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"सीएम सुक्खू ने दर्ज करवाई फर्जी FIR, पूर्व विधायकों को डराने की कर रहे नाकाम कोशिश" - Sudhir Sharma Slams CM Sukuh

Sudhir Sharma Slams CM Sukhu: पूर्व विधायक और बीजेपी प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर प्रहार किया है. उन्होंने सीएम पर आरोप लगाया कि भाजपा में शामिल विधायकों को डराने के लिए फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई गई. उन्होंने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को फर्जी करार दिया. पढ़िए पूरी खबर...

Sudhir Sharma Slams CM Sukhu
Sudhir Sharma Slams CM Sukhu
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 6:14 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 9:51 PM IST

सुधीर शर्मा ने सीएम सुक्खू पर साधा निशाना

धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह लगातार भाजपा में शामिल 6 पूर्व विधायको पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा भी सीएम सुक्खू पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ओर भाजपा में शामिल हुए चैतन्य शर्मा के पिता पर खरीद फरोख्त को लेकर बालूगंज थाना में दर्ज किए गए मामले पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर विधायकों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करवाने के आरोप लगाए हैं. साथ ही एफआईआर कॉपी में कई गलतियां निकालते हुए सीएम पर निशाना साधा है.

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधा है. सुधीर शर्मा ने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में दर्ज की गई एफआईआर कॉपी को साझा किया और इसे फर्जी करार दिया है. उन्होंने एफआईआर में कई सारी गलतियां गिनाई है. साथ ही मुख्यमंत्री पर आशीष शर्मा के खिलाफ फर्जी एफआईआर करने का आरोप लगाया है. बता दें कि राज्यसभा चुनाव के बाद यह एफआईआर शिमला के बालुगंज थाना में दर्ज करवाई गई थी.

"विधायक के खिलाफ दर्ज की गई फर्जी एफआईआर"

सुधीर शर्मा ने कहा, "एफआईआर में हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा के साथ पूर्व विधायक गगरेट चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा का नाम भी दर्ज है, जिनकी उम्र 30 वर्ष लिखी गई है. जबकि वह एक सेवानिवृत अधिकारी हैं, जो हैरानी का विषय है. इसके अलावा शिकायतकर्ता संजय अवस्थी उम्र 59 वर्ष के साथ उनका धर्म यहूदी लिखा गया है".

खरीद फरोख्त मामले में विधायक के खिलाफ FIR दर्ज
खरीद फरोख्त मामले में विधायक के खिलाफ FIR दर्ज

"भाजपा में शामिल विधायकों को डराने की कोशिश"

सुधीर शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री पुलिस अधीक्षक शिमला को अपना बेहद करीब मानते हैं. लेकिन आनन-फानन में दर्ज की गई एफआईआर में ढ़ेरों त्रुटियां हैं और ऐसा भी हो सकता है कि जानबूझ कर फर्जी एफआईआर बनाई गई हो. सीएम मात्र लोगों को गुमराह करने और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायकों को डराने-धमकाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं. ऐसी जाली एफआईआर दर्ज करवाना दर्शाता है कि प्रदेश कमजोर हाथों में है. सीएम सुक्खू को प्रदेश की जनता को जवाब देना होगा".

"मुख्यमंत्री सुक्खू बन रहे हंसी का पात्र"

सुधीर शर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह हंसी का पात्र बनते जा रहे हैं. हाल ही में हमीरपुर के गलोड़ में आयोजित एक रैली में मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि वह दुकान मिल गई, जहां बागी विधायकों ने करंसी नोट भरने के लिए अटैची खरीदे. लेकिन सीएम अब तक जनता के सामने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाएं और अटैची की दुकान पता लगने की बात कर रहे हैं.

"सीएम के खिलाफ जनता में आक्रोश, चुनाव में मिलेगा जवाब"
वहीं, सुधीर शर्मा ने गलोड़ में हुई सीएम सुक्खू की रैली पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, यह वही जगह है, जहां सीएम ने सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार में स्वीकृत हुए डिग्री कॉलेज को डिनोटिफाई कर दिया था. इस रैली में 500 लोगों के आने की व्यवस्था थी, लेकिन रैली में मात्र 200 के करीब ही लोग पहुंचे. यह मात्र एकलौता संस्थान नहीं है, जो मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही बंद किया हो. ऐसे प्रदेश भर कई संस्थान थे, जिन्हें मुख्यमंत्री ने डिनोटिफाई कर दिया. जनता में मुख्यमंत्री को लेकर आक्रोश है, जिसका जवाब उन्हें आगामी चुनावों में मिलेगा.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में हिमाचल के उम्मीदवारों पर मंथन कांग्रेस CEC का मंथन, सीएम बोले जल्द होगा ऐलान

