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पहले बिजली बोर्ड में 51 पदों को किया समाप्त, अब 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाला, सुक्खू सरकार के फैसले से कर्मचारी नाराज

सुक्खू सरकार ने पहले बिजली बोर्ड में 51 पदों को समाप्त किया, अब आउटसोर्स पर कार्यरत 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड के 81 ड्राइवरों को निकाला
सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड के 81 ड्राइवरों को निकाला (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में एसई, एक्सईएन, असिस्टेंट इंजीनियरों के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने के बाद सुक्खू सरकार ने 81 ड्राइवरों की भी नौकरी से निकाल दिया है. ये ड्राइवर पिछले 10 से 12 सालों से आउटसोर्स पर बिजली बोर्ड में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इससे पूर्व सरकार ने बिजली बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियरों से लेकर अधीक्षण अभियंता तक के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसके बाद बिजली बोर्ड में सेवाएं देकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले 81 ड्राइवरों की सेवाएं भी सरकार ने समाप्त कर दी है. इससे हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट और भड़क गया और सुक्खू सरकार से जल्द अपना फैसला वापस लेने को लेकर अल्टीमेटम जारी किया है.

'नीति बनाना तो दूर नौकरी से भी निकाल दिया': बिजली बोर्ड के खिलाफ लिए जा रहे निर्णय से कर्मचारी सुक्खू सरकार के खिलाफ काफी गुस्से में हैं. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा, "हैरानी की बात है कि जिन आउटसोर्स कर्मियों ने 10 से 12 वर्ष बिजली बोर्ड में अपने उज्ज्वल भविष्य का सपना देखकर कम वेतन पर लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं. आज एकदम से उनकी सेवायें समाप्त करना दुर्भाग्यपूर्ण और युवाओं के भविष्य के साथ बहुत बड़ा धोखा है".

लोकेश ठाकुर और हीरा लाल वर्मा ने कहा, "प्रदेश सरकार यदि आउटसोर्स कर्मियों के हित मे कोई नीति नहीं बना सकती है तो कम से कम उनको नौकरी से तो न निकाला जाए. दुर्भाग्य से आज की व्यवस्था में बेरोजगारी को एक मौके के रूप में इस्तेमाल कर बेरोजगार युवाओं का शोषण हो रहा है. इस महंगाई के दौर में यह कर्मी मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे हैं. इस कारण वे अपनी अगली पीढ़ी को बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा की सुविधा भी नहीं दे पा रहे हैं".

हिमाचल बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट ने बिजली बोर्ड़ मैनेजमेंट से छंटनी के इन आदेशों को तुरंत रदद् करने और आउटसोर्स कर्मियों को स्थाई नीति बनाए जाने की मांग की है. इसके साथ ही बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए 51 पदों को तुरंत बहाल करने का अल्टीमेटम जारी किया है.

ये भी पढ़ें: 'जिसने भी कर्मचारियों से पंगा लिया, उसकी सत्ता में नहीं हुई वापसी, जयराम सरकार को भी चुकानी पड़ी थी कीमत'

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में एसई, एक्सईएन, असिस्टेंट इंजीनियरों के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने के बाद सुक्खू सरकार ने 81 ड्राइवरों की भी नौकरी से निकाल दिया है. ये ड्राइवर पिछले 10 से 12 सालों से आउटसोर्स पर बिजली बोर्ड में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इससे पूर्व सरकार ने बिजली बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियरों से लेकर अधीक्षण अभियंता तक के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसके बाद बिजली बोर्ड में सेवाएं देकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले 81 ड्राइवरों की सेवाएं भी सरकार ने समाप्त कर दी है. इससे हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट और भड़क गया और सुक्खू सरकार से जल्द अपना फैसला वापस लेने को लेकर अल्टीमेटम जारी किया है.

'नीति बनाना तो दूर नौकरी से भी निकाल दिया': बिजली बोर्ड के खिलाफ लिए जा रहे निर्णय से कर्मचारी सुक्खू सरकार के खिलाफ काफी गुस्से में हैं. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा, "हैरानी की बात है कि जिन आउटसोर्स कर्मियों ने 10 से 12 वर्ष बिजली बोर्ड में अपने उज्ज्वल भविष्य का सपना देखकर कम वेतन पर लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं. आज एकदम से उनकी सेवायें समाप्त करना दुर्भाग्यपूर्ण और युवाओं के भविष्य के साथ बहुत बड़ा धोखा है".

लोकेश ठाकुर और हीरा लाल वर्मा ने कहा, "प्रदेश सरकार यदि आउटसोर्स कर्मियों के हित मे कोई नीति नहीं बना सकती है तो कम से कम उनको नौकरी से तो न निकाला जाए. दुर्भाग्य से आज की व्यवस्था में बेरोजगारी को एक मौके के रूप में इस्तेमाल कर बेरोजगार युवाओं का शोषण हो रहा है. इस महंगाई के दौर में यह कर्मी मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे हैं. इस कारण वे अपनी अगली पीढ़ी को बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा की सुविधा भी नहीं दे पा रहे हैं".

हिमाचल बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट ने बिजली बोर्ड़ मैनेजमेंट से छंटनी के इन आदेशों को तुरंत रदद् करने और आउटसोर्स कर्मियों को स्थाई नीति बनाए जाने की मांग की है. इसके साथ ही बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए 51 पदों को तुरंत बहाल करने का अल्टीमेटम जारी किया है.

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