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श्रेयांश जैन शिक्षक और सर्प विशेषज्ञ की निभा रहे भूमिका, किताब के साथ बच्चों को दे रह सामाजिक ज्ञान - Teacher Shreyansh Rescues Snake - TEACHER SHREYANSH RESCUES SNAKE

विदिशा में श्रेयांश जैन 26 सालों से शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा वे एक सर्प विशेषज्ञ भी हैं. शिक्षा के साथ-साथ वे सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान दे रहे हैं.

TEACHER SHREYANSH RESCUES SNAKE
श्रेयांश जैन शिक्षक और सर्प विशेषज्ञ की निभा रहे भूमिका (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 8:38 PM IST

विदिशा: लटेरी तहसील के ग्राम पंचायत मुरारिया के शासकीय उच्चतर माद्यमिक विद्यालय में श्रेयांश कुमार जैन 26 साल से शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. स्कूल में शिक्षक के साथ श्रेयांश जैन पर्यावरण संरक्षण में भी भूमिका निभा रहे हैं. श्रेयांश जैन शिक्षा देने के साथ कई सामाजिक कार्यों में भी योगदान दे रहे हैं. इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है.

श्रेयांश जैन शिक्षक और सर्प विशेषज्ञ की निभा रहे भूमिका (ETV Bharat)

शिक्षक के साथ सर्प रेस्क्यू भी हैं श्रेयांश जैन

5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस पर हम आपको एक ऐसे ही शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं. श्रेयांश जैन पिछले 26 साल से स्कूल में शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक ज्ञान भी देते हैं. श्रेयांश जैन को विषैले जीव-जन्तुओं से खासा प्यार है. उनके संरक्षण व उनकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. स्कूल से जब भी समय मिलता है, वे सर्प रेस्क्यू का कार्य भी करते हैं. अभी तक हजारों विषैले जीव जंतुओं का वे रेस्क्यू कर चुके हैं. जिनमें सांप, गोहरा कबरबिज्जू जैसे कई जीव शामिल हैं. जिन्हें वे बस्तियों व घरों से पकड़कर जंगल में छोड़ते हैं. पिछले कई वर्षों से लटेरी तहसील के अनेक गांवों में अपनी नि शुल्क सेवाएं दे रहे हैं. पिछले कई वर्षों से लगातार सांप और अन्य जीवों को रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ने का कार्य कर रहे हैं.

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सांप पकड़ने कई माध्यमों से ली शिक्षा

जब इस शौक के बारे में शिक्षक व सर्प विशेषज्ञ श्रेयांश जैन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 'मेरे गांव के पास सपेरों की बस्ती है. मेरा आना-जाना रहता था. उनको सांप को पकड़ते देखता रहता था. तभी से मेरे मन में विचार आया. जब ये अशिक्षित लोग सांप पकड़ लेते हैं, तो फिर मैं तो शिक्षक हूं. क्यों न सांप रेस्क्यू का कार्य शुरू किया जाए. उन्होंने बताया इस कार्य के लिए जानकारी प्राप्त करने कई किताबों का अध्ययन किया. कई चैनल को खंगाला, डिस्कवरी चैनल पर सांप रेस्क्यू के वीडियो देखे. पूरी जानकारी लेने के बाद फिर मैंने ये काम शुरू किया.

विदिशा: लटेरी तहसील के ग्राम पंचायत मुरारिया के शासकीय उच्चतर माद्यमिक विद्यालय में श्रेयांश कुमार जैन 26 साल से शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. स्कूल में शिक्षक के साथ श्रेयांश जैन पर्यावरण संरक्षण में भी भूमिका निभा रहे हैं. श्रेयांश जैन शिक्षा देने के साथ कई सामाजिक कार्यों में भी योगदान दे रहे हैं. इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है.

श्रेयांश जैन शिक्षक और सर्प विशेषज्ञ की निभा रहे भूमिका (ETV Bharat)

शिक्षक के साथ सर्प रेस्क्यू भी हैं श्रेयांश जैन

5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस पर हम आपको एक ऐसे ही शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं. श्रेयांश जैन पिछले 26 साल से स्कूल में शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक ज्ञान भी देते हैं. श्रेयांश जैन को विषैले जीव-जन्तुओं से खासा प्यार है. उनके संरक्षण व उनकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. स्कूल से जब भी समय मिलता है, वे सर्प रेस्क्यू का कार्य भी करते हैं. अभी तक हजारों विषैले जीव जंतुओं का वे रेस्क्यू कर चुके हैं. जिनमें सांप, गोहरा कबरबिज्जू जैसे कई जीव शामिल हैं. जिन्हें वे बस्तियों व घरों से पकड़कर जंगल में छोड़ते हैं. पिछले कई वर्षों से लटेरी तहसील के अनेक गांवों में अपनी नि शुल्क सेवाएं दे रहे हैं. पिछले कई वर्षों से लगातार सांप और अन्य जीवों को रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ने का कार्य कर रहे हैं.

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सांप पकड़ने कई माध्यमों से ली शिक्षा

जब इस शौक के बारे में शिक्षक व सर्प विशेषज्ञ श्रेयांश जैन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 'मेरे गांव के पास सपेरों की बस्ती है. मेरा आना-जाना रहता था. उनको सांप को पकड़ते देखता रहता था. तभी से मेरे मन में विचार आया. जब ये अशिक्षित लोग सांप पकड़ लेते हैं, तो फिर मैं तो शिक्षक हूं. क्यों न सांप रेस्क्यू का कार्य शुरू किया जाए. उन्होंने बताया इस कार्य के लिए जानकारी प्राप्त करने कई किताबों का अध्ययन किया. कई चैनल को खंगाला, डिस्कवरी चैनल पर सांप रेस्क्यू के वीडियो देखे. पूरी जानकारी लेने के बाद फिर मैंने ये काम शुरू किया.

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