नई दिल्लीः दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है.
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने सिसोदिया की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक सिंघवी और सीबीआई व ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनीं थी. 21 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया थाय हाई कोर्ट ने कहा था कि पद का दुरुपयोग किया गया. सिसोदिया बाहर आकर सबूत और गवाहों पर असर डाल सकते हैं.
2023 से हिरासत में लिए गए थे सिसोदिया
- दिल्ली शराब घोटाला केस में मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं.
- सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था.
- ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था.
- मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
ईडी और सीबीआई ने किया विरोध
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने जमानत का अनुरोध करते हुए तर्क दिया है कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है. ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि एजेंसी के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया की गहरी संलिप्तता का प्रमाण देते हैं.
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