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यूपी में आफत की बाढ़: श्रावस्ती के इस गांव को लील रही राप्ती, 150 बीघा खेत-8 मकान नदी में समाए; बचे परिवार अब खुद ही तोड़ रहे अपना घर - Rapti river flood in Shravasti

जिले में राप्ती नदी में ने सैकड़ों परिवारों को विस्थापित कर दिया है. नदी के किनारे बसा टेढ़वा जगरावल गांव इसकी जद में आ गया है. यहां के निवासी खुद ही अपना घर तोड़ रहे हैं. इसके साथ ही लोग घर का सामान लेकर दूसरी जगह जाते दिख रहे हैं.

श्रावस्ती के टेढवा गांव में राप्ती नदी के कटान के भय से घर-गृहस्थी का सामान लेकर निकलते लोग.
श्रावस्ती के टेढवा गांव में राप्ती नदी के कटान के भय से घर-गृहस्थी का सामान लेकर निकलते लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 11, 2024, 4:29 PM IST

Updated : Aug 11, 2024, 9:53 PM IST

श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं.
श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

श्रावस्ती: जिले में राप्ती नदी में ने सैकड़ों परिवारों को विस्थापित कर दिया है. नदी के किनारे बसा टेढ़वा जगरावल गांव इसकी जद में आ गया है. यहां के निवासी खुद ही अपना घर तोड़ रहे हैं. इसके साथ ही लोग घर का सामान लेकर दूसरी जगह जाते दिख रहे हैं. अपना आशियाना टूटता देखकर महिलाएं और बच्चे फूट-फूटकर रोते दिख रहे हैं.

श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं.
श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

150 बीघा खेत और 8 मकान राप्ती में समाए : पहाड़ों पर हो रही बरसात के बाद श्रावस्ती में राप्ती नदी कहर बरपा रही है. इकौना ब्लाक के जगरावल गढ़ी का टेढ़वा गांव राप्ती की धारा में विलीन हो रहा है. 50 परिवारों के लगभग 150 बीघा खेत और दो दिनों में आठ घर राप्ती की धारा में समाहित हो चुके हैं. लगभग 52 मकान कटान की कगार पर हैं. कटान के भय से ग्रामीण अपने हाथों अपना आशियाना तोड़ ईंटों और खिड़की-दरवाजों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

श्रावस्ती का टेढवा गांव राप्ती की कटान के जद में आ गया है.
श्रावस्ती का टेढवा गांव राप्ती की कटान के जद में आ गया है. (Photo Credit; ETV Bharat)

पूरा गांव कटान की जद में : टेढ़वा गांव में अपना घर तोड़ रहे खेदूराम ने बताया कि पूरा गांव कटान की जद में है. आठ घर नदी में समा चुके हैं. रविवार को ईटीवी भारत ने टेढ़वा गांव के निवासियों का हाल जाना. राम मनोहर अपने घर को गिराने में लगे मिले. पसीने से तर-बतर हालत में कहा कि, खून पसीने की कमाई से यह मकान बनवाया था. अब कुदरत के कोप का शिकार होकर इसे खुद गिराने का कार्य कर रहा हूं. इसी प्रकार सचिन, महेश, गोविंद, राम मनोहर शर्मा अपने हाथों अपना आशियाना तोड़कर अन्यत्र ठिकाने की तलाश में गांव से पलायन कर रहे हैं. यहीं के बड़का ने बताया कि खेत पहले ही नदी के कटान की भेंट चढ़ चुका है. अब घर भी कट रहा है.

आंखों में आंसू लिए अखिलेश शर्मा अपने घर के आधे हिस्से को तोड़ चुके हैं. वे कहते हैं कि इसी घर से हमारे बचपन की यादें और हमारे बच्चों का बचपन जुड़ा है. आज अपने हाथों से तोड़ना पड़ रहा है. ऐसा हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये दिन भी राप्ती मैया हमें दिखाएंगी.

