रायपुर: कहते हैं अगर आपका पेट ठीक होगा तो शरीर में होने वाली कई बीमारियों से आप सुरक्षित रहेंगे. मॉनसून का मौसम आ चुका है. मॉनसून का मौसम जहां मन को खुश करने वाला होता है वहीं कई बीमारियों को जन्म भी देता है. बारिश के मौसम में अगर आप खाने पीने की कुछ आदतों का ध्यान रखेंगे तो इस मौसम में फिट रहेंगे. हेल्दी डाइट की मदद से आप इस मौसम में संक्रमण और फ्लू से भी बचे रहेंगे. बच्चों के लिए भी खास डाइट का प्लान अगर आप फॉलो करते हैं तो बच्चों को भी बीमार होने से बचा सकते हैं. कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आप डॉक्टर की फीस देने से खुद को बचा सकते हैं.
बारिश में बनाएं अपना खास डाइट प्लान: डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव ने बताया कि "बारिश के दिनों में बच्चों के साथ ही बड़ों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. खानपान पर अगर ध्यान नहीं रखते हैं, तो इसका सीधा असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है. बारिश के मौसम में डायरिया वायरल इनफेक्शन टाइफाइड डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां भी आपको हो सकती है. बारिश के मौसम में सही खान पान आपको सेहतमंद बनाए रखेगा.''
बारिश के मौसम में बड़ों और बच्चों को तली भुनी चीजें नहीं खानी चाहिए. बच्चों को फास्ट फूड और जंक फूड खाने के लिए नहीं दें. बारिश के मौसम में गुनगुने दूध में हल्दी डालकर दूध बच्चों को दें. हल्दी वाला दूध आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. दूध में अगर केसर डालकर पीते हैं तो ये और फायदा करेगा. केशर की तासीर गर्म होती है. बारिश के मौसम में केसर और हल्दी वाला दूध शरीर को गर्माहट देता है. बच्चों और बड़ों को भीगे हुए अंजीर, बादाम, किशमिश और छुहारा देना चाहिए. बच्चों को ब्रेकफास्ट या लंच में बासी खाना बिल्कुल नहीं दें. बासी खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ सकती है. दलिया और ओटस जैसी चीजें ब्रेकफास्ट और स्कूल के लंच में बेहतर होता है. अगर आप ब्रेड खाते हैं तो फिर इस मौसम में ब्राउन ब्रेड खाएं. ब्रेड के साथ थोड़ी मात्रा में सीड्स भी खाएं और बच्चों को भी दें. - डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव, डाइटिशियन
बुजुर्गों और बच्चों के बीमार होने का रहता है ज्यादा खतरा: बारिश के मौसम में बुजुर्गों को भी कई तरह की संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. बुजुर्गों की डाइट में दलिया खिचड़ी जैसी डाइजेस्टिव होने वाले फूड दें. खाने में दही का इस्तेमाल जरुर करें. ठेले और खोमचे में मिलने वाले सामानों को खाने से परहेज करें. बारिश के मौसम में हरी सब्जियों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें. हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट चार्ट में शामिल करें.
खाने में हरी मिर्च को करें शामिल: हरी मिर्च में पिपेरिन होता है, जो एक अल्कलॉइड है जिसके कई फायदे सेहत को होते हैं. मिर्च में विटामिन सी और के भी काफी मात्रा में होते हैं. हरी मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं. ग्रीन चिली हाइड्रोक्लोरिक एसिड के उत्पादन को उत्तेजित करके गैस को कम करते हैं. हरी मिर्च भोजन के पाचन में सुधार करता है. हरी मिर्च में रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह खाद्य जनित बीमारियों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करके फूट प्वाइजन के जोखिम को कम करने में मददगार होता है.
बारिश के मौसम में इन फलों को खाएं: आड़ू, बेर, चेरी, जामुन, अनार जैसे मौसमी फल विटामिन ए और सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. सड़क किनारे विक्रेताओं से पहले से कटे हुए फल और जूस पीने और खाने से बचें. घर पर बने उच्च गुणवत्ता वाले ताजे कटे हुए फल और जूस का सेवन करें.
भोजन में तरल पेय पदार्थों को शामिल करें: बारिश के मौसम में सूप, मसाला चाय, ग्रीन टी, शोरबा, दाल आदि जैसे गर्म तरल पदार्थों को भरपूर मात्रा में शामिल करें. खाने पीने की ऐसी चीजें शरीर को मजबूत और बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है.
कौन कौन सी सब्जियां आपको रखेंगी सेहतमंद: लौकी, कुम्हड़ा, तुरई, करेला, खीरा, गाजर, बीट रुट, मशरूम, प्याज खाने में ज्यादा खाएं. उबली सब्जियों की सलाद भी खा सकते हैं. हरी सब्जियां इस मौसम में ज्यादा फायदेमंद साबित होती हैं.
खाने में प्रोबायोटिक्स फूड्स का करें इस्तेमाल: अपने पेट के वनस्पतियों को स्वस्थ बनाने के लिए दही, छाछ, केफिर, अचार वाली सब्ज़ियों जैसे प्रोबायोटिक्स को शामिल करें. ये आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. बुरे बैक्टीरिया या बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में ये मदद करते हैं.