चूरू. जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के दरवाजे बंद कर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को नई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने को लेकर बार संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कोर्ट में इस्तगासा दायर किया है. बार संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि 28 फरवरी को विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने सैकड़ों शिक्षकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर के खिलाफ प्रदर्शन किया था. शेखावत ने कहा कि शिक्षकों ने नाजायज रूप से कलेक्ट्रेट के पांचों दरवाजे बंद कर करीब दो घंटे तक परिसर में अधिवक्ताओं और अन्य कार्मिकों को बंधक बनाकर रखा. जिससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
गौरतलब है कि रतनगढ़ तहसील के दो शिक्षकों को रतनगढ़ एसडीएम की अनुशंसा पर कलेक्टर ने दोनों को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे. इन आदेशों के बाद निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 28 फरवरी को शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने शाम करीब 4 बजे जिला कलेक्ट्रेट के पांचों दरवाजे बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी. करीब 2 घंटे तक पांचों दरवाजा से आमजन का आवागमन बंद कर दिया गया और शिक्षक सगठनों के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट जाम कर दिया.
शेखावत ने इस दौरान परिसर में आने-जाने वाले अधिवक्ताओं व न्यायिक कर्मचारियों के खिलाफ गालीगलौच व मारपीट करने का शिक्षकों पर आरोप लगाया है. अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने अधिवक्ताओं सहित आमजन को दो घण्टे तक बंधक बनाए रखने का आरोप लगाते हुए जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया, प्रदेश सभा अध्यक्ष याकुब खान, वैद पाल मलिक, फुले सिंह बुरड़क, भंवरलाल कस्वा व शुभकरण सहित 23 पदाधिकारी व 500 शिक्षकों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा दायर किया है.