गोड्डाः प्रकृति ने झारखंड को कई नेमतें दी हैं, पहाड़, पठार, जंगल, झरने इनकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. कुदरत के आगोश में इंसान के साथ साथ वन्य जीