जयपुर. राजस्थान के बहुचर्चित दौसा घूस कांड मामले के आरोपी राजस्थान कैडर के आईपीएस मनीष अग्रवाल को भजनलाल सरकार ने तीन साल के बाद बहाल कर दिया. शुक्रवार को कार्मिक विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. मनीष अग्रवाल पिछले 3 साल से रिश्वत लेने के मामले में निलंबित चल रहे थे. इससे पहले मनीष अग्रवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. एसीबी ने दौसा घूस कांड मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी. दोनों ही मामलों में चालान भी पेश हो चुका था, जिस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. आईपीएस मनीष अग्रवाल को इस मामले में 100 दिन से ज्यादा जेल में रहना पड़ा था.
ये था मामला : बता दें कि फरवरी 2021 में यानी तीन साल पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण कंपनी से रिश्वत के आरोप में आईपीएस मनीष अग्रवाल, आरएएस पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल के अलावा दो दलाल एसीबी की गिरफ्त में आए थे. 13 जनवरी 2021 को हुई इस कार्रवाई में दौसा और बांदीकुई के तत्कालीन एसडीएम पुष्कर मित्तल और पिंकी मीणा को एसीबी ने गिरफ्तार किया था, साथ ही आईपीएस मनीष अग्रवाल के दलाल नीरज मीणा को भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों से बंधी लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
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2010 बैच के आईपीएस मनीष अग्रवाल उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. पहले उन्हें जम्मू कश्मीर कैडर आवंटित हुआ था, लेकिन ट्रेनिंग के बाद करीब दो साल तक वे वहीं रहे थे. बाद में राजस्थान कैडर की एक आईपीएस अधिकारी से शादी करके मनीष अग्रवाल ने अपना कैडर बदलवा कर जम्मू कश्मीर से राजस्थान शिफ्ट हो गए. हालांकि, बाद में आईपीएस पत्नी से मनीष अग्रवाल का तलाक हो गया था.