सुपौलः बिहार के सुपौल जिले के निजी स्कूल में हुई गोलीबारी के बाद आरोपी नर्सरी के छात्र का पिता मुकेश कुमार पिस्टल लेकर फरार है तो इस घटना के बाद जांच में जुटी पुलिस ने सेंट जॉन स्कूल के संचालक संतोष झा को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. जिस तरह की ये घटना सामने आई है उससे सभी लोग हैरान हैं. सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर बच्चे को हथियार कहां से मिला और उसने तीसरी के छात्र को गोली क्यों मारी?
पुलिस के पास आरोपी: फिलहाल गोली चलाने का आरोपी 6 साल का मासूम पुलिस के पास है और पुलिस आरोपी बच्चे की तलाश में जुटी हुई है.वहीं जख्मी बच्चे का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में चल रहा है. अबतक घटना के कारणों की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि घटना के बाद आरोपी बच्चे के पिता त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के बघला गांव निवासी मुकेश कुमार स्कूल पहुंचा था और घटना में प्रयुक्त पिस्टल लेकर मौके से फरार हो गया.
बाइक छोड़कर हुआ फरारः बताया जाता है कि मुकेश कुमार आरोपी बच्चे को भी साथ लेना चाह रहा था, लेकिन लोगों की भीड़ की वजह से वो सफल नहीं हो पाया. अंत में उसने अपनी बाइक स्कूल में ही छोड़ दी और स्कूल की चाहरदीवारी कूदकर फरार हो गया. वहीं पीड़ित बच्चे के परिजनों ने पिस्टल की मैगजीन पुलिस को सौंपी है और आरोपी बच्चे के पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
आखिर मासूम के हाथ कहां से आई पिस्टल ? : इस घटना के बारे में जिसने भी सुना वो हैरान हो गया. सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर नर्सरी में पढ़नेवाले मासूम ने छात्र को गोली क्यों मारी और इससे भी बड़ी बात कि आखिर मासूम को पिस्टल कहां से और कैसे मिल गयी ? ऐसे में जब तक आरोपी का पिता मुकेश कुमार पुलिस के हाथ नहीं आता तब तक इसका स्पष्ट जवाब मिलना मुश्किल है.
"सेंट जॉन स्कूल में बच्चा अपने घर से स्कूल बैग में पिस्टल लेकर चला आया था. एसेंबली के वक्त गोलीबारी में 10 वर्षीय छात्र के बाएं हाथ की तलहथी में गोली लगी. जिसका इलाज चल रहा है. स्कूल के डायरेक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. स्कूल में ग्रामीणों ने तोड़फोड़ भी की है. आरोपी बच्चे की उम्र 6 से 7 साल के बीच है. पुलिस अनुसंधान में जुटी है."- विपिन कुमार, एसडीपीओ, त्रिवेणीगंज
'परिवार का माहौल हो सकता है जिम्मेदार': सुपौल में हुई इस घटना को लेकर बिहार की जाने-माने साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर बिंदा सिंह का कहना है कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. एक समाज के तौर पर हम कहां जा रहे हैं इस पर सोचने की जरूरत है. इस घटना के लिए आरोपी बच्चों के अभिभावक जिम्मेदार हैं. बच्चों ने इतना बड़ा हिंसक कदम उठाया है तो इसके लक्षण पहले से उसमें आ रहे होंगे. आजकल अभिभावक मोबाइल में अपने आप में बिजी रहते हैं और बच्चों की बातों को अनसुना करते हैं जिससे बच्चे के अंदर क्रोध उत्पन्न होता है. इसके अलावा परिवार में भी हिंसक माहौल रहा होगा तभी बच्चे ने इतना बड़ा कदम उठाया है.
"आजकल बच्चे भी हिंसक वीडियो गेम खेल रहे हैं जिसमें किसी को घोड़े पर से गिरा देना, किसी को छत पर से गिरा देना, किसी को गोली मार देना यही सीखते हैं. जो कार्टून भी देखते हैं उसमें भी हिंसा होती है. कार्टून में शैतानी और शरारत करने वाले बच्चों को प्रमोट किया जाता है, जिससे बच्चे ऐसा ही बनना चाहते हैं. इतने छोटे बच्चों को पता नहीं होता है कि वह किसी को गोली मार देगा तो अंजाम क्या होगा.?"- डॉ. बिंदा सिंह, मनोचिकित्सक
'अभिभावक की लापरवाही': डॉ. बिंदा सिंह का कहना है कि यह अभिभावकों की लापरवाही है कि पिस्टल को बच्चों की पहुंच से दूर नहीं रखा जिसके कारण बच्चे के हाथ पिस्टल लग गई. कई बार अभिभावक बच्चे से खुलकर बात नहीं करते हैं और स्कूल में कोई बच्चा दूसरे बच्चे को प्रताड़ित करता है तो तो कभी-कभी प्रताड़ित हो रहा बच्चा हिंसक हो जाता है. ऐसे में वो इस परेशानी से निजात के लिए हिंसक कदम उठा लेता है.
"बच्चों की सही देखभाल के लिए जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को पर्याप्त समय दें. माता-पिता बच्चों से बातें करें और अच्छी बातें करें. बच्चों को मोटिवेशनल कहानियां सुनाएं. बच्चों की बातों को सुने और बच्चों से पता लगाएं कि स्कूल में दोस्तों का उसके साथ कैसा व्यवहार रहता है. बार-बार अपने बच्चों को उसके मुंह पर कमजोर साबित नहीं करें, दूसरे की तुलना में अपने बच्चों को कोसे नहीं. बच्चों की गलतियां पर उन्हें सीख देते हुए मोटिवेट करें और बच्चों के साथ खुशनुमा व्यवहार करें."-डॉ. बिंदा सिंह, मनोचिकित्सक