकेशन कर अपने किरायेदारों को रखें तो अपराधियों को शहर में रहने की जगह ही नहीं मिलेगी. ग्रामीण एसपी के अनुसार चाहे सिम बॉक्स का मामला हो या शहर में आधा दर्जन लूटकांड का, जिसमें सोना दुकानों में लूट विशेष तौर पर है. इन अपराधों में शामिल आरोपियों को बिना वेरिफिकेशन के दुकान और घर किराए पर दिया गया, जिसमें गैरकानूनी काम किया जा रहा था.

कौन-कौन से हैं चर्चित मामले

  • ओडिशा से जुड़ा सिम बॉक्स मामला पूरे देशभर में चर्चित हुआ था. जांच के दौरान यह बात सामने आई कि रांची के नामकूम स्थित एक किराए के मकान में सिम बॉक्स रैकेट चलाया जा रहा था. मकान मालिक ने सिम बॉक्स रैकेट को घर देने से पहले कोई वेरिफिकेशन नहीं करवाया.
  • पुलिस ने रांची के गोंदा, सदर और बरियातू से पिछले चार महीने में 18 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी साइबर अपराधी किराए के मकान में रहकर साइबर क्राइम किया करते थे. गोंदा थाना क्षेत्र से तो बिहार के नालंदा जिले के तीन साइबर क्रिमिनल भी पकड़े गए थे. तीनों किराये के मकान में रह रहे थे.
  • लालपुर पुलिस ने किराए के मकान में रहकर ठगी करने वाले शातिर ठग रवि वर्मा को गिरफ्तार किया था. रवि वर्मा मुख्यमंत्री का सचिव बनकर ठगी किया करता था.
  • रांची पुलिस के द्वारा मोबाइल चोरी करने वाले तीन पहाड़ी गिरोह के 8 सदस्यों को पकड़ा गया था. सभी किराये के मकान में रहकर मोबाइल की चोरी किया करते थे.
  • रांची के जगन्नाथपुर पुलिस ने एक फर्जी जज को गिरफ्तार किया था, जो किराए के मकान में रहकर आसपास के लोगों को खुद को जज बता कर ठगी किया करता था.
  • रांची पुलिस ने ओरमांझी, रातू, मांडर इलाके से हाल में ही एक दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनमें कोढ़ा गिरोह से लेकर तीन पहाड़ी, बंगाल और ओडिशा तक के अपराधी पकड़े गए. सभी अपने आप को मजदूर बताकर किराए के मकान में रह रहे थे.

ये भी पढ़ें: विदेशों तक फैला साइबर क्राइम मकड़जाल, इंडियन सिमकार्ड से विदेशी धरती पर ठगी!

ये भी पढ़ें: रांची में 80 लाख की साइबर ठगी का खुलासा, तमिलनाडु से आरोपी गिरफ्तार, राशि दस गुणा करने का दिया था झांसा, कैसे खुली पोल

रांची: राजधानी रांची में अपराध की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए रांची पुलिस 'टिनेंट वेरिफिकेशन' को लेकर काफी जोर दे रही है. इसके लिए बकायदा गली-गली में पुलिस के द्वारा माइक से अनाउंस भी कराया जा रहा है. पुलिस के द्वारा सभी मकान मालिकों से यह भी अपील की जा रही है कि वह अपने मकान में जिन लोगों को किराए पर रख रहे हैं, उनका आधार कार्ड, अन्य पहचान पत्र के साथ-साथ रेंट एग्रीमेंट को थाने में जमा करें, जिससे पुलिस उसका सत्यापन कर सके.

कई थाना क्षेत्रों में पुलिस के द्वारा किरायेदार के सत्यापन के लिए एक टाइम बॉन्ड भी रखा गया है. हालांकि किरायेदार के सत्यापन को लेकर जितनी रांची पुलिस एक्टिव है, इसके ठीक उलट आम लोग इसके प्रति बेहद लापरवाह दिख रहे हैं. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी थाना क्षेत्र में टिनेंट वेरीफिकेशन के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन रिजल्ट अनुकूल नहीं मिल रहा है. रिजल्ट को बेहतर करने के लिए अब पुलिस कुछ अलग कदम उठाने की सोच रही है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा.

