शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार एक बार फिर से लोन लेने जा रही है. वित्त विभाग ने पांच सौ करोड़ रुपए के लोन की अधिसूचना जारी कर दी है. ये लोन 10 साल के लिए लिया जा रहा है. इसके लिए 3 दिसंबर को ऑक्शन होगी. लोन की यह रकम वर्ष 2034 तक चुकायी जा सकेगी. हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की तरफ से इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है. अब 4 दिसंबर को राज्य सरकार के खजाने में 500 करोड़ आएगा.
गौरतलब है कि सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को एडवांस सैलरी और पेंशनर्स को एडवांस पेंशन दी थी. सुखविंदर सरकार ने अक्टूबर में पहले 600 करोड़ रुपए लोन लिया था. इसके बाद सितंबर में 700 करोड़ का कर्ज लिया था. वहीं, नवंबर महीने में भी पांच सौ करोड़ रुपए का लोन लिया था. अब एक बार फिर से सरकार 500 करोड़ का लोन लेने जा रही है.ऐसे में सितंबर से लेकर अब तक 1800 करोड़ रुपए कर्ज लिया जा चुका है. अब दिसंबर में राज्य सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने से कुल मिलाकर 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज हो जाएगा.
बता दें कि सुखविंदर सरकार को हर महीने राज्य कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों के पेंशन के लिए 2000 करोड़ रुपए की जरूरत होती है. इसमें से वेतन 1200 करोड़ रुपए और पेंशन के लिए 800 करोड़ की जरूरत होती है. ऐसे में इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है. हिमाचल की आर्थिक स्थिति को देखें तो हर महीने सरकार को खर्च चलाने के लिए लोन का इंतजार करना पड़ता है.
दिसंबर महीने में भी सरकार को लोन लेकर काम चलाना पड़ेगा. ऐसे में सुक्खू सरकार के कर्ज लेने की रफ्तार देखें तो अब तक 26,000 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया जा चुका है. वित्तीय जानकारों का कहना है कि कर्ज लेना सुक्खू सरकार की मजबूरी हो गई है. हिमाचल प्रदेश के पास खुद के कोई खास संसाधन नहीं हैं. ऐसे में सरकार यूं ही कर्ज लेती रही तो भविष्य में स्थितियां और जटिल हो जाएंगी.
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