नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण फिर से चर्चा का विषय बन हुआ है. राजनीतिक टीका-टिप्पणी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर इस बाबत हमला बोला है. उन्होंने सुबह X पर लिखा, प्रदूषण आते ही सरकार नींद से जाग जाती है. शुरू हो जाता है “मीटिंग-मीटिंग” का खेल. करते रहिए मीटिंग मीटिंग, साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से कई सवाल भी किए है.
1. CP में 20 करोड़ रुपये की लागत से बना स्मॉग टावर, जिसका दुनिया में प्रचार हुआ वो बंद क्यों पड़ा है?
2. डस्ट पॉल्युशन चरम पर है, सड़कें टूटी फूटी हैं, इतने समय से सड़कें ऐसी हालत में क्यों छोड़ी? सड़क की मैकेनिकल स्विपिंग के वादे का क्या हुआ?
3. जिस पराली को गलाने वाले जादुई घोल का इतना प्रचार किया गया वो कहां गया?
4. कितनी प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों पर कार्रवाई की गई?
5. अपने निजी जश्न में जमकर पटाके फोड़े, अब जनता के लिए दिवाली पर पटाके बैन, आगे जाकर ऑड-ईवन जनता झेले, कंस्ट्रक्शन लेबर बेरोज़गार होगी, दिल्ली गैस चेंबर बनेगी.
प्रदूषण आते ही सरकार नींद से जाग जाती है। शुरू हो जाता है “मीटिंग-मीटिंग” का खेल। करते रहिए मीटिंग मीटिंग, लेकिन ये बताइए -
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) October 18, 2024
1. CP में ₹20 crore की लागत से बना स्मॉग टावर जिसका दुनिया में प्रचार हुआ वो बंद क्यों पड़ा है?
2. डस्ट पोल्युशन चरम पर है, सड़कें टूटी फूटी हैं, इतने… pic.twitter.com/uHWzxXjN1Q
तीन वर्ष पहले CP में लगा स्मॉग टावर : दिल्ली सरकार ने 3 वर्ष पहले कनॉट प्लेस के नजदीक 20 करोड़ रुपये की लागत से स्मॉग टावर लगाया. इसकी ऊंचाई 24 मीटर है. दावा किया गया कि ये 1 किमी दायरे में हवा साफ करेगा. उस समय मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ इस स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया था. तब उन्होंने कहा था कि प्रदूषण से लड़ने और दिल्ली की हवा साफ करने के लिए आज दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है.
मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन लगाने को मिली थी मंजूरी : ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने शहर की सड़कों को धूल मुक्त बनाने के लिए एक योजना को मंज़ूरी दी थी. इस योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन लगाई जानी थी. 60 फ़ुट से ज़्यादा चौड़ी और पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की सफ़ाई विभाग द्वारा की जानी थी. इसका भी अता पता नहीं है.
140 अवैध डाइंग इंडस्ट्रीज को किया गया सील : पिछले साल हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाली 140 अवैध डाइंग इंडस्ट्रीज को सील किया गया था. एक आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में सभी नॉन कंफर्मिंग एरिया में करीब 50,000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट्स चल रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम भी करते हैं. बावजूद इसके इन सभी यूनिट्स पर आमतौर पर सीलिंग की तलवार भी लटकी रहती है. दिल्ली भर में कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया 29 है जबकि नॉन कंफर्मिंग एरिया की संख्या 26 है.
पहली बार जनवरी 2016 में लगा ऑड-ईवन : वायु प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के मकसद से दिल्ली सरकार ने पहली बार ऑड-ईवन योजना को जनवरी 2016 में लागू किया था. इसके बाद इसे अप्रैल 2016 और 2019 में भी लागू किया गया था. बीते 13 अक्टूबर को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली में निर्माण कार्य या किसी माध्यम से जो लोग धूल प्रदूषण फैला रहे हैं, उनके खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा. इस बाबत उन्होंने धूल प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ एंटी डस्ट कैंपेन के तहत सख्त कार्रवाई करने का दावा भी किया था.
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