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बिहार के सरकारी स्कूलों में नहाए खाए और खरना के दिन खुले हैं विद्यालय, छठ में सिर्फ 3 दिन की छुट्टी

दीपावली और छठ पर्व में सरकारी विद्यालयों में अवकाश कटौती को लेकर शिक्षक परेशान हैं. छुट्टियां बढ़ाने की मांग तेज हो गई है.

सरकारी स्कूलों में छुट्टी पर तकरार
सरकारी स्कूलों में छुट्टी पर तकरार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 7 hours ago

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में दिवाली और छठ महापर्व पर छुट्टियां बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने संयुक्त तौर पर अवकाश में संशोधन की मांग की है. सरकार के शिक्षा विभाग के साल 2024 के अवकाश कैलेंडर के मुताबिक छठ महापर्व के नहाए खाए और खरना के दिन भी विद्यालय खुले हुए हैं.

शिक्षक संघ ने जताया विरोध: शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग है कि पूर्व की भांति दीपावली से छठ पूजा तक विद्यालय की छुट्टी की जाए. शिक्षक संगठनों का कहना है कि इस दौरान विद्यालय में बच्चों की भी संख्या कम रहती है और काफी संख्या में शिक्षक छठ महापर्व करते हैं. शिक्षक संगठनों का यह भी कहना है कि 1947 से 2023 तक दीपावली से छठ महापर्व तक विद्यालयों की छुट्टियां रही हैं तो इस बार भी इसे बरकरार रखा जाए.

टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह (ETV Bharat)

नहाए खाए और खरना के दिन खुले हैं विद्यालय: दीपावली में सरकारी विद्यालयों में मात्र एक दिन की छुट्टी दी गई है. प्रदेश में काफी तादाद में दूसरे राज्यों के शिक्षक भी कार्यरत हैं. ऐसे में यह सभी शिक्षक चिंतित है कि वह कैसे एक दिन की छुट्टी में अपने परिवार के साथ दीपावली मना पाएंगे.

छुट्टी को लेकर शिक्षक परेशान: दीपावली और छठ पर्व में सरकारी विद्यालयों में अवकाश कटौती को लेकर सभी शिक्षक परेशान हैं. छठ महापर्व चार दिनों का होता है लेकिन इसमें दो दिन ही छुट्टी मिल रही है. अवकाश कैलेंडर के मुताबिक 7 से 9 नवंबर को छुट्टी है. जबकि छठ महापर्व 5 नवंबर से नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है और 6 नवंबर को खरना है, 7 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 8 नवंबर को सुबह के अर्घ्य के साथ पूजा की समाप्ति है.

"31 को दीपावली है और फिर 3 तारीख को भाई दूज की छुट्टी है. अभी तक दीपावली से छठ तक छुट्टी रहती रही है. ऐसे में सरकार से उनकी मांग यही है कि पूर्व के अनुरूप 31 अक्टूबर से 8 नवंबर तक सरकारी विद्यालयों में छुट्टी दी जाए. इसके लिए जल्द अवकाश तालिका में संशोधन किया जाए."-राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ

'अधिकांश महिलाएं करतीं हैं पर्व': छठ महापर्व काफी शुद्धता का पर्व होता है और विद्यालयों में कार्यरत 60% के करीब महिला शिक्षकों में अधिकांश छठ महापर्व करती हैं. इसके अलावा काफी संख्या में पुरुष शिक्षक भी छठ महापर्व करते हैं. नहाय खाय और खरना दोनों तिथियों को सरकारी विद्यालय खुले होने से शिक्षिकाएं इस बात से परेशान हैं कि इस वर्ष कैसे छठ महापर्व हो पाएगा.

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पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में दिवाली और छठ महापर्व पर छुट्टियां बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने संयुक्त तौर पर अवकाश में संशोधन की मांग की है. सरकार के शिक्षा विभाग के साल 2024 के अवकाश कैलेंडर के मुताबिक छठ महापर्व के नहाए खाए और खरना के दिन भी विद्यालय खुले हुए हैं.

शिक्षक संघ ने जताया विरोध: शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग है कि पूर्व की भांति दीपावली से छठ पूजा तक विद्यालय की छुट्टी की जाए. शिक्षक संगठनों का कहना है कि इस दौरान विद्यालय में बच्चों की भी संख्या कम रहती है और काफी संख्या में शिक्षक छठ महापर्व करते हैं. शिक्षक संगठनों का यह भी कहना है कि 1947 से 2023 तक दीपावली से छठ महापर्व तक विद्यालयों की छुट्टियां रही हैं तो इस बार भी इसे बरकरार रखा जाए.

टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह (ETV Bharat)

नहाए खाए और खरना के दिन खुले हैं विद्यालय: दीपावली में सरकारी विद्यालयों में मात्र एक दिन की छुट्टी दी गई है. प्रदेश में काफी तादाद में दूसरे राज्यों के शिक्षक भी कार्यरत हैं. ऐसे में यह सभी शिक्षक चिंतित है कि वह कैसे एक दिन की छुट्टी में अपने परिवार के साथ दीपावली मना पाएंगे.

छुट्टी को लेकर शिक्षक परेशान: दीपावली और छठ पर्व में सरकारी विद्यालयों में अवकाश कटौती को लेकर सभी शिक्षक परेशान हैं. छठ महापर्व चार दिनों का होता है लेकिन इसमें दो दिन ही छुट्टी मिल रही है. अवकाश कैलेंडर के मुताबिक 7 से 9 नवंबर को छुट्टी है. जबकि छठ महापर्व 5 नवंबर से नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है और 6 नवंबर को खरना है, 7 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 8 नवंबर को सुबह के अर्घ्य के साथ पूजा की समाप्ति है.

"31 को दीपावली है और फिर 3 तारीख को भाई दूज की छुट्टी है. अभी तक दीपावली से छठ तक छुट्टी रहती रही है. ऐसे में सरकार से उनकी मांग यही है कि पूर्व के अनुरूप 31 अक्टूबर से 8 नवंबर तक सरकारी विद्यालयों में छुट्टी दी जाए. इसके लिए जल्द अवकाश तालिका में संशोधन किया जाए."-राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ

'अधिकांश महिलाएं करतीं हैं पर्व': छठ महापर्व काफी शुद्धता का पर्व होता है और विद्यालयों में कार्यरत 60% के करीब महिला शिक्षकों में अधिकांश छठ महापर्व करती हैं. इसके अलावा काफी संख्या में पुरुष शिक्षक भी छठ महापर्व करते हैं. नहाय खाय और खरना दोनों तिथियों को सरकारी विद्यालय खुले होने से शिक्षिकाएं इस बात से परेशान हैं कि इस वर्ष कैसे छठ महापर्व हो पाएगा.

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