सुपौलः इंडो-नेपाल सीमा पर दो अलग-अलग जगहों से एसएसबी ने भारी मात्रा में तस्करी का गांजा जब्त किया है. जिसकी कीमत भारतीय बाजार में लाखों रुपए आंकी जा रही है. एक स्थान पर किए गए कार्रवाई में जहां तस्कर फरार होने में सफल रहे. वहीं दूसरी कार्रवाई में एक तस्कर एसएसबी की टीम के हत्थ चढ़ गया. गिरफ्तार आरोपी को वीरपुर पुलिस को सौंप दिया गया है.
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाईः एसएसबी 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि "सूचना मिली थी कि कोसी नदी के पलार के रास्ते नेपाल से गांजा लाया जा रहा है.सूचना की पुष्टि होने के बाद धरहरा पलार में स्पेशल नाका दल नियुक्त किया गया.थोड़ी देर बाद ही दो-तीन व्यक्ति सिर पर बोरी लिए नेपाल से भारत की ओर आते दिखे. जब नाका दल ने उन्हें घेरने की कोशिश की तो वे सभी बोरियां फेंककर नेपाल की तरफ भाग गये"
बोरियों में मिला 69 किलो से ज्यादा गांजाः एसएसबी के मुताबिक "इन तीन बोरियों में प्लास्टिक के 66 पैकेट मिले. जिसे खोलने पर पता चला कि प्लास्टिक पैकेट में 69 किलो 300 ग्राम गांजा है. आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद गांजा कुनौली थाने को सुपुर्द कर दिया गया. भारतीय बाजार में जब्त गांजे की कीमत 13 लाख 86 हजार रुपये बताई जा रही है."
दूसरी कार्रवाई में 93 किलो से ज्यादा गांजा जब्तः वहीं गांजे की दूसरी खेप बॉर्डर के पीलर संख्या 200 के पास जब्त की गई, जहां स्पेशल नाका दल ने नेपाल से सिर पर बोरी लिए आ रहे कुछ लोगों को ललकारा. जिसके बाद सभी लोग सामान छोड़कर नेपाल की तरफ भागने की कोशिश करने लगे. नाका दल ने उनका पीछा किया. इस क्रम में एक को नाका दल ने पकड़ लिया. जबकि बाकी फरार होने में सफल रहे
अररिया का रहनेवाला है आरोपी तस्करः पुलिस ने बोरियों की तलाशी ली तो बोरियों से 93 किलो 80 ग्राम गांजा मिला. एसएसबी ने गांजा जब्त कर लिया और कागजी कार्रवाई के बाद गांजा और आरोपी तस्कर को वीरपुर पुलिस के हवाले कर दिया. जब्त गांजे की कीमत भारतीय बाजार में 18 लाख 61 हजार 600 रूपये आंकी जा रही है. गांजा तस्करी का आरोपी रोशन कुमार अररिया जिले के घूरना थाने के महेशपट्टी का रहनेवाला है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर से जमकर हो रही तस्करीः ये पहला मौका नहीं है कि इंडो-नेपाल बॉर्डर से गांजा तस्करी का खुलासा हुआ है. इसके पहले भी लगातार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. बॉर्डर इलाका खुला रहने से ये तस्करी के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. समय-समय पर ऐसी तस्करियों का खुलासा जरूर होता है लेकिन इसके बाद भी तस्करों का दुस्साहस कम नहीं हो रहा है.