बागपत: एक अध्ययन के अनुसार, कोहरे में सड़क हादसे का एक प्रमुख कारण आवारा पशु भी होते है. कुल सड़क हादसों में 26 फीसदी हादसे आवारा पशुओं के कारण होते हैं. इन हादसों में वाहन चालकों के साथ-साथ पशु की भी जान चली जाती है. वहीं, इन हादसों से बचाव के लिए युवाओं के एक समूह ने एक सार्थक पहल की है. युवाओं का ये जत्था बागपत के गांव-गांव जा कर आवारा पशुओं और स्ट्रीट डॉग्स के गले में रेडियम वाला पट्टा पहना रहा है. इस टीम को अब ग्रामीणों का भी सहयोग मिल रहा है.
टीम बजाते रहो नाम का युवाओं का ये समूह अब तक 350 पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट बांध चुका है और ये अभियान लगातार जारी है. टीम बजाते रहो समूह के राजीव तोमर सीआरपीएफ में नोकरी करते है और अपनी छुट्टियों पर इस टीम के साथ जुड़कर काम करते है.
राजीव तोमर ने बताया कि गांवों और सड़कों पर आवारा पशु काफी है और जब कोहरा पड़ता है, तो आवारा पशुओं कोहरे की वजह से दिखाई नहीं देते. इसलिए उनके गले में रिफ्लेक्टर और रेडियम की बेल्ट बंधी हुई है, ताकि जो लाइट की रोशनी जब इनके ऊपर पड़ेगी तो वह वापस रिफ्लेक्शन गाड़ी के ड्राइवर को दिखाई देगा, जिससे सड़क हादसे में कमी आएगी. उनकी जान भी ना जाए. हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि अधिक से अधिक युवा हमारे साथ जुड़े. फिलहाल हमारी टीम पिछले 3 महीने से यह मुहिम मेरठ, शामली, बागपत और बड़ौत में काम कर रही है. हमारी टीम में कुल 10 सदस्य है.
ग्रामीण अंकुश तोमर ने बताया कि क्षेत्र में एक मुहिम चलाई गई है. टीम बजाते रहो की तरफ से पशुओं और आवारा कुत्तों को यह बेल्ट बांधी जा रही है. बहुत अच्छी पहल है. कोहरे की वजह से यह बेल्ट बांधी गई है. करीब 430 रेडियम बेल्ट लाई गई थी, जिसमें से 350 बेल्ट आवारा पशुओं को बांधा जा चुका है.
ग्रामीण कुलदीप तोमर ने बताता बजाते रहो टीम बहुच अच्छा काम कर रहा है. जगह-जगह पशु घूमते हैं तो आए दिन हादसे के शिकार होते थे, लेकिन यह बेल्ट बांधने के बाद काफी हादसों हादसों में कमी आएगी.
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