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आम जनता को फिर लग सकता है झटका, भवनों का किया जा रहा सर्वे, नए सर्किल रेट से देना होगा हाउस टैक्स - Mussoorie Municipality

मसूरी में ड्रोन के माध्यम से नगर पालिका क्षेत्र में भवनों का सर्वे कार्य शुरू किया जाएगा. साथ ही नये सर्किल रेट के हिसाब से भवनों पर कर लगाया जाएगा. ये जानकारी मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने दी है.

Survey work of buildings will start in Mussoorie
मसूरी में भवनों का सर्वे कार्य होगा शुरू (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 10, 2024, 3:44 PM IST

आम जनता को फिर लग सकता है झटका (video-ETV Bharat)

मसूरी: उत्तराखंड शासन द्वारा नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर भवन कर निर्धारित करने को लेकर प्रदेश की 14 निकायों में ड्रोन सर्वे का कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत मसूरी में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. अब जमीनी स्तर पर सभी भवनों, प्राइवेट और कमर्शियल संपत्तियों का सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा.

मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर भवन कर निर्धारित किया जाना है, जिसका सर्वे ड्रोन और जमीनी स्तर पर किया जा रहा है. नये सर्किल रेट के अनुसार ओपन भूमि पर 5 प्रतिशत, डोमेस्टिक भूमि पर 25 प्रतिशत और कमर्शियल भूमि पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाना है, जिससे हर साल नगर पालिका की आय में वृद्धि होगी और लगभग 20 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में साढ़े छह हजार भवन नगर पालिका में पंजीकृत हैं, जिनसे कर लिया जाता है.

राजेश नैथानी ने बताया कि ड्रोन सर्वे के बाद इसकी संख्या बढ़ जाएगी और अप्रैल 2025 से यह योजना लागू हो जाएगी. इस अभियान के पहले चरण में हायर रेजुलेशन सेटेलाइट मैप का क्रॉस वेरिफिकेशन ड्रोन के माध्यम से करवाया जाएगा, जिसकी मदद से मसूरी में महीन स्केल पर संपत्तियों का ब्यौरा निकाय के साथ-साथ शहरी विकास विभाग को भी मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत कई नई जानकारियां विभाग को मिल रही हैं. उम्मीद है कि इस तरह के एसेसमेंट के बाद प्रॉपर्टी टैक्स में 30 से 40 फीसदी का इजाफा यानी सीधा-सीधा राजस्व का लाभ मसूरी नगर पालिका को मिलेगा.

राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका परिषद के क्षेत्र में आने वाले कई क्षेत्र जैसे मकरेती गांव और बासा घाट में पालिका द्वारा भवन कर नहीं लिया जाता था, लेकिन सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद ऐसी सभी जगहों पर भवन कर लगने लगेगा. उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग ने यह फैसला लिया है कि ड्रोन के माध्यम से पूरे निकाय में निगरानी की जाए. साथ ही इस सर्वे के माध्यम से निकाय को जानकारी मिलेगी कि कहां पर कितनी संपत्ति है. अवैध निर्माण और अवैध संपत्तियों की भी जानकारी निकाय को मिल पाएगी. इसके अलावा इस तरह सर्वे करके और भी कई सारी जानकारियां सरकार को मिल पाएंगी. यह प्रक्रिया एक व्यवस्थित विकास में भी सहयोगी साबित होगी.

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मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर भवन कर निर्धारित किया जाना है, जिसका सर्वे ड्रोन और जमीनी स्तर पर किया जा रहा है. नये सर्किल रेट के अनुसार ओपन भूमि पर 5 प्रतिशत, डोमेस्टिक भूमि पर 25 प्रतिशत और कमर्शियल भूमि पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाना है, जिससे हर साल नगर पालिका की आय में वृद्धि होगी और लगभग 20 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में साढ़े छह हजार भवन नगर पालिका में पंजीकृत हैं, जिनसे कर लिया जाता है.

राजेश नैथानी ने बताया कि ड्रोन सर्वे के बाद इसकी संख्या बढ़ जाएगी और अप्रैल 2025 से यह योजना लागू हो जाएगी. इस अभियान के पहले चरण में हायर रेजुलेशन सेटेलाइट मैप का क्रॉस वेरिफिकेशन ड्रोन के माध्यम से करवाया जाएगा, जिसकी मदद से मसूरी में महीन स्केल पर संपत्तियों का ब्यौरा निकाय के साथ-साथ शहरी विकास विभाग को भी मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत कई नई जानकारियां विभाग को मिल रही हैं. उम्मीद है कि इस तरह के एसेसमेंट के बाद प्रॉपर्टी टैक्स में 30 से 40 फीसदी का इजाफा यानी सीधा-सीधा राजस्व का लाभ मसूरी नगर पालिका को मिलेगा.

राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका परिषद के क्षेत्र में आने वाले कई क्षेत्र जैसे मकरेती गांव और बासा घाट में पालिका द्वारा भवन कर नहीं लिया जाता था, लेकिन सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद ऐसी सभी जगहों पर भवन कर लगने लगेगा. उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग ने यह फैसला लिया है कि ड्रोन के माध्यम से पूरे निकाय में निगरानी की जाए. साथ ही इस सर्वे के माध्यम से निकाय को जानकारी मिलेगी कि कहां पर कितनी संपत्ति है. अवैध निर्माण और अवैध संपत्तियों की भी जानकारी निकाय को मिल पाएगी. इसके अलावा इस तरह सर्वे करके और भी कई सारी जानकारियां सरकार को मिल पाएंगी. यह प्रक्रिया एक व्यवस्थित विकास में भी सहयोगी साबित होगी.

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