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रिटायर RAS निष्काम दिवाकर और ओंकारमल दो सप्ताह में जवाब दें : सुप्रीम कोर्ट - single lease case

Supreme Court Hearing on SLP, एकल पट्टा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इसके तहत अदालत ने रिटायर आरएएस निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.

Supreme Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 25, 2024, 9:58 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने एकल पट्टा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 के फैसले को चुनौती देने वाली एसएलपी में रिटायर आरएएस निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. साथ ही प्रार्थी को कहा है कि यदि उसे कोई रिजॉइंडर देना है तो वह भी दे दें. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश अशोक पाठक की एसएलपी पर दिया. सुनवाई के दौरान दिवाकर व सैनी की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया, जिस पर अदालत ने उन्हें दो सप्ताह का समय दिया.

अदालत ने पिछली सुनवाई पर इस याचिका को राज्य के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ दायर एसएलपी के साथ संलग्न करने का निर्देश दिया था. दरअसल, अशोक पाठक ने एसएलपी में हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने की कार्रवाई को सही माना था. मामले से जुड़े अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने बताया कि एकल पट्‌टा मामले में पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ भी एसएलपी पेंडिंग चल रही है.

पढ़ें. किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने पर मांगा जवाब

इस एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के 15 नवंबर 2022 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने एसीबी कोर्ट-4 के 18 अप्रैल 2022 के आदेश से शुरू की गई कार्रवाई रद्द कर दी थी. इसके साथ ही एसीबी कोर्ट में दायर 3 जनवरी 2022 की प्रोटेस्ट पिटीशन में होने वाली कार्रवाई व दर्ज एफआईआर भी धारीवाल की हद तक रद्द कर दी थी. एसएलपी में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज केस की एफआईआर को केवल शिकायतकर्ता के राजीनामे के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता. यह केस राज्य सरकार का केस है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने एकल पट्टा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 के फैसले को चुनौती देने वाली एसएलपी में रिटायर आरएएस निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. साथ ही प्रार्थी को कहा है कि यदि उसे कोई रिजॉइंडर देना है तो वह भी दे दें. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश अशोक पाठक की एसएलपी पर दिया. सुनवाई के दौरान दिवाकर व सैनी की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया, जिस पर अदालत ने उन्हें दो सप्ताह का समय दिया.

अदालत ने पिछली सुनवाई पर इस याचिका को राज्य के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ दायर एसएलपी के साथ संलग्न करने का निर्देश दिया था. दरअसल, अशोक पाठक ने एसएलपी में हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने की कार्रवाई को सही माना था. मामले से जुड़े अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने बताया कि एकल पट्‌टा मामले में पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ भी एसएलपी पेंडिंग चल रही है.

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इस एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के 15 नवंबर 2022 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने एसीबी कोर्ट-4 के 18 अप्रैल 2022 के आदेश से शुरू की गई कार्रवाई रद्द कर दी थी. इसके साथ ही एसीबी कोर्ट में दायर 3 जनवरी 2022 की प्रोटेस्ट पिटीशन में होने वाली कार्रवाई व दर्ज एफआईआर भी धारीवाल की हद तक रद्द कर दी थी. एसएलपी में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज केस की एफआईआर को केवल शिकायतकर्ता के राजीनामे के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता. यह केस राज्य सरकार का केस है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है.

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