टेढ़वा गांव का अस्तित्व खतरे में : जगरावल गढ़ी (टेढ़वा) में राप्ती की कटान थमने का नाम ही नहीं ले रही है. ग्राम प्रधान महेश मिश्रा कहते हैं कि वर्ष 2022 से राप्ती नदी की धारा इस गांव को चपेट में लेने लगी है. इस बार जलस्तर घटने के साथ ही कटान और भी तेज होती गई. बचाव के लिए प्रशासनिक स्तर से प्रयास नहीं किया गया तो शेष बचे लगभग 52 घर और उच्च प्राथमिक विद्यालय को कटान से नहीं बचाया जा सकता है.

पहले हुए भूमिहीन अब हो गए बेघर : टेढ़वा गांव निवासी राम मनोहर, मंगरे,बबलू, राम गोपाल, विनय,सुखराम, राजू और चंपा देवी ने बताया कि उनके खेत नदी की धारा में समा गए, इससे वह लोग भूमिहीन हो गए हैं.अब घर भी दो दिनों के अंदर नदी में समाहित हो चुके है. पंचायत भवन में ही बसेरा डाले हैं.

डीएम ने ली जानकारी : रविवार को जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी तहसील इकौना के ग्राम टेढ़वा जंगरावल पहुंचकर कटान प्रभावित लोगों से मिले. इस दौरान उन्होंने मौके पर स्थिति का जायजा लिया. बताया कि बाढ़ की कटान में आए हुए घरों के परिजनों को बाढ़ शरणालय पहुंचाया जा रहा है. संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ कटान के जो भी कार्य है, उन्हें तत्काल कराया जाए.जिन लोगों के पास राशन आदि की समस्या है, उन्हें मुहैया कराया जाए. बताया कि राप्ती नदी में आई बाढ़ से पूर्व में तीन व्यक्तियों का मकान बह गया था, जिनको सहायता राशि दी जा चुकी है.

मिर्जापुर में धंस रहीं सड़कें (Video Credit; ETV Bharat)

मिर्जापुर में धंस रहीं सड़कें : लगातार हो रहे बारिश से नगर पालिका क्षेत्र की सड़कें जगह-जगह धंस रही हैं. यहां 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. इससे लालडिग्गी, मुजफ्फरगंज और विंध्याचल के पटेगरा के पास सड़कें धस गईं हैं. लालडिग्गी, मुजफ्फरगंज में अंग्रेजों के समय की बनी सीवर लाइन पर बनी पटरी धंस गई है. विंध्याचल के पटेगरा के पास भी सड़क धस गई है. नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर समस्या का जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया है.

प्रयागराज में घटने लगीं गंगा-यमुना, सोमवार से शुरू होंगे हनुमान जी के दर्शन : प्रयागराज में गंगा-यमुना का घटने लगा है. एनडीआरएफ के अधिकारियों की मानें तो पानी जरू घटने लगा है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. क्योंकि पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और डैम से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. कुछ दिनों के भीतर अगर पानी प्रयागराज पहुंचेगा तो एक बार फिर से यहां के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालात हो सकते हैं. बता दें कि संगम का जलस्तर बढ़ने से पानी संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर चौखट तक पहुंच गया था. अब लोगों को इंतजार है कि सोमवार से दर्शन शुरू हो जाएंगे.

उन्नाव में बारिश से सड़कें लबालब हो गईं. (Photo Credit; ETV Bharat)

उन्नाव में बारिश से सड़कें हुईं लबालब, अस्पताल में घुसा पानी : बांगरमउ नगर में रविवार की शाम करीब डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश से सभी सड़कें जलमग्न हो गईं. गलियों में चार-चार फीट तक पानी भर गया. बड़ा नाला चोक होने से लखनऊ मार्ग चौराहा तालाब बन गया. दुकानों में पानी घुस गया. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जलभराव हो गया. चिकित्सा कर्मी, मरीज़ एवं तीमारदार कक्षों और वार्डों में घंटों कैद रहे. भारी बारिश से अस्पताल रोड, संडीला तिराहा, नौनिहाल गंज बाजार और गढ़ी आदि मोहल्ले टापू बन गए. नौनिहाल गंज के कपड़ा बाजार, गुड़ मंडी, सब्जी मंडी तथा मछली मंडी में दुकानदारों को अपना सामान भीगने से बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा.

