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एनईपी 2020 के खिलाफ आंदोलन करेंगे शिक्षक, इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम बनाने के फरमान के खिलाफ भी रणनीति - teachers will protest

राजस्थान के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. शिक्षक संघ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा का निजीकरण होने और शिक्षकों की नियमित नियुक्तियां बंद होने का आरोप लगाया.

एनईपी 2020 के खिलाफ आंदोलन करेंगे शिक्षक
एनईपी 2020 के खिलाफ आंदोलन करेंगे शिक्षक (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 15, 2024, 9:00 PM IST

जयपुर. प्रदेश के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को छात्र और शिक्षक विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. शिक्षकों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 से शिक्षा का निजीकरण होने और शिक्षकों की नियमित नियुक्तियां बंद होने का आरोप लगाया. साथ ही शिक्षक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम स्कूलों में तब्दील करने के खिलाफ भी विरोध दर्ज कराएंगे.

राज्य सरकार शिक्षा नीति 2020 को लागू करने जा रही है, लेकिन प्रदेश के शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. शिक्षक संघ ने 17 मई को जोधपुर में होने वाली राज्य स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने का ऐलान किया है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने बताया कि शिक्षक संगठनों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समर्थन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि इस नीति को लागू करने के क्रम में कक्षा पहली और दूसरी को विद्यालयों से अलग करके आंगनबाड़ी में स्थानान्तरित कर दिया जाएगा. विद्यालयों में अध्यापकों के हजारों पद खत्म हो जाएंगे. संविदा और पार्ट टाइम आधार पर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. अग्निवीर योजना की तरह शिक्षा में भी नौजवान शिक्षकों को शोषण की भट्टी में धकेल दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन समिति को शिक्षक और कर्मचारी नियुक्त करने, वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत या अस्वीकृत करने, पदोन्नति देने या सेवा समाप्त करने का अधिकार होगा, परिणामस्वरूप शिक्षाकर्मियों का शोषण होगा.

इसे भी पढ़ें-सेना में UEI रहे सैनिकों को शिक्षा विभाग में शिक्षक बनाने की तैयारी, मदन दिलावर ने दिए संकेत - Ex Servicemen To Get Job As Teacher

महावीर सिहाग ने बताया कि पहले भी राजस्थान में एकीकरण के नाम पर हजारों विद्यालयों को बंद कर दिया गया था, इसी सूत्र को नई शिक्षा नीति में भी शामिल किया गया है. इससे राज्य में एक बार फिर हजारों विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा और छात्र शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने इस शिक्षा नीति को छात्र, शिक्षक और जन विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी दी. साथ ही इस संबंध में जोधपुर में एकत्रित होकर आंदोलन की रणनीति तय करने की बात कही.

शिक्षा विभाग के इन मुद्दों पर भी होगा मंथन

  1. वर्षों से लंबित अध्यापकों के स्थानांतरण
  2. स्थानांतरण नीति
  3. पदोन्नति
  4. गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति
  5. उपप्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती
  6. महात्मा गांधी इंग़्लिश मीडियम स्कूलों को वापस हिंदी मीडियम करने के खिलाफ रणनीति
  7. ग्रीष्मावकाश में आयोजित होने वाले राज्य महासमिति अधिवेशन की रूपरेखा
  8. नए सत्र में नामांकन बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की रणनीति

जयपुर. प्रदेश के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को छात्र और शिक्षक विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. शिक्षकों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 से शिक्षा का निजीकरण होने और शिक्षकों की नियमित नियुक्तियां बंद होने का आरोप लगाया. साथ ही शिक्षक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम स्कूलों में तब्दील करने के खिलाफ भी विरोध दर्ज कराएंगे.

राज्य सरकार शिक्षा नीति 2020 को लागू करने जा रही है, लेकिन प्रदेश के शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. शिक्षक संघ ने 17 मई को जोधपुर में होने वाली राज्य स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने का ऐलान किया है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने बताया कि शिक्षक संगठनों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समर्थन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि इस नीति को लागू करने के क्रम में कक्षा पहली और दूसरी को विद्यालयों से अलग करके आंगनबाड़ी में स्थानान्तरित कर दिया जाएगा. विद्यालयों में अध्यापकों के हजारों पद खत्म हो जाएंगे. संविदा और पार्ट टाइम आधार पर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. अग्निवीर योजना की तरह शिक्षा में भी नौजवान शिक्षकों को शोषण की भट्टी में धकेल दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन समिति को शिक्षक और कर्मचारी नियुक्त करने, वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत या अस्वीकृत करने, पदोन्नति देने या सेवा समाप्त करने का अधिकार होगा, परिणामस्वरूप शिक्षाकर्मियों का शोषण होगा.

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महावीर सिहाग ने बताया कि पहले भी राजस्थान में एकीकरण के नाम पर हजारों विद्यालयों को बंद कर दिया गया था, इसी सूत्र को नई शिक्षा नीति में भी शामिल किया गया है. इससे राज्य में एक बार फिर हजारों विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा और छात्र शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने इस शिक्षा नीति को छात्र, शिक्षक और जन विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी दी. साथ ही इस संबंध में जोधपुर में एकत्रित होकर आंदोलन की रणनीति तय करने की बात कही.

शिक्षा विभाग के इन मुद्दों पर भी होगा मंथन

  1. वर्षों से लंबित अध्यापकों के स्थानांतरण
  2. स्थानांतरण नीति
  3. पदोन्नति
  4. गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति
  5. उपप्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती
  6. महात्मा गांधी इंग़्लिश मीडियम स्कूलों को वापस हिंदी मीडियम करने के खिलाफ रणनीति
  7. ग्रीष्मावकाश में आयोजित होने वाले राज्य महासमिति अधिवेशन की रूपरेखा
  8. नए सत्र में नामांकन बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की रणनीति
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