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BSP से स्वामी को अब तक नहीं आया बुलावा, फिलहाल अपनी ही पार्टी से कुशीनगर सीट पर बने उम्मीदवार - Kushinagar Lok Sabha seat

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के फिलहाल बसपा में वापसी के रास्ते खुल नहीं पाए हैं. चार दिन से बीएसपी की तरफ से कोई कॉल आने की उम्मीद लगाए बैठे स्वामी अब नाउम्मीद हो चले हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य.
स्वामी प्रसाद मौर्य. (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 4:40 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के फिलहाल बसपा में वापसी के रास्ते खुल नहीं पाए हैं. चार दिन से बीएसपी की तरफ से कोई कॉल आने की उम्मीद लगाए बैठे स्वामी अब नाउम्मीद हो चले हैं. यही वजह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब कुशीनगर लोकसभा सीट से अपनी ही पार्टी से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला ले लिया है. स्वामी 10 मई को कुशीनगर लोकसभा सीट के लिए राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन करेंगे. इसकी घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खुद की है. हालांकि स्वामी के इस कदम को अभी बहुजन समाज पार्टी पर एक तरह से दबाव बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फिलहाल वर्तमान में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इस पार्टी के सहारे उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी बसपा में वापसी के विकल्प तलाशने शुरू कर दिए. स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी सूत्र बताते हैं कि चार दिन पहले बीएसपी के उच्च पदस्थ लोगों से स्वामी प्रसाद की बीएसपी में वापसी की बात हुई और वहां से भरोसा मिला कि बीएसपी सुप्रीमो अब उनकी वापसी के लिए तैयार हैं. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को बीएसपी नेता भी मानना शुरू कर दिया. यही कदम उन पर भारी भी पड़ गया. मैनपुरी में बीते 4 मई को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शिव प्रसाद यादव के पोस्टर में स्वामी प्रसाद मौर्य की फोटो और संबोधित करने का कार्यक्रम लग गया. बताया जा रहा है कि स्वामी का यह कदम BSP को नागवार गुजरा. कहा गया कि जब अभी अधिकृत तौर पर बीएसपी में शामिल नहीं किया गया तो फिर जनसभा कैसे कर सकते हैं और इसके बाद बीएसपी कैंडिडेट के लिए जो जनसभा होनी थी, वह नहीं हुई. सूत्र ये भी बताते हैं कि स्वामी के बीएसपी में वापसी के रास्ते में रोड़ा लग गया है. हालांकि अभी उनकी आस टूटी नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि 10 मई को नामांकन से पहले आठ या नौ मई तक बीएसपी की तरफ से उनका बुलावा जरूर आएगा. फिलहाल स्वामी की बीएसपी में वापसी होगी या नहीं, इस पर बीएसपी के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने अभी भी कुशीनगर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएसपी में अगर स्वामी प्रसाद मौर्य की वापसी होती है तो फिर कुशीनगर सीट से पार्टी उन्हें ही मैदान में उतारेगी. फिलहाल, बीएसपी की तरफ से देरी होने के चलते ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से उम्मीदवार घोषित कर लिया है.

लखनऊ: राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के फिलहाल बसपा में वापसी के रास्ते खुल नहीं पाए हैं. चार दिन से बीएसपी की तरफ से कोई कॉल आने की उम्मीद लगाए बैठे स्वामी अब नाउम्मीद हो चले हैं. यही वजह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब कुशीनगर लोकसभा सीट से अपनी ही पार्टी से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला ले लिया है. स्वामी 10 मई को कुशीनगर लोकसभा सीट के लिए राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन करेंगे. इसकी घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खुद की है. हालांकि स्वामी के इस कदम को अभी बहुजन समाज पार्टी पर एक तरह से दबाव बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फिलहाल वर्तमान में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इस पार्टी के सहारे उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी बसपा में वापसी के विकल्प तलाशने शुरू कर दिए. स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी सूत्र बताते हैं कि चार दिन पहले बीएसपी के उच्च पदस्थ लोगों से स्वामी प्रसाद की बीएसपी में वापसी की बात हुई और वहां से भरोसा मिला कि बीएसपी सुप्रीमो अब उनकी वापसी के लिए तैयार हैं. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को बीएसपी नेता भी मानना शुरू कर दिया. यही कदम उन पर भारी भी पड़ गया. मैनपुरी में बीते 4 मई को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शिव प्रसाद यादव के पोस्टर में स्वामी प्रसाद मौर्य की फोटो और संबोधित करने का कार्यक्रम लग गया. बताया जा रहा है कि स्वामी का यह कदम BSP को नागवार गुजरा. कहा गया कि जब अभी अधिकृत तौर पर बीएसपी में शामिल नहीं किया गया तो फिर जनसभा कैसे कर सकते हैं और इसके बाद बीएसपी कैंडिडेट के लिए जो जनसभा होनी थी, वह नहीं हुई. सूत्र ये भी बताते हैं कि स्वामी के बीएसपी में वापसी के रास्ते में रोड़ा लग गया है. हालांकि अभी उनकी आस टूटी नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि 10 मई को नामांकन से पहले आठ या नौ मई तक बीएसपी की तरफ से उनका बुलावा जरूर आएगा. फिलहाल स्वामी की बीएसपी में वापसी होगी या नहीं, इस पर बीएसपी के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने अभी भी कुशीनगर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएसपी में अगर स्वामी प्रसाद मौर्य की वापसी होती है तो फिर कुशीनगर सीट से पार्टी उन्हें ही मैदान में उतारेगी. फिलहाल, बीएसपी की तरफ से देरी होने के चलते ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से उम्मीदवार घोषित कर लिया है.

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