राजाखेड़ा (धौलपुर): जिले के राजाखेड़ा कस्बे में प्रवास कर रहे ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत को कड़ा संदेश देने की जरूरत है. अविमुक्तेश्वरानंद दो दिन से राजाखेड़ा प्रवास पर हैं.
गोवंश को पशु की श्रेणी में रखने से आज ऐसे हालात: निराश्रित गोवंश के सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आजादी से पहले हमारे देश में प्रत्येक जाति द्वारा गाय को गौ माता के रूप में पूजा जाता था. आजादी के बाद पशुओं की सूची में गाय को भी रख दिया गया. प्रदेश सरकारों ने भी ऐसा ही किया. उन्होंने कहा कि जब तक गौमाता को पशु के रूप में देखा जाएगा, तब तक उनके साथ यही व्यवहार होता रहेगा. इसलिए हमारे द्वारा राज्य सरकारों को गाय को राज्य माता और केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्र माता के रूप में दर्जा देने की बात कहीं जा रही है.
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हिंदुओं पर अत्याचार नहीं किया जाएगा सहन: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत को यह घोषणा करनी पड़ेगी कि बेशक भारत में सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं, लेकिन भारत हिंदुओं की धरती है. इसलिए इसे हिंदुस्तान कहा जाता है. दूसरी इसी से जुड़ी यह घोषणा करनी पड़ेगी कि अगर पूरे विश्व में कहीं भी हिंदुओं के साथ कोई गलत व्यवहार होता है, तो वह निर्बाध रूप से भारत में आकर रह सकते हैं.
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उन्होंनें कहा कि इजराइल इसका उदाहरण है. दूसरा यह कि बांग्लादेश में करीब डेढ़ से पौने दो करोड़ के आसपास हिंदू रहते हैं, लेकिन भारत में 7 करोड़ के आसपास बांग्लादेशी निवास करते हैं. ऐसे में जब वह हमारे डेढ़ करोड़ हिंदू भाइयों की सुरक्षा नहीं कर पाते हैं, तो हम फिर 7 करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशियों की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे.
अब धारा 30 समाप्त करने की जरूरत: गुरुकुल व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय 7 लाख से ज्यादा गुरुकुल आश्रमों को गैर-कानूनी बता कर बंद कर दिया गया था. जिससे गुरुकुल व्यवस्था पूरी तरह समाप्त होती चली गई. जब देश आजाद हुआ, तो संविधान में धारा 30 जोड़ दी गई. जिसमें अल्पसंख्यकों को तो अपने धर्म की शिक्षा देने की तो बात कही गई, लेकिन हिंदू अपने धर्म की शिक्षा नहीं दे सकते थे. ऐसे में हिंदू वर्ग अपने धर्म से दूर होता चला गया. केरला स्टोरी इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि अब धारा 30 को समाप्त करने की जरूरत है, जिससे हिंदू वर्ग भी अन्य वर्गों की तरह अपने हिंदू धर्म की शिक्षा बच्चों को दिला सकें.