जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ईडी ने पांच आरोपियों के खिलाफ जयपुर के पीएमएलए कोर्ट में दूसरी चार्जशीट पेश की है. इनके खिलाफ पहली चार्जशीट पिछले साल नवंबर में पेश की गई थी. जानकारी के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अवैध रूप से धन के लेन-देन को लेकर जांच कर रही ईडी ने गुरुवार को जयपुर के पीएमएलए कोर्ट में सुरेश साहू, विजय डामोर, पीराराम, पुखराज और अरुण शर्मा के खिलाफ दूसरी चार्जशीट पेश की है. इससे पहले इसी मामले को लेकर ईडी मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा, अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण के खिलाफ भी चार्जशीट पेश कर चुकी है. सुरेश साहू पेपर लीक गिरोह के फरार सरगना सुरेश ढाका का बहनोई है. जबकि विजय डामोर आरपीएससी के पूर्व सदस्य और पेपर लीक करने वाले बाबूलाल कटारा का भांजा है.
ईडी ने संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था केस : दिसंबर 2022 में शिक्षक भर्ती परीक्षा से ठीक पहले चलती बस में पेपर हल करवाने का उदयपुर पुलिस ने खुलासा किया था. इसके बाद पेपर लीक में बड़े पैमाने पर अवैध रूप डे धन के लेन-देन की बात सामने आने पर ईडी ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में ईडी बाबूलाल कटारा, शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण सहित अन्य आरोपियों से पूछताछ भी कर चुकी है. अब इस चार्जशीट में सुरेश साहू, विजय डामोर, पीराराम, पुखराज और अरुण शर्मा सहित पेपर लीक गिरोह के माफियाओं के कारनामों का खुलासा कोर्ट में किया है.
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सुरेश साहू और विजय डामोर की अहम भूमिका : आरपीएससी सदस्य रहते बाबूलाल कटारा ने लाखों रुपए लेकर शेरसिंह मीणा को शिक्षक भर्ती का पेपर दिया था. इसमें विजय डामोर ने कटारा की मदद की. जबकि सुरेश साहू और अरुण शर्मा ने अपने नेटवर्क के जरिए पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था. इसके अलावा जिस चलती बस में अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाया जा रहा था. वह बस पीराराम ने मुहैया करवाई थी. जबकि पुखराज ने अभ्यर्थियों के लिए रहने और खाने-पीने का इंतजाम करवाया था.
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मुख्य आरोपियों की प्रॉपर्टी पर भी ईडी का कब्जा : शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के आरोपियों बाबूलाल कटारा, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और शेरसिंह मीणा के साथ ही इनके परिजनों और सहयोगियों की संपत्ति को भी ईडी ने जब्त किया है. इन सभी आरोपियों की जब्त संपत्ति की कीमत तीन करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है. अब ईडी इन सभी आरोपियों की संपत्ति को अपने कब्जे में लेकर वहां अपने बोर्ड लगा रही है.