ETV Bharat / state

लगातार बुखार और जुकाम है तो आपको हो सकता है स्वाइन फ्लू, जानिए कैसे बचें - Swine Flu Uttar Pradesh - SWINE FLU UTTAR PRADESH

बदलते मौसम की वजह से इस समय उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि स्वाइन फ्लू को कैसे पहचानें और बचाव के लिए क्या उपाय करें.

Etv Bharat
यूपी में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मरीज. (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 6:58 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. विदेश से आने वाले लोगों से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी तंत्र को सक्रिय किया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश भर में 253 मरीज इस समय स्वाइन फ्लू की चपेट में है.

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इस सप्ताह स्वाइन फ्लू के 13 मरीज मिलने की पुष्टि हुई. हालांकि किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है. फिलहाल अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच बंद है. स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा केवल केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई में है. ऐसे में अन्य अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों का इलाज वायरल इंफेक्शन मानकर किया जा रहा है. पीजीआई पल्मोनरी मेडिसिन के प्रो. आलोक नाथ ने बताया कि कुछ स्वाइन फ्लू के कुछ मरीज मिले थे, जो दवाओं से ठीक हो चुके हैं. पीजीआई व लोहिया संस्थान के प्रशासनिक पद पर कार्यरत दो डॉक्टर बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे. स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के भी स्वाइन फ्लू की जद में आने की चर्चा है.सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुछ ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू को नहीं पहचान पा रहे हैं. लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू के समान ही होते हैं. इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल है. कुछ लोगों में स्वाइन फ्लू से दस्त और उल्टी की शिकायत होती है. यह सभी लक्षण वायरल बुखार में भी होते हैं जिसके कारण मरीज कंफ्यूज हो जाते हैं. स्वाइन फ्लू के लक्षण बिल्कुल वायरल बुखार जैसा है, इसलिए पहचान पाना मुश्किल है. इसके लिए जरूरी है कि एच1एन1 जांच हो. अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है तो उसे समझ जाना चाहिए कि यह एक नॉर्मल बुखार नहीं है. इस स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.डॉ. राजेश ने बताया कि एच1एन1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. संक्रमित व्यक्ति जबखांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता तो वायरस फैलता है. जब आप दूषित बूंदों को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है. बुखार हमेशा 102 व 104 डिग्री है और सांस लेने में समस्या हो रही हो तो बिना देरी करे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और जांच कराएं. बिना जांच कराएं स्वाइन फ्लू को पहचानना मुश्किल है.



स्वाइन फ्लू बचाव के उपाय

  • बीमार लोगों से दूर रहें.
  • कहीं बाहर किसी चीज को हाथ न लगाएं.
  • बाहर से घर आकर हाथ जरूर धोएं.
  • दिन में अपने हाथ साबुन और पानी से धोते रहें.
  • दूषित खाना व पानी से बचें.
  • अपनी आंख, नाक या मुंह को न छुएं.

लखनऊ: प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. विदेश से आने वाले लोगों से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी तंत्र को सक्रिय किया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश भर में 253 मरीज इस समय स्वाइन फ्लू की चपेट में है.

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इस सप्ताह स्वाइन फ्लू के 13 मरीज मिलने की पुष्टि हुई. हालांकि किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है. फिलहाल अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच बंद है. स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा केवल केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई में है. ऐसे में अन्य अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों का इलाज वायरल इंफेक्शन मानकर किया जा रहा है. पीजीआई पल्मोनरी मेडिसिन के प्रो. आलोक नाथ ने बताया कि कुछ स्वाइन फ्लू के कुछ मरीज मिले थे, जो दवाओं से ठीक हो चुके हैं. पीजीआई व लोहिया संस्थान के प्रशासनिक पद पर कार्यरत दो डॉक्टर बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे. स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के भी स्वाइन फ्लू की जद में आने की चर्चा है.सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुछ ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू को नहीं पहचान पा रहे हैं. लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू के समान ही होते हैं. इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल है. कुछ लोगों में स्वाइन फ्लू से दस्त और उल्टी की शिकायत होती है. यह सभी लक्षण वायरल बुखार में भी होते हैं जिसके कारण मरीज कंफ्यूज हो जाते हैं. स्वाइन फ्लू के लक्षण बिल्कुल वायरल बुखार जैसा है, इसलिए पहचान पाना मुश्किल है. इसके लिए जरूरी है कि एच1एन1 जांच हो. अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है तो उसे समझ जाना चाहिए कि यह एक नॉर्मल बुखार नहीं है. इस स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.डॉ. राजेश ने बताया कि एच1एन1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. संक्रमित व्यक्ति जबखांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता तो वायरस फैलता है. जब आप दूषित बूंदों को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है. बुखार हमेशा 102 व 104 डिग्री है और सांस लेने में समस्या हो रही हो तो बिना देरी करे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और जांच कराएं. बिना जांच कराएं स्वाइन फ्लू को पहचानना मुश्किल है.



स्वाइन फ्लू बचाव के उपाय

  • बीमार लोगों से दूर रहें.
  • कहीं बाहर किसी चीज को हाथ न लगाएं.
  • बाहर से घर आकर हाथ जरूर धोएं.
  • दिन में अपने हाथ साबुन और पानी से धोते रहें.
  • दूषित खाना व पानी से बचें.
  • अपनी आंख, नाक या मुंह को न छुएं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.