शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने और राजस्व को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024 के लिए नई खनिज नीति को स्वीकृति प्रदान की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में खनन गतिविधियों के लिए वैज्ञानिक तकनीक को बढ़ावा देना है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण पर और अधिक बल दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि खनिज नीति 2024 प्रदेश की खनन संपदा का जिम्मेदारी से दोहन सुनिश्चित करेगी और सतत खनिज पद्धति को बढ़ावा प्रदान कर प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी. मुख्यमंत्री ने प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता पर बल देते हुए कहा कि खनन गतिविधियों को विनियमित करने और इससे संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आय सृजित करने के लिए नवीन पहल कर रही है. नई नीति अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाते हुए प्रदेश के लिए राजस्व के स्रोत बढ़ाने और इसमें वृद्धि करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के संसाधनों की रक्षा करने और पर्यावरण अनुकूल एवं वैज्ञानिक तरीके से खनिज संसाधनों का दोहन करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही उद्योग विभाग में 80 खनन गार्डों की भर्ती करेगी.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व अर्जन के सरकार के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी रास्तों को बंद किया गया है और सरकार के ईमानदार प्रयासों से लगभग 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि पारदर्शी तरीके से शराब के ठेकों की नीलामी एवं निविदाओं के माध्यम से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. सरकार की इस पहल की सफलता की दृष्टिगत भविष्य में भी नीलामी प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा.
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