पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन दिनों जन विश्वास यात्रा पर हैं. इस दौरान आज 22 फरवरी को वो सिवान में जनता को संबोधित करेगें. इसे लेकर सिवान में स्थानीय आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बड़ी तैयारी की है. कल रात को ही जब तेजस्वी यादव सिवान पहुंचे तो कार्यताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
सिवान में तेजस्वी की जन विश्वास यात्राः आज सिवान में उनकी यात्रा को लेकर चर्चा ये भी है कि वो मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब से भी मुलाकात कर सकते हैं, क्योंकि आरजेडी की ओर से पहले ही ये साफ कहा गया था कि सभी पुराने लोगों को साथ लाने की कोशिश की जाएगी. अब सवाल ये है कि काफी दिनों से पार्टी से नाराज चल रही हेना शहाब क्या आज यात्रा में शामिल होंगी, क्योंकि पिछले साल ही उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि वो अभी किसी पार्टी में नहीं हैं.
हेना शहाब के शामिल होने की है चर्चा: पिछले कुछ महीनों से इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि हेना शहाब और उनके बेटे जल्द ही आरजेडी को छोड़कर जेडीयू का दामन थाम सकते हैं. इसको लेकर हेना ने संकेत भी दिए हैं. हालांकि चिराग पासवान से भी शहाबुद्दीन परिवार की नजदीकी बढ़ी है. माना जा रहा है कि राज्यसभा नहीं भेजे जाने से हेना शहाब नाराज हैं. साथ ही जिस तरह से लालू फैमिली ने शहाबुद्दीन परिवार से दूरी बना रखी है, उससे भी वह नाराज हैं. अब देखना ये है कि क्या आज तेजस्वी यादव अपने पुराने लोगों को साथ लाने में कामयाब होते हैं या नहीं.
माई समीकरण को बचा पाएंगे तेजस्वी? : लालू प्रसाद यादव राजनीति में जब तक पूरी तरह सक्रिय रहे एमवाई समीकरण को साधे रखा. बिहार में 17% से अधिक मुस्लिम हैं, जिनकी ताकत वो समझते थे आज भी मुस्लिम समाज आरजेडी को वोट करने में पीछे नहीं रहता. हालांकि नीतीश कुमार के मुस्लिम अटैचमेंट ने कुछ हद तक इस वोट बैंक को प्रभावित किया, लेकिन अब नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए हैं, तो मुसलमानों को अब आरजेडी से ही उम्मीद बची है. क्योंकि ये माना जाता है कि मुस्लिम समाज उसी गठबंधन की तरफ होता है, जो बीजेपी विरोधी हो.
सिर्फ मुस्लिम वोटों की राजनीति नहींः वहीं, तेजस्वी यादव अपने पिता की तरह सिर्फ मुस्लिम वोटों की राजनीति करना नहीं चाहते. अब उन्होंने समीकरण बदल दिया है, वो माई से आगे बाप की बात करते हैं और अपनी पार्टी को माई-बाप की पार्टी बताते हैं. वो जान चुके हैं कि सिर्फ मुसलमानों की बात करके अब राजनीति नहीं की जा सकती. हालांकि अपने पिता के पुराने समीकरण को भी वो साथ लेकर चलना चाहते हैं. उन्होंने कई बार कहा कि उनकी पार्टी ए-टू-जेड की पार्टी है. इसका फायदा उन्हें कितना मिलेगा ये तो समय बताएगा. वैसे माई समीकरण का एक बड़ा वोट बैंक आज भी तेजस्वी के साथ है, क्योंकि लालू यादव लंबे समय तक बीजेपी का भय दिखाकर इस वोट बैंक पर राज करते रहे हैं और देखा जाए तो ये सच भी है कि आज तक उन्होंने बीजेपी का विरोध करके मुस्लमानों का दिल जीत रखा है.
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