रायपुर : शिक्षा विभाग के 2008 सेटअप के प्रतिकूल शासकीय विद्यालयों एवं शिक्षकों को कम अथवा मर्ज करने से बच्चों की शिक्षा पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों से शाला विकास समिति और पालकों को भी अवगत कराया जाएगा. युक्तियुक्तकरण के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी किए गए नियम को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षकों ने प्रदेश स्तर पर बैठक आयोजित की गई थी.
22 अगस्त से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन : युक्तियुक्तकरण के जारी अव्यवहारिक निर्देश, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश स्तर पर बने छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों को जानकारी दी. इस दौरान बताया गया कि 22 अगस्त से चरणबद्ध आंदोलन होगा. इस आंदोलन में सभी से शामिल होने की अपील की गई है. बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने युक्तियुक्तकरण एवं ऑनलाइन अवकाश के जारी निर्देशों की आलोचना की. इन नियमों को शिक्षा, विद्यालय, विद्यार्थी, शिक्षकों के लिए नियम विरुद्ध बताते हुए विरोध किया.
"हमारा संगठन, मोर्चा बनने के पूर्व से ही युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देशों से होने वाले नुकसानों ,समस्याओं और उसके समाधान हेतु सुझावों को लेकर शिक्षा सचिव और DPI संचालक से मिलकर अपनी बात रख चुका है. मुख्यमंत्री से मिलने हेतु समय मांगा गया था. अब यदि समय मिला तो मोर्चा पदाधिकारियों के साथ जाकर मोर्चा द्वारा निर्धारित मुद्दों को रखेंगे." धर्मेश शर्मा,प्रांतीय महासचिव,छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी ने बताया कि "छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा 22 अगस्त को ज्ञापन सौंपेगा. शालेय शिक्षक संघ,छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन, नवीन शिक्षक संघ द्वारा छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया है. जिसमें 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम का विरोध करने, ऑनलाइन उपस्थिति पर आपत्ति करने सहित दूसरी मांगों के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया है."
कैसा होगा आंदोलन ?: 22 अगस्त को सभी जिले में कलेक्टर एवं डीईओ को ज्ञापन देंगे. 23 अगस्त से 28 अगस्त तक मंत्री, सांसद और विधायक को ज्ञापन सौंपा जाएगा. 2 और 3 सितम्बर को स्कूल शिक्षा सचिव एवं डीपीआई को ज्ञापन देंगे. 9 सितम्बर को सभी जिला मुख्यालय में विशाल धरना, प्रदर्शन किया जाएगा.