देहरादून: आगामी 25 मार्च को रंगों का त्योहार होली देशभर में मनाया जाएगा. त्योहार से पहले ही लोगों पर होली का खुमार चढ़ने लगा है. बाजार गुलाल और पिचकारियों से गुलजार होने लगे हैं. हर कोई होली के लिए प्लानिंग करने में जुटा है. कोई रिश्तेदारों के संग तो कोई दोस्तों की महफिल में होली का हुड़दंग कर इसे यादगार बनाने में जुटा है. मगर इन सबके बीच घर के पालतू व बेजुबान जानवरों के बारे में कोई नहीं सोचता. होली के मौके पर लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है.
जब हम रंग-बिरंगे होली के दौरान मौज-मस्ती करते हैं, उस वक्त अपने पशु मित्रों के प्रति भी दयालु होना न भूलें. जिम्मेदारी से खेले जाने पर होली हर किसी के लिए आनंददायक हो सकती है. आवासीय सोसाइटी, होली समारोहों के कार्यक्रमों नें सुनिश्चिचत किया जाए कि इस दौरान किसी भी जानवर को नुकसान न पहुंचे. जानवरों पर मौज-मस्ती के लिए रंग और गुलाल न डाला जाए. उन क्षेत्रों में मनाया जाए जो स्थान समुदाय के जानवरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्थानों से दूर हों. इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ते हुए यह हर नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि होली को ऐसे अनियंत्रित तरीके से खेलने को हतोत्साहित करें, जिससे जानवरों को नुकसान पहुंच सकता हो.
इसको लेकर ईटीवी भारत ने ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया के कम्पैनियन एनिमल्स एंड इंगेजमेंट डिपार्टमेंट की सदस्य शालिनी शाह से बात की. उन्होंने बताया कि संस्था कि सीनियर डायरेक्टर कैरेन नाजरेथ कहती हैं, 'हम सभी साथ मिलकर ऐसी होली खेलें, जो न केवल रंग-बिरंगी हो, बल्कि जिसमें हम अपने हमारे पशु-पक्षियों का भी ध्यान रखें'. शालिनी शाह ने आगे बताया कि किस तरह होली के त्योहार के मौके पर हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा ताकि बेजुबानों को नुकसान न पहुंचे.
होली सेलिब्रेशन में इन बातों का रखें ख्याल-
जानवरों पर रंग न डालें: जानवरों को रंगीन पानी से भीगाना या गुलाल डाला जाना पसंद नहीं होता है. होली खेलने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले रंग सिंथेटिक रंग होते हैं, जिनमें ऐसे तत्व होते हैं जो विषाक्त हो सकते हैं. इससे मनुष्यों और जानवरों में त्वचा की एलर्जी और अंधापन भी हो सकता है. गुलाल में सीसा मिला होता है जो शरीर में जहर के रूप में जमा हो सकता है. गुलाल नाक में जाने पर नाक में जलन हो सकती है. कुत्ते और अन्य जानवर खुद को साफ करने के लिए अपने शरीर को चाटते भी हैं, जिससे वो अनजाने में होली के रंगों को निगल जाते हैं. कई बार यह उनके लिए जहरीला साबित होता है.
बच्चों को जिम्मेदारी से होली खेलना सिखाए: बच्चे गुलाल और रंगों को देखकर रोमांचित हो जाते हैं. होली के दौरान बच्चों को जानवरों का ध्यान रखने की सलाह दें, जिससे वो अपने होली के उत्साह में गलती से जानवरों को परेशान न करें. उन्हें जानवरों पर पानी के गुब्बारे फेंकने से रोकें. जानवर इनसे भयभीत हो जाते हैं. बच्चों को सीख दें कि वो अपनी मौज-मस्ती के दौरान जानवरों, खासकर गली के कुत्तों को परेशान न करें.
होली के रंग हटाने के लिए केरोसिन या स्प्रिट का उपयोग न करें: यदि आपका पालतू जानवर या आपके पड़ोस में कोई कुत्ता होली के रंगों में रंग जाता है, तो उसे धोने के लिए किसी सौम्य या पालतू जानवरों के लिए उपयोग किए जाने वाले शैम्पू का उपयोग करें. अपने कुत्ते के फर से रंग या सख्त पेंट हटाने के लिए मिट्टी के तेल या स्प्रिट का उपयोग न करें. यदि कुत्ते के चेहरे पर पानी के गुब्बारे से वार किया गया है या रंग और गुलाल उनकी आंखों, नाक या मुंह में प्रवेश कर गए हैं और उन्हें निगल लिया गया है, तो प्रभावित क्षेत्रों को साफ पानी से सावधानीपूर्वक और अच्छी तरह से धोएं. जांच करवाने के लिए उन्हें जल्द से जल्द पशु चिकित्सक के पास ले जाएं.
विषाक्तता होने पर दिखने वाले चेतावनी संकेतों पर ध्यान दें: विशैला पदार्थ होने पर अत्यधिक लार आना, उल्टी, दस्त, और व्यवहार में बदलाव जैसे कि आपके पालतू जानवर में आक्रामकता, बैचेनी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो अपने पालतू या आस-पड़ोस के जानवर समुदाय को तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाएं. यदि आप विषाक्तता के संदिग्ध स्रोत (रंग) को भी पशु चिकित्सक को दिखाने के लिए लेकर जाते हैं. सबसे उपयुक्त उपचारात्मक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी.
अपने समुदाय को संवेदनशील बनाएं: अपने सोसायटी के सचिव और बिल्डिंग मैनेजरों से अनुरोध करें कि वो सोसायटी या बिल्डिंग में ऐसी सलाह चिपकाएं, जिसमें वहां रहने वाले लोगों को त्योहारों के दौरान पालतू जानवरों को घर के अंदर रखने और सड़क पर रहने वाले जानवरों पर पानी या रंग न फेंकने के लिए कहा जाए.
जानवरों को मिठाई न खिलाएं: मिठाइयां और चीनी को सेवन करने से कुत्तों और अन्य जानवरों में पाचन संबंधी गंभीर बीमारी हो सकती है. यहां तक कि कुछ मामलों में उन्हें बेहोशी के दौरे भी पड़ सकते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अपने पालतू जानवरों पर नज़र रखें कि आपके मेहमान या बच्चे आपके पालतू जानवरों को मिठाईयां न दें. इसी तरह, तले हुए या उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ भी जानवरों के पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं, इसलिए यदि आप अपने पालतू जानवर को होली के अवसर पर दावत देना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें कुछ ऐसा खाने के लिए दें जो उन जानवरों के लिए उपयुक्त हो.
नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी दिनेश चंद तिवारी ने बताया आजकल बाजारों में केमिकल के रंग आते हैं, जो आंखों या फिर त्वचा पर काफी नुकसानदेय साबित होते हैं. कई बार रंग लगने से जानवरों में चिड़चिड़ापन आ जाता है. जिसके कारण कई बार जानवर आक्रामक हो जाते हैं. इसलिए जनता से अपील की जाती है की होली में सभी इको फ्रेंडली रंगों का प्रयोग करें. जानवरों पर रंग लगाने से बचें.