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ताजमहल या तेजोमहालय केस; 24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई, जानें पूरा मामला - TAJ MAHAL NEWS

कोर्ट में सुनवाई के दौरान धारा-80 (2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर हुई बहस.

ताजमहल या तेजोमहालय केस
ताजमहल या तेजोमहालय केस (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 5:22 PM IST

आगरा : जिले में दीवानी स्थित अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) -1 की अदालत में गुरुवार को ताजमहल या तेजोमहालय विवाद मामले की सुनवाई हुई. जिसमें वादी के धारा-80 (2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई की तारीख 24 फरवरी तय की है. इसके साथ ही ताजमहल या तेजोमहालय का एक मामला लघुवाद न्यायालय में चल रहा है.

वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई में धारा-80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. बहस में वादी अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि पत्रावली में सभी विपक्षीगण लोक सेवक हैं. भारत संघ व उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी बनाने के लिए दो माह के नोटिस समय सीमा से छूट न्यायालय की ओर से दिये जाने की प्रार्थना की. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सूरज कुमार ने विरोध किया. कहा कि अर्जेंसी नहीं है, इसलिए छूट नहीं दी जा सकती है. जिस पर वादी अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि धारा 80 (2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र में वही अधिवक्ता रहेंगे और सरकारी अधिकारी रहेंगे. नोटिस का अर्थ सूचना देना होता है. सभी विपक्षीगणों को सूचना पहले से है. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनते हुए सुनवाई की अगली तिथि 24 फरवरी नियत की है. बता दें कि योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से आगरा की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन)-1 कोर्ट में ताजमहल या तेजोमहालय के केस संख्या-197/2024 चल रहा है.

आगरा : जिले में दीवानी स्थित अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) -1 की अदालत में गुरुवार को ताजमहल या तेजोमहालय विवाद मामले की सुनवाई हुई. जिसमें वादी के धारा-80 (2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई की तारीख 24 फरवरी तय की है. इसके साथ ही ताजमहल या तेजोमहालय का एक मामला लघुवाद न्यायालय में चल रहा है.

वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई में धारा-80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. बहस में वादी अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि पत्रावली में सभी विपक्षीगण लोक सेवक हैं. भारत संघ व उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी बनाने के लिए दो माह के नोटिस समय सीमा से छूट न्यायालय की ओर से दिये जाने की प्रार्थना की. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सूरज कुमार ने विरोध किया. कहा कि अर्जेंसी नहीं है, इसलिए छूट नहीं दी जा सकती है. जिस पर वादी अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि धारा 80 (2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र में वही अधिवक्ता रहेंगे और सरकारी अधिकारी रहेंगे. नोटिस का अर्थ सूचना देना होता है. सभी विपक्षीगणों को सूचना पहले से है. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनते हुए सुनवाई की अगली तिथि 24 फरवरी नियत की है. बता दें कि योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से आगरा की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन)-1 कोर्ट में ताजमहल या तेजोमहालय के केस संख्या-197/2024 चल रहा है.

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