मेरठ: इन दिनों गर्मी ने हर किसी को परेशान किया हुआ है. ऐसे में हर किसी को बेलेंस डाइट की आवश्यकता होती है, क्योंकि गर्मी का सीजन है, तो तमाम तरह की समस्याओं से भी कई बार दो चार होना पड़ जाता है, लेकिन अगर अपनी दिनचर्या में और खानपान में कुछ छोटी-छोटी बातों को शामिल कर लें, तो इस मौसम में आसानी से सुरक्षित व स्वस्थ रह सकते है.
गर्मी ने आम से खास तक हर किसी को प्रभावित किया हुआ है. ऐसे में गर्मी के सीजन में संयमित डाइट का होना भी महत्वपूर्ण है. प्रकृति ने इंसान को ऐसे तमाम अनमोल चीजों को हमें उपलब्ध भी कराया है, जो अपने सही समय पर सीजन में अगर इस्तेमाल करें तो लोगों को दिक्कत परेशानी न हो. अब जब बेतहाशा गर्मी पड़ रही है, तो ऐसे में खानपान पर विशेष ध्यान देना भी बेहद जरूरी है.
वहीं, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य बृजभूषण शर्मा ने बताया कि अगर गर्मी के प्रकोप से खुद को और अपने अजीजों को बचाना है, तो बहुत सी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
आयुर्वेदाचार्य बृजभूषण शर्मा बताते हैं कि इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है, इस वक्त हमें खासतौर से यह ध्यान रखना चाहिए है अधिक से अधिक तरल पढ़ार्थ उपयोग में लेने चाहिएं. बासी भोजन से परहेज करना हितकर रहेगा. बासी भोजन और बासी फलों से बचना चाहिए.
इस मौसम में विशेषकर यह भी ध्यान देना अति आवश्यक है कि जो भी खाने पीने की चीजें हैं. उनको ढककर रखना चाहिए, क्योंकि इस समय मक्खी और मच्छरों का प्रकोप भी बहुत अधिक रहता है.
प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक ब्रजभूषण शर्मा बताते हैं कि इस वक्त सीजनल फलों का व सब्जियों का सेवन अधिक फायदेमंद है. वहीं, इस समय तरबूज और खरबूजा बेहद ही गुणकारी है. अगर शुगर की समस्या से कोई व्यक्ति ग्रसित नहीं है, तो ऐसे में मैंगोशेक ले सकते हैं. छाछ बेहद ही लाभकारी है. इसके उपयोग से लू लगने की संभावना बेहद ही कम हो जाती है.
भिंडी और अरबी का सेवन इस गर्मी में कम से कम उपयोग में लेना हितकर है. गर्मी के वक्त में जब पारा आसमान छू रहा है, तो ऐसे में तला-भुना भोजन नहीं खाना चाहिए, जैसे छोले भटूरे आदि का सेवन करने से बचना चाहिए.
गर्मी में कढ़ी का कम से कम इस्तेमाल करें, बाजार में जगह-जगह मिलने वाले गन्ने के रस के उपयोग से भी बचना चाहिए. वह कहते हैं कि जो गन्ने का रस बाजार में मिलता है वह दूषित हो सकता है.
जब-तक तापमान नहीं घटता तब-तक ढीले धाले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है. हो सके, तो सूती वस्त्र पहनने चाहिए. ऐसे में सलाह यह भी दी जाती है कि दिन में भरपूर भोजन करें, लेकिन रात्रि में संयमित भोजन ही लें या भोजन करने से परहेज करें. इसके अलावा रात्रि में कभी भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए.
सत्तू आम का पन्ना इनके अलावा दिन में लस्सी का भी इस्तेमाल क़र सकते हैं, लेकिन रात्रि में लस्सी का सेवन न करें. रात्रि में लस्सी में वायुदोष बढ़ जाता है. इस गर्मी सीजन में हींग, जीरा और अजवाइन का भरपूर इस्तेमाल करें.
आमतौर पर देखने में यह भी आता है कि घर में फ्रीज में कई कई दिन तक रहे हुए खाद्य पढ़ार्थो को रखने से परहेज करना चाहिए. ऐसी चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. वह कहते हैं कि अक्सर देखने में आता है कि कुछ गृहणी आटे को गूंथ कर कई कई दिन तक फ्रीज में रखकर उपयोग में लेती हैं. यह स्वास्थ्य के लिए उपयोगी न होकर हानिकारक होता है. उससे पांचन तंत्र पर बहुत ही विपरीत दुष्प्रभाव पड़ता है. तूने कहा कि वैसे तो बच्चों को जंक फूड और फास्ट फूड से बचना ही चाहिए, लेकिन खासतौर से गर्मी के सीजन में तो जितना हो सके उतना इन चीजों को अवॉयड करना चाहिए.
घर में निर्मित शिकंजी का सेवन फायदेमंद है.
वह कहते हैं कि इस समय लौकी, करेला, तोरई, परवल टिंडा आदि का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए. बेल का शरबत भी गर्मी में बेहद ही उपयोगी होता है. पेट को सही रखता है. आंतों के लिए बहुत ही उपयोगी है. पेट से संबंधित रोगों में यह बेहद ही उपयोगी हैं.
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