सरगुजा: पंचायती राज व्यवस्था देश के सबसे बड़े वर्ग को सीधे जोड़ती है, इसलिए चुनाव में सबसे अहम स्थान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का भी होता है. यही वो जनप्रतिनिधि हैं, जो देश के सर्वाधिक भू-भाग में काम करते हैं. छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव हो रहे हैं और सबसे मजबूत पंचायत की बात करें तो सरगुजा की पंचायतें उनमे से एक हैं, क्योंकि संविधान में इन्हें विशेष शक्तियां प्राप्त हैं.
बीजेपी जिला अध्यक्ष की पत्नी हैं दिव्या सिंह: पेशा कानून के तहत सरगुजा की पंचायतों को सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है. ऐसे में यहां चुनाव भी बड़ा रोचक होता है. बड़े नेताओं की रुचि के कारण चुनाव हाईप्रोफाइल बन जाता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस चुनाव का भी रंग हो जाता है.
''योजनाओं को जमीन तक पहुंचाना मकसद'': इस बार भी सरगुजा की दो जिला पंचायत सीट हाई प्रोफाइल हो चुकी है, क्योंकि इनमें बड़े नेताओं की रुचि है. क्षेत्र क्रमांक एक से भाजपा जिलाध्यक्ष भरत सिंह सिसोदिया की पत्नी दिव्या सिंह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. दिव्या सिंह से ईटीवी भारत ने ख़ास बातचीत की और जाना की वो किस लक्ष्य को लेकर जनता के बीच जा रही हैं और क्षेत्र में कैसी समस्या सामने आ रही हैं.
लखपति दीदी योजना: दिव्या सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कई ऐसी महिलायें हैं, जो नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन योजना से लखपति बन चुकी हैं. पति कुछ नहीं करते लेकिन महिलाएं घर चला रही हैं. लेकिन अब भी बहुत सी महिलाओं तक योजना नहीं पहुंची है. सभी महिलाओं में जागरूकता लाना है.
''सिंचाई की सुविधा बढ़ाना'': दिव्या सिंह का कहना है कि किसानों के लिए स्थानीय बाजार की जरूरत है, क्योंकि अन्नदाता का लाभ कोचिया कमाता है. अन्नदाता गरीब ही हैं, लेकिन कोचिया पैसे कमाते जा रहे है. पिछली सरकार ने सड़क का काम नहीं किया. ग्रामीण सड़क की स्थित बहुत खराब है. किसानों के लिए सिंचाई के साधन कम हैं, उस पर भी काम करना होगा.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष पर आरोप: दिव्या सिंह का आरोप है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष दस साल से उस क्षेत्र में गये तक नही हैं, इसलिए जनता में आक्रोश है. जनता इस बार उनका इन्तजार कर रही है.
जिला पंचायत सदस्य: दिव्या सिंह ने दावा किया कि लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद उपाध्यक्ष पद की दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा की अगर मौका मिला तो जरूर बनना चाहूंगी.