सुधीर शर्मा ने सीएम सुक्खू पर साधा निशाना

धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह लगातार भाजपा में शामिल 6 पूर्व विधायको पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा भी सीएम सुक्खू पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ओर भाजपा में शामिल हुए चैतन्य शर्मा के पिता पर खरीद फरोख्त को लेकर बालूगंज थाना में दर्ज किए गए मामले पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर विधायकों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करवाने के आरोप लगाए हैं. साथ ही एफआईआर कॉपी में कई गलतियां निकालते हुए सीएम पर निशाना साधा है.

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधा है. सुधीर शर्मा ने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में दर्ज की गई एफआईआर कॉपी को साझा किया और इसे फर्जी करार दिया है. उन्होंने एफआईआर में कई सारी गलतियां गिनाई है. साथ ही मुख्यमंत्री पर आशीष शर्मा के खिलाफ फर्जी एफआईआर करने का आरोप लगाया है. बता दें कि राज्यसभा चुनाव के बाद यह एफआईआर शिमला के बालुगंज थाना में दर्ज करवाई गई थी.

"विधायक के खिलाफ दर्ज की गई फर्जी एफआईआर"

सुधीर शर्मा ने कहा, "एफआईआर में हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा के साथ पूर्व विधायक गगरेट चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा का नाम भी दर्ज है, जिनकी उम्र 30 वर्ष लिखी गई है. जबकि वह एक सेवानिवृत अधिकारी हैं, जो हैरानी का विषय है. इसके अलावा शिकायतकर्ता संजय अवस्थी उम्र 59 वर्ष के साथ उनका धर्म यहूदी लिखा गया है".

खरीद फरोख्त मामले में विधायक के खिलाफ FIR दर्ज
खरीद फरोख्त मामले में विधायक के खिलाफ FIR दर्ज

"भाजपा में शामिल विधायकों को डराने की कोशिश"

सुधीर शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री पुलिस अधीक्षक शिमला को अपना बेहद करीब मानते हैं. लेकिन आनन-फानन में दर्ज की गई एफआईआर में ढ़ेरों त्रुटियां हैं और ऐसा भी हो सकता है कि जानबूझ कर फर्जी एफआईआर बनाई गई हो. सीएम मात्र लोगों को गुमराह करने और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायकों को डराने-धमकाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं. ऐसी जाली एफआईआर दर्ज करवाना दर्शाता है कि प्रदेश कमजोर हाथों में है. सीएम सुक्खू को प्रदेश की जनता को जवाब देना होगा".

"मुख्यमंत्री सुक्खू बन रहे हंसी का पात्र"

सुधीर शर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह हंसी का पात्र बनते जा रहे हैं. हाल ही में हमीरपुर के गलोड़ में आयोजित एक रैली में मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि वह दुकान मिल गई, जहां बागी विधायकों ने करंसी नोट भरने के लिए अटैची खरीदे. लेकिन सीएम अब तक जनता के सामने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाएं और अटैची की दुकान पता लगने की बात कर रहे हैं.

"सीएम के खिलाफ जनता में आक्रोश, चुनाव में मिलेगा जवाब"
वहीं, सुधीर शर्मा ने गलोड़ में हुई सीएम सुक्खू की रैली पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, यह वही जगह है, जहां सीएम ने सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार में स्वीकृत हुए डिग्री कॉलेज को डिनोटिफाई कर दिया था. इस रैली में 500 लोगों के आने की व्यवस्था थी, लेकिन रैली में मात्र 200 के करीब ही लोग पहुंचे. यह मात्र एकलौता संस्थान नहीं है, जो मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही बंद किया हो. ऐसे प्रदेश भर कई संस्थान थे, जिन्हें मुख्यमंत्री ने डिनोटिफाई कर दिया. जनता में मुख्यमंत्री को लेकर आक्रोश है, जिसका जवाब उन्हें आगामी चुनावों में मिलेगा.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में हिमाचल के उम्मीदवारों पर मंथन कांग्रेस CEC का मंथन, सीएम बोले जल्द होगा ऐलान

Last Updated : Apr 13, 2024, 9:51 PM IST
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