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सभी DC और SP हफ्ते के दो दिन सुनेंगे लोगों की शिकायतें, सुक्खू सरकार ने दिए निर्देश, अधिसूचना जारी

सुक्खू सरकार ने सभी डीसी और एसपी को हफ्ते में दो दिन लोगों की समस्याओं को सुनने के निर्देश दिए हैं.

सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू
सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 5:29 PM IST

शिमला: हिमाचल की जनता को अब अपनी समस्याओं को लेकर न तो परेशान होने की जरूरत है और न ही इस बात की चिंता करने की जरूरत है कि जिला का मुखिया ऑफिस में मिलेगा की नहीं. लोगों की इस तरह की दिक्कत को दूर करने के सुक्खू सरकार ने सभी डीसी और एसपी को जरूरी निर्देश जारी किए हैं.

इसके मुताबिक सभी जिलों के डीसी को सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को अपने ऑफिस में लोगों की शिकायत सुनेंगे. इसको लेकर सचिव प्रशासनिक सुधार ने अधिसूचना जारी कर दी है. अगर सोमवार या वीरवार को सार्वजनिक अवकाश होता है तो ऐसी स्थिति में डीसी अगले कार्य दिवस पर कार्यालय में उपस्थित रह कर लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे. यह निर्देश सभी जिला पुलिस अधीक्षकों पर भी लागू होंगे.

आम लोगों को समस्या से मिलेगी राहत

प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति को देखते सुक्खू सरकार के इस निर्णय से लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर से डीसी और एसपी के ऑफिस में अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं, लेकिन कई बार डीसी और एसपी किन्हीं कारणों से ऑफिस में उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में लोगों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. लेकिन अब सप्ताह में दो दिन डीसी और एसपी ऑफिस में उपलब्ध रहेंगे. ऐसे में लोगों निर्धारित दिन अपनी शिकायतें लेकर आ सकते हैं और उन्हें खाली हाथ भी वापस नहीं लौटना पड़ेगा.

इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 7 और 8 नवंबर को शिमला में आयोजित हुई डीसी व एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान ये निर्देश जारी किए थे. सीएम सुक्खू ने कहा, "जनसमस्याओं के त्वरित निवारण के लिए डीसी और एसपी को सप्ताह के निश्चित दिन कार्यालय में उपस्थित रहना आवश्यक है. ताकि लोगों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो सके. प्रदेश सरकार सुशासन को प्राथमिकता देते हुए लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रही है".

सीएम सुक्खू ने कहा, "लोगों की सुविधा के लिए सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसमें सभी मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याओं का मौके पर समाधान कर रहे हैं. प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों के आयोजन के माध्यम से अब तक 2.5 लाख से अधिक लंबित राजस्व मामलों का निपटारा भी किया जा चुका है, जिससे लोगों को सरकारी कार्यालयों में बार बार चक्कर काटने से छुटकारा मिला है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली पहुंचे हिमाचल के तीन बड़े नेता, जानें क्या है वजह ?

शिमला: हिमाचल की जनता को अब अपनी समस्याओं को लेकर न तो परेशान होने की जरूरत है और न ही इस बात की चिंता करने की जरूरत है कि जिला का मुखिया ऑफिस में मिलेगा की नहीं. लोगों की इस तरह की दिक्कत को दूर करने के सुक्खू सरकार ने सभी डीसी और एसपी को जरूरी निर्देश जारी किए हैं.

इसके मुताबिक सभी जिलों के डीसी को सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को अपने ऑफिस में लोगों की शिकायत सुनेंगे. इसको लेकर सचिव प्रशासनिक सुधार ने अधिसूचना जारी कर दी है. अगर सोमवार या वीरवार को सार्वजनिक अवकाश होता है तो ऐसी स्थिति में डीसी अगले कार्य दिवस पर कार्यालय में उपस्थित रह कर लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे. यह निर्देश सभी जिला पुलिस अधीक्षकों पर भी लागू होंगे.

आम लोगों को समस्या से मिलेगी राहत

प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति को देखते सुक्खू सरकार के इस निर्णय से लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर से डीसी और एसपी के ऑफिस में अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं, लेकिन कई बार डीसी और एसपी किन्हीं कारणों से ऑफिस में उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में लोगों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. लेकिन अब सप्ताह में दो दिन डीसी और एसपी ऑफिस में उपलब्ध रहेंगे. ऐसे में लोगों निर्धारित दिन अपनी शिकायतें लेकर आ सकते हैं और उन्हें खाली हाथ भी वापस नहीं लौटना पड़ेगा.

इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 7 और 8 नवंबर को शिमला में आयोजित हुई डीसी व एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान ये निर्देश जारी किए थे. सीएम सुक्खू ने कहा, "जनसमस्याओं के त्वरित निवारण के लिए डीसी और एसपी को सप्ताह के निश्चित दिन कार्यालय में उपस्थित रहना आवश्यक है. ताकि लोगों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो सके. प्रदेश सरकार सुशासन को प्राथमिकता देते हुए लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रही है".

सीएम सुक्खू ने कहा, "लोगों की सुविधा के लिए सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसमें सभी मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याओं का मौके पर समाधान कर रहे हैं. प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों के आयोजन के माध्यम से अब तक 2.5 लाख से अधिक लंबित राजस्व मामलों का निपटारा भी किया जा चुका है, जिससे लोगों को सरकारी कार्यालयों में बार बार चक्कर काटने से छुटकारा मिला है.

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