बलरामपुर: जिला मुख्यालय के नजदीक टांगरमहरी गांव के प्रसिद्ध प्राचीन शिवगढ़ी मंदिर में हर तालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाओं की भीड़ नजर आई. दूर दूर से महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने यहां पहुंची. तीज व्रत करने वाली महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर कथा भी सुनी. शिवगढ़ी मंदिर की मान्यता है कि यहां भगवान शिव स्वयंभू विराजमान हैं और श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा व्रत: तीज व्रत के दिन शिवगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंची व्रती महिलाओं ने तीज व्रत की महिमा के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि तीज व्रत भादो मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए यह व्रत रखती हैं. इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं की मनोकामना पूरी होती है.
शिवगढ़ी मंदिर में स्वयंभू शिव हैं विराजमान: मंदिर के पुजारी पंडित दिनेश शुक्ला ने मंदिर की विशेषता बताते हुए कहा कि चनान नदी के किनारे पर स्थित शिवगढ़ी मंदिर बहुत प्राचीन है. यहां स्वयंभू शिव है. स्वयंभू शिव चारों तरफ से बांस के पेड़ों से घिरे हुए थे. आसपास के गांव सहित दूरदराज के क्षेत्रों से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं. भक्तों की हर मनोकामना यहां पूरी होती है इस वजह से भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद हर हाल में प्रभु के दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि और सावन में यहां भव्य मेला लगाया जाता है.