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बनारस सहित दुनिया के तीन शहरों में सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज लॉन्च, 9 मिलियन डॉलर के फंडिंग से होंगे विकास के कार्य - VARANASI city

अमेरिका और इटली के एक एक शहर के साथ बनारस में लांच हुआ सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज, 9 मिलियन डॉलर के फंडिंग से बनारस में होंगे कई काम.

काशी के विकास में टोयटा बढ़ाए कदम
काशी के विकास में टोयटा ने बढ़ाए कदम (PHOTO Source ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 10:53 PM IST

वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भव्य रूप सामने आने के बाद वाराणसी में अब आसपास के क्षेत्र में भी भारी भीड़ का दबाव बढ़ने लगा है. जिसके लिए जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी लंबे वक्त से चल रही है. और अब इस तैयारी को पूरा करने में सहयोग करेगा टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन. गुरूवार को जापान के सहयोग से नगर निगम वाराणसी, विकास प्राधिकरण और कई संबंधित विभागों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. कैंटोमेंट क्षेत्र के एक होटल में टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन और नगर निगम ने मिलकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज कार्यक्रम लॉन्च किया गया.

काशी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि, साल 2014 के पहले शहर में इलेक्ट्रानिक सिग्नल प्रणाली नहीं थी, जिसे बाद में चालू किया गया. उनका कहना था कि, बनारस में रोजाना डेढ़ लाख पर्यटक आते हैं. आज स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. आज आवश्यकता है कुछ करने की. शहर में जितने भी आटो, ई-रिक्शा चलते हैं, इनका रूट तय होना चाहिए, क्योंकि ट्रैफिक का सबसे ज्यादा दबाव लक्सा, मैदागिन, काल भैरव क्षेत्र में दिखाई देता है. व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से सलाह लेकर समस्या का समाधान हमें ढूंढना चाहिए.

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि, हमारे लिए गर्व की बात है कि, विश्व के तीन शहर अमेरिका, इटली के बाद भारत को टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन की ओर से चुना गया और उसमें वाराणसी का चयन हुआ. उन्होंने बताया कि, काशी की मूलभूत सुविधाओं, विशेष रुप से काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या उचित सुविधा उपलबध कराई जायेगी. इस पर 3 मिलियन डॉलर अर्थात 25 करोड़ रुपये संस्था की ओर से खर्च किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि, संस्था निगम को पैसा नहीं देगी, वह अपने एक्सपर्टों के जरिए तकनीकी दृष्टि से समस्या का समाधान ढूंढकर निकालेगी, जिसके बाद उस पर काम होगा. उनका कहना था कि, संस्था की ओर 2 किमी क्षेत्र में सर्वेकर एक प्लान तैयार किया जायेगा, जिससे विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.

संस्था के कार्यक्रम निदेशक परस गनेश ने कहा कि, संस्था तकनीकी, पार्टनरशिप और जन सहभागिता के आधार पर समस्या का समाधान कराना चाहती है, जिसमें सबका सहयोग लिया जायेगा. इसके लिए संस्था साइड पर जाकर काम करेगी. वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने शहर के विकास में अपनी भूमिका पर वचनबद्धता को दोहराया और संस्था को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया.

ये भी पढ़ें: बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से कैंट रेलवे स्टेशन मालामाल, सालभर में 8 % बढ़ी इनकम, 562 करोड़ हुई कमाई - Varanasi Cantt Railway Station

वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भव्य रूप सामने आने के बाद वाराणसी में अब आसपास के क्षेत्र में भी भारी भीड़ का दबाव बढ़ने लगा है. जिसके लिए जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी लंबे वक्त से चल रही है. और अब इस तैयारी को पूरा करने में सहयोग करेगा टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन. गुरूवार को जापान के सहयोग से नगर निगम वाराणसी, विकास प्राधिकरण और कई संबंधित विभागों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. कैंटोमेंट क्षेत्र के एक होटल में टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन और नगर निगम ने मिलकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज कार्यक्रम लॉन्च किया गया.

काशी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि, साल 2014 के पहले शहर में इलेक्ट्रानिक सिग्नल प्रणाली नहीं थी, जिसे बाद में चालू किया गया. उनका कहना था कि, बनारस में रोजाना डेढ़ लाख पर्यटक आते हैं. आज स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. आज आवश्यकता है कुछ करने की. शहर में जितने भी आटो, ई-रिक्शा चलते हैं, इनका रूट तय होना चाहिए, क्योंकि ट्रैफिक का सबसे ज्यादा दबाव लक्सा, मैदागिन, काल भैरव क्षेत्र में दिखाई देता है. व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से सलाह लेकर समस्या का समाधान हमें ढूंढना चाहिए.

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि, हमारे लिए गर्व की बात है कि, विश्व के तीन शहर अमेरिका, इटली के बाद भारत को टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन की ओर से चुना गया और उसमें वाराणसी का चयन हुआ. उन्होंने बताया कि, काशी की मूलभूत सुविधाओं, विशेष रुप से काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या उचित सुविधा उपलबध कराई जायेगी. इस पर 3 मिलियन डॉलर अर्थात 25 करोड़ रुपये संस्था की ओर से खर्च किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि, संस्था निगम को पैसा नहीं देगी, वह अपने एक्सपर्टों के जरिए तकनीकी दृष्टि से समस्या का समाधान ढूंढकर निकालेगी, जिसके बाद उस पर काम होगा. उनका कहना था कि, संस्था की ओर 2 किमी क्षेत्र में सर्वेकर एक प्लान तैयार किया जायेगा, जिससे विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.

संस्था के कार्यक्रम निदेशक परस गनेश ने कहा कि, संस्था तकनीकी, पार्टनरशिप और जन सहभागिता के आधार पर समस्या का समाधान कराना चाहती है, जिसमें सबका सहयोग लिया जायेगा. इसके लिए संस्था साइड पर जाकर काम करेगी. वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने शहर के विकास में अपनी भूमिका पर वचनबद्धता को दोहराया और संस्था को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया.

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