पटना: सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षकों का विरोध जारी है. बीते दिन शिक्षक संगठनों द्वारा प्रदर्शन के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शिक्षकों को 15 फरवरी को वार्ता के लिए बुलाया है. जिसके बाद बिहार शिक्षक एकता मंच ने तत्काल 15 फरवरी तक के लिए अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है. अब वार्ता के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
शिक्षकों का आंदोलन स्थगित: बिहार शिक्षक एकता मंच के अध्यक्ष मंडल के सदस्य अमित विक्रम ने बताया कि सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे नियोजित शिक्षकों ने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है. 15 फरवरी को भाजपा मुख्यालय गेट पर दोपहर 2 बजे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से 11 सदस्यीय शिष्टमंडल की वार्ता होगी. इसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.
"सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे नियोजित शिक्षकों ने 15 फरवरी तक अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है. भाजपा मुख्यालय गेट पर सम्राट चौधरी ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों से 15 फरवरी को 2:00 बजे शिक्षक प्रतिनिधियों से वार्ता का समय दिया है. सम्राट चौधरी से वार्ता के बाद जो कुछ भी निकल कर सामने आएगा, उसकी जानकारी दी जाएगी. नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे"- अमित विक्रम, शिक्षक सह शिक्षक एकता मंच के सदस्य
गर्दनीबाग में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन: बता दें कि बीते मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग में शिक्षकों ने विशाल प्रदर्शन किया. दिन भर प्रदर्शन के बाद तमाम शिक्षक संगठन से जुड़े शिक्षक विवेचन पटेल पथ स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे. यहां शिक्षकों ने काफी प्रदर्शन किया. जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया और प्रदर्शन को खत्म कराया. लाठी चार्ज से पुलिस के खिलाफ शिक्षकों में काफी नाराजगी है.
इन मांगो को लेकर प्रदर्शन: नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा में तीन जिलों का विकल्प निरस्त करते हुए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान करना चाहिए. अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प का प्रावधान समाप्त हो. सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. अधिकांश नियोजित शिक्षक कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं रखते हैं इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन किया जाए.
न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी मिलनी चाहिए: शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी के द्वारा की गई अनुशंसा जिसमें तीन बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने पर सेवामुक्त कर देने का प्रावधान है, उसको निरस्त किया जाना चाहिए. राज्यकर्मी बनने के उपरांत सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए. एक न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी सबको की जानी चाहिए.
ये भी पढ़ें:
सड़क पर मशाल लेकर उतरे नियोजित शिक्षक, बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग