हमीरपुर: प्रदेश में सुक्खू सरकार को बने हुए अभी मात्र 16 माह बीते हैं और 6 विधानसभा सीटों पर 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव करवाने की नौबत आन पड़ी है. इस साल बीते 27 फरवरी को प्रदेश में एक राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने पर निष्कासित कर दिया गया था. इस कारण प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाना पड़ रहा है.
इन्हीं विधानसभा सीटों में से एक सीट हमीरपुर जिले की सुजानपुर विधानसभा सीट है. यहां पर बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र राणा और कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत सिंह राणा के बीच सीधा मुकाबला है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों प्रत्याशी आमने-सामने थे. उस समय रंजीत सिंह राणा बीजेपी और राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था.
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राजेंद्र राणा ने हासिल की थी जीत
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के रंजीत सिंह राणा को कड़े मुकाबले में 399 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं, इस बार दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं लेकिन दोनों प्रत्याशिओं के दल बदल चुके हैं.
राजेंद्र राणा का चुनावी सफर:
राजेंद्र राणा हिमाचल प्रदेश व देश की राजनीति में एक जाना पहचाना नाम है. वह लगातार तीसरी बार विधायकी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. साल 2012 में वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुजानपुर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे. साल 2014 में राजेंद्र राणा ने अनुराग ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा इस चुनाव में वह हार गए थे. इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्होंने अपने ही गुरु व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को पटखनी दी थी. इस चुनाव में धूमल बीजेपी का सीएम चेहरा थे और उन्हें सदर हमीरपुर सीट को छोड़कर बीजेपी ने सुजानपुर से चुनाव लड़वाया था. साल 2022 का विधानसभा चुनाव राजेंद्र राणा ने दोबारा कांग्रेस के टिकट पर लड़कर जीत हासिल की. प्रदेश में सुक्खू की सरकार बनते ही उन्हें मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट कर अपना विरोध जताया.
रंजीत सिंह राणा का चुनावी सफर:
सुजानपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के तौर पर रंजीत सिंह राणा को चुनावी मैदान में उतारा है. रंजीत सिंह राणा 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर राजेंद्र राणा से महज 399 मतों से चुनाव हारे थे. रंजीत सिंह राणा दो बार भाजपा के मंडल अध्यक्ष रहे हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का विधानसभा चुनाव का जिम्मा भी संभाल चुके हैं. धूमल से प्रभावित होकर ही वह बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी द्वारा कांग्रेस से निष्कासित राजेंद्र राणा को उपचुनाव में टिकट देने से वह नाराज हो गए और कांग्रेस में शामिल होकर सुजानपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं.
राजेंद्र राणा के लिए अनुराग ठाकुर ने मांगे वोट:
राजेंद्र राणा के लिए सांसद अनुराग ठाकुर ने चुनावी जनसभा कर वोट मांगे थे. उन्होंने जनसभा में कहा था अगर शाम का भूला सुबह अपने घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते.
CM सुक्खू हर मंच से बागी विधायकों पर लगा रहे बिकने का आरोप:
मुख्यमंत्री सुक्खू राजेंद्र राणा व अन्य 5 बागी विधायकों पर चुनावी जनसभा में अपना ईमान बेचने का आरोप हर मंच से लगा रहे हैं. वह मुख्य रूप से राजेंद्र राणा व सुधीर शर्मा को बिके हुए विधायकों का मुख्य सरगना बताते हैं. मुख्यमंत्री सुक्खू ने बागी विधायकों पर 15-15 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है. सीएम लोगों से बागी विधायकों को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं.
बागी विधायकों के सुक्खू पर आरोप
वहीं, बागी विधायक सीएम सुक्खू पर झूठ बोलकर सत्ता में आने का आरोप लगा रहे हैं. बागी विधायकों का कहना है सीएम सुक्खू के राज में उन्हें अनदेखा किया गया और विभागों के बंटवारे के समय सीएम ने अपने करीबियों को तवज्जो दी. इसके अलावा बागियों ने सुक्खू पर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों को करवाने की अनुमति ना देने का आरोप भी लगाया है.
सुजानपुर विधानसभा सीट का परिचय:
सुजनापुर विधानसभा सीट में करीब 77,742 मतदाता हैं. यहां पर 38,911 महिला मतदाता हैं और पुरुष मतदाताओं की संख्या 38,831 है. इस विधानसभा सीट में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.
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Conclusion: