बगहा: बिहार का बगहा आजकल नागलोक बन गया है. यहां आए दिन कभी अजगर, तो कभी रसेल वाइपर तो कभी तक्षक नाग तो कभी कोबरा निकल रहे हैं. लेकिन सोमवार की दोपहर बगहा के वाल्मिकीनगर स्थित मछली बाजार में एक तक्षक नाग पहुंच गया. जिसको देख कर बाजार में हड़कंप मच गया. हालांकि लोगों ने तत्काल हिम्मत दिखाते हुए तक्षक सांप का रेस्क्यू किया. फिर इसको जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया.
बगहा मछली बाजार में पहुंचा तक्षक नाग: बता दें कि हाल के दिनों में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे वाल्मिकीनगर के विभिन्न रिहायशी इलाकों में कई प्रजाति के सांप स्पॉट किए गए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा बार अजगर, रसेल वाइपर, हरे रंग के विभिन्न प्रजाति के सांप और तक्षक नाग शामिल हैं. सोमवार की दोपहर एक मर्तबा फिर तक्षक नाग वाल्मिकीनगर के टंकी बाजार में अवस्थित मछली बाजार में पहुंच गया.
वन विभाग ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा: इस सांप को देखकर लोगों ने तत्काल वन विभाग को इसकी सूचना दी. जब तक वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तब तक कुछ स्थानीय लोगों ने बांस बल्ले की सहायता से सांप को पकड़ लिया और फिर वन विभाग ने उसे ले जाकर जंगल में छोड़ दिया.
"यह सांप जहरीला नहीं होता है. इसके काटने पर मामूली रूप से इंसान पर प्रभाव पड़ता है. समय पर इलाज होने से लोग पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन शास्त्रों के मुताबिक श्रृंगी ऋषि के शाप के कारण तक्षक ने राजा परीक्षित को काटा था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी." - अभिषेक, स्नेक एक्सपर्ट
महाभारत और भागवत पुराण में मिलता है उल्लेख: बता दें कि तक्षक नाग का उल्लेख महाभारत और भागवत पुराण में मिलता है. शास्त्रों में तक्षक नाग को सर्वश्रेष्ठ नागों में से एक माना गया है. यह पाताल में रहने वाले आठ नागों में से एक थे. इसको काद्रवेय नाग के साथ साथ ऑर्नेट फ़्लाइंग स्नेक, टक्का नाग, क्राइसोपेलिया अर्नेटा, या ग्लाइडिंग स्नेक भी कहा जाता है. यह हवा में तैरता है यानी ग्लाइड करता है और पेड़ पर एक डाल से दूसरी डाल पर छलांग लगाता है.
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