रोहतास : बिहार के रोहतास जिले के डेहरी नगर थाना क्षेत्र के न्यू एरिया से करीब दस माह से लापता तीन नाबालिग बेटे की खोज में निकले पिता की हरियाणा में संदिग्ध मौत हो गई. मौत का कारण अभी सामने नहीं आया है. मृतक के परिजन इसे लेकर कई तरह की बातें कह रहे हैं. आरोप पड़ोसी पर लगा रहे हैं. मृतक अनिल कुमार पाण्डेय शहर के न्यू एरिया के निवासी थे, और अपने घर में पीडीएस दुकान चलाते थे.
बेटे को खोजने हरियाणा गए पिता की मौत : बताया कि 18 अगस्त 2023 की मनहूस घड़ी सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं बल्कि कालोनी में रहने वालों के लिए भी साबित हुई है. एक ही मुहल्ले के 3 लड़के घर से विभिन्न कारण बताकर निकले और अचानक लापता हो गए. तीनों लड़कों में से एक के पास मोबाइल था, लेकिन वह भी स्विच्ड ऑफ बता रहा था. जब अगले दिन तक वह वापस नहीं आए तो घर वालों ने अलग-अलग खोज-बीन शुरू की. फिर वही खोज सामूहिक बन गया और पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया.
पिछले साल से लापता है मोहल्ले के तीन लड़के : जब काफी दिनों तक पता नहीं चला तो जानकारी देने वाले को एक लाख रुपए ईनाम भी घोषित कर दिए गए. शहर के चौक चौराहों पर गुमशुदगी के पोस्टर भी चिपकाए गए. तमाम मामले में पुलिस की कार्यशैली से परिजन नाराज भी रहे. तीनों परिवार एक दूसरे के बेटे को दोषी करार देते रहे और साथ में खोजते भी रहे.
हरियाणा में लापता बच्चों की मौजूदगी का चला पता : परिजनों के मुताबिक न्यू एरिया निवासी 13 वर्षीय शिवम कुमार, 14 वर्षीय दीपक कुमार और 18 वर्षीय जक्की बिगहा निवासी शुभम कुमार घर से बिना बताए गायब हो गए थे. शुभम के पिता रविन्द्र कुमार ने अनिल पांडेय को बताया कि हरियाणा के गूजर गली में लड़का जूता चप्पल की दुकान में काम कर रहा है और शायद वहां पर मिल जाएगा. बच्चों की खोज में उनकी योजना शुक्रवार को जाने की बनी फिर उस दिन न जाकर सोमवार को तीनों के पिता महाबोधि एक्सप्रेस से निकले.
मृतक की बेटी ने उठाए मौत पर सवाल : मृतक की पुत्री बबली ने बताया कि उनके पिता ने कहा कि अभी तक लड़का के पास नहीं ले कर गए हैं. उसी दिन शाम में कॉल किए करीब 8 बजे और उससे बात किए. उसके बाद मोबाइल पर फोन लगाया गया तो मोबाइल ऑफ हो गया. दीपक कुमार की मां ने बताया कि अगली सुबह चार बजे कॉल आया कि अनिल पांडेय की मौत हो गई है.
सदमें में मृतक की पत्नी : मृतक की पत्नी का कहना था, कि अभी 10 माह से गुम हुए बच्चे को लेकर वह सदमे में थी ही, कि बच्चे तो मिले नहीं उनकी खोज में पिता की भी मौत हो गई. ऐसे में इकलौते कमाऊ पति की मौत के बाद अब वह कैसे रहेंगी.
''पापा को रविंद्र पटेल यह कह कर ले गए थे, कि बच्चे का पता चल गया है तो आखिरकार मेरा भाई कहां है. उसकी खोज में पिता की संदेहास्पति मौत कैसे हो गई?''- बबली, मृतक की पुत्री
मौत को लेकर मातम और आक्रोश : इधर घटना के बाद गुरुवार को डेहरी शव पहुंचते ही लोगों में चीख पुकार मच गयी. मृतक की पत्नी के अलावा पांच बेटियां और दो बेटे हैं. जो गुम हुआ है, वह सबसे छोटा है. दो बेटियों की शादी हो गई है. घटना को लेकर लोगों में आक्रोश और मातम दोनों है.