संवाददाता प्रशांत कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

वेरिफिकेशन को लेकर पुलिस गंभीर

रांची पुलिस टिनेंट वेरीफिकेशन को लेकर बहुत सीरियस है, जिसके पीछे एक बड़ी वजह है. हाल के दिनों में लगभग एक दर्जन ऐसे कांड सामने आए हैं, जिसमें किराये पर मकान लेकर अपराधियों ने घटनाओं को अंजाम दिया. पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के कई गिरोह राजधानी रांची में किराए का मकान लेकर वारदतों को अंजाम देते रहे. जब वे पकड़े गए तब जानकारी मिली कि बिना किसी सत्यापन हुए रांची में ही किराए का मकान लेकर रह रहे थे.

इसके बाद पुलिस जांच चली, जिसमें रांची से एक दर्जन से ज्यादा वैसे साइबर अपराधी पकड़े गए हैं, जो जामताड़ा, गिरिडीह से रांची में आकर किराये के मकान में रहकर ठगी कर रहे थे. रांची से ही 8 बाइक चोर गिरोह के सदस्य भी पकड़े गए, जो रांची के ओरमांझी में रहकर बाइक चोरी की घटनाओं का अंजाम देते थे. ऐसे दर्जनों उदाहरण भरे पड़े हैं, जिनमें आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए किराए के मकान का प्रयोग किया गया.

वेरिफिकेशन हुआ तो अपराधी नहीं ले पाएंगे पनाह

रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति अपने किरायेदार का वेरिफिकेशन करवाता है तो पुलिस उस व्यक्ति के पहचान पत्रों को सीसीटीएनएस में डालकर चेक करती है. सीसीटीएनएस में देशभर के अपराधियों का डाटा होता है. अगर किरायेदार आपराधिक किस्म का है या फिर उस पर किसी तरह का कांड दर्ज है तो इससे तुरंत पता चल जाएगा.

अगर सभी मकान मालिक टिनेंट वेरीफिकेशन कर अपने किरायेदारों को रखें तो अपराधियों को शहर में रहने की जगह ही नहीं मिलेगी. ग्रामीण एसपी के अनुसार चाहे सिम बॉक्स का मामला हो या शहर में आधा दर्जन लूटकांड का, जिसमें सोना दुकानों में लूट विशेष तौर पर है. इन अपराधों में शामिल आरोपियों को बिना वेरिफिकेशन के दुकान और घर किराए पर दिया गया, जिसमें गैरकानूनी काम किया जा रहा था.

कौन-कौन से हैं चर्चित मामले

  • ओडिशा से जुड़ा सिम बॉक्स मामला पूरे देशभर में चर्चित हुआ था. जांच के दौरान यह बात सामने आई कि रांची के नामकूम स्थित एक किराए के मकान में सिम बॉक्स रैकेट चलाया जा रहा था. मकान मालिक ने सिम बॉक्स रैकेट को घर देने से पहले कोई वेरिफिकेशन नहीं करवाया.
  • पुलिस ने रांची के गोंदा, सदर और बरियातू से पिछले चार महीने में 18 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी साइबर अपराधी किराए के मकान में रहकर साइबर क्राइम किया करते थे. गोंदा थाना क्षेत्र से तो बिहार के नालंदा जिले के तीन साइबर क्रिमिनल भी पकड़े गए थे. तीनों किराये के मकान में रह रहे थे.
  • लालपुर पुलिस ने किराए के मकान में रहकर ठगी करने वाले शातिर ठग रवि वर्मा को गिरफ्तार किया था. रवि वर्मा मुख्यमंत्री का सचिव बनकर ठगी किया करता था.
  • रांची पुलिस के द्वारा मोबाइल चोरी करने वाले तीन पहाड़ी गिरोह के 8 सदस्यों को पकड़ा गया था. सभी किराये के मकान में रहकर मोबाइल की चोरी किया करते थे.
  • रांची के जगन्नाथपुर पुलिस ने एक फर्जी जज को गिरफ्तार किया था, जो किराए के मकान में रहकर आसपास के लोगों को खुद को जज बता कर ठगी किया करता था.
  • रांची पुलिस ने ओरमांझी, रातू, मांडर इलाके से हाल में ही एक दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनमें कोढ़ा गिरोह से लेकर तीन पहाड़ी, बंगाल और ओडिशा तक के अपराधी पकड़े गए. सभी अपने आप को मजदूर बताकर किराए के मकान में रह रहे थे.

ये भी पढ़ें: विदेशों तक फैला साइबर क्राइम मकड़जाल, इंडियन सिमकार्ड से विदेशी धरती पर ठगी!

ये भी पढ़ें: रांची में 80 लाख की साइबर ठगी का खुलासा, तमिलनाडु से आरोपी गिरफ्तार, राशि दस गुणा करने का दिया था झांसा, कैसे खुली पोल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.