यह भी पढ़ें : गंगा में बाढ़ के कारण विश्वनाथ धाम के के तीन एंट्री गेट बंद, जानिए अब कैसे मिलेगा मंदिर में प्रवेश - Vishwanath Dham entry gates closed

श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं.
श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

श्रावस्ती: जिले में राप्ती नदी में ने सैकड़ों परिवारों को विस्थापित कर दिया है. नदी के किनारे बसा टेढ़वा जगरावल गांव इसकी जद में आ गया है. यहां के निवासी खुद ही अपना घर तोड़ रहे हैं. इसके साथ ही लोग घर का सामान लेकर दूसरी जगह जाते दिख रहे हैं. अपना आशियाना टूटता देखकर महिलाएं और बच्चे फूट-फूटकर रोते दिख रहे हैं.

श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं.
श्रावस्ती के टेढवा गांव में लोग खुद ही अपना मकान तोड़ रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

150 बीघा खेत और 8 मकान राप्ती में समाए : पहाड़ों पर हो रही बरसात के बाद श्रावस्ती में राप्ती नदी कहर बरपा रही है. इकौना ब्लाक के जगरावल गढ़ी का टेढ़वा गांव राप्ती की धारा में विलीन हो रहा है. 50 परिवारों के लगभग 150 बीघा खेत और दो दिनों में आठ घर राप्ती की धारा में समाहित हो चुके हैं. लगभग 52 मकान कटान की कगार पर हैं. कटान के भय से ग्रामीण अपने हाथों अपना आशियाना तोड़ ईंटों और खिड़की-दरवाजों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

श्रावस्ती का टेढवा गांव राप्ती की कटान के जद में आ गया है.
श्रावस्ती का टेढवा गांव राप्ती की कटान के जद में आ गया है. (Photo Credit; ETV Bharat)

पूरा गांव कटान की जद में : टेढ़वा गांव में अपना घर तोड़ रहे खेदूराम ने बताया कि पूरा गांव कटान की जद में है. आठ घर नदी में समा चुके हैं. रविवार को ईटीवी भारत ने टेढ़वा गांव के निवासियों का हाल जाना. राम मनोहर अपने घर को गिराने में लगे मिले. पसीने से तर-बतर हालत में कहा कि, खून पसीने की कमाई से यह मकान बनवाया था. अब कुदरत के कोप का शिकार होकर इसे खुद गिराने का कार्य कर रहा हूं. इसी प्रकार सचिन, महेश, गोविंद, राम मनोहर शर्मा अपने हाथों अपना आशियाना तोड़कर अन्यत्र ठिकाने की तलाश में गांव से पलायन कर रहे हैं. यहीं के बड़का ने बताया कि खेत पहले ही नदी के कटान की भेंट चढ़ चुका है. अब घर भी कट रहा है.

आंखों में आंसू लिए अखिलेश शर्मा अपने घर के आधे हिस्से को तोड़ चुके हैं. वे कहते हैं कि इसी घर से हमारे बचपन की यादें और हमारे बच्चों का बचपन जुड़ा है. आज अपने हाथों से तोड़ना पड़ रहा है. ऐसा हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये दिन भी राप्ती मैया हमें दिखाएंगी.

टेढ़वा गांव का अस्तित्व खतरे में : जगरावल गढ़ी (टेढ़वा) में राप्ती की कटान थमने का नाम ही नहीं ले रही है. ग्राम प्रधान महेश मिश्रा कहते हैं कि वर्ष 2022 से राप्ती नदी की धारा इस गांव को चपेट में लेने लगी है. इस बार जलस्तर घटने के साथ ही कटान और भी तेज होती गई. बचाव के लिए प्रशासनिक स्तर से प्रयास नहीं किया गया तो शेष बचे लगभग 52 घर और उच्च प्राथमिक विद्यालय को कटान से नहीं बचाया जा सकता है.

पहले हुए भूमिहीन अब हो गए बेघर : टेढ़वा गांव निवासी राम मनोहर, मंगरे,बबलू, राम गोपाल, विनय,सुखराम, राजू और चंपा देवी ने बताया कि उनके खेत नदी की धारा में समा गए, इससे वह लोग भूमिहीन हो गए हैं.अब घर भी दो दिनों के अंदर नदी में समाहित हो चुके है. पंचायत भवन में ही बसेरा डाले हैं.

डीएम ने ली जानकारी : रविवार को जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी तहसील इकौना के ग्राम टेढ़वा जंगरावल पहुंचकर कटान प्रभावित लोगों से मिले. इस दौरान उन्होंने मौके पर स्थिति का जायजा लिया. बताया कि बाढ़ की कटान में आए हुए घरों के परिजनों को बाढ़ शरणालय पहुंचाया जा रहा है. संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ कटान के जो भी कार्य है, उन्हें तत्काल कराया जाए.जिन लोगों के पास राशन आदि की समस्या है, उन्हें मुहैया कराया जाए. बताया कि राप्ती नदी में आई बाढ़ से पूर्व में तीन व्यक्तियों का मकान बह गया था, जिनको सहायता राशि दी जा चुकी है.

मिर्जापुर में धंस रहीं सड़कें (Video Credit; ETV Bharat)

मिर्जापुर में धंस रहीं सड़कें : लगातार हो रहे बारिश से नगर पालिका क्षेत्र की सड़कें जगह-जगह धंस रही हैं. यहां 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. इससे लालडिग्गी, मुजफ्फरगंज और विंध्याचल के पटेगरा के पास सड़कें धस गईं हैं. लालडिग्गी, मुजफ्फरगंज में अंग्रेजों के समय की बनी सीवर लाइन पर बनी पटरी धंस गई है. विंध्याचल के पटेगरा के पास भी सड़क धस गई है. नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर समस्या का जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया है.

प्रयागराज में घटने लगीं गंगा-यमुना, सोमवार से शुरू होंगे हनुमान जी के दर्शन : प्रयागराज में गंगा-यमुना का घटने लगा है. एनडीआरएफ के अधिकारियों की मानें तो पानी जरू घटने लगा है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. क्योंकि पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और डैम से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. कुछ दिनों के भीतर अगर पानी प्रयागराज पहुंचेगा तो एक बार फिर से यहां के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालात हो सकते हैं. बता दें कि संगम का जलस्तर बढ़ने से पानी संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर चौखट तक पहुंच गया था. अब लोगों को इंतजार है कि सोमवार से दर्शन शुरू हो जाएंगे.

उन्नाव में बारिश से सड़कें लबालब हो गईं. (Photo Credit; ETV Bharat)

उन्नाव में बारिश से सड़कें हुईं लबालब, अस्पताल में घुसा पानी : बांगरमउ नगर में रविवार की शाम करीब डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश से सभी सड़कें जलमग्न हो गईं. गलियों में चार-चार फीट तक पानी भर गया. बड़ा नाला चोक होने से लखनऊ मार्ग चौराहा तालाब बन गया. दुकानों में पानी घुस गया. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जलभराव हो गया. चिकित्सा कर्मी, मरीज़ एवं तीमारदार कक्षों और वार्डों में घंटों कैद रहे. भारी बारिश से अस्पताल रोड, संडीला तिराहा, नौनिहाल गंज बाजार और गढ़ी आदि मोहल्ले टापू बन गए. नौनिहाल गंज के कपड़ा बाजार, गुड़ मंडी, सब्जी मंडी तथा मछली मंडी में दुकानदारों को अपना सामान भीगने से बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा.

यह भी पढ़ें : गंगा में बाढ़ के कारण विश्वनाथ धाम के के तीन एंट्री गेट बंद, जानिए अब कैसे मिलेगा मंदिर में प्रवेश - Vishwanath Dham entry gates closed

Last Updated : Aug 11, 2024, 9:53 PM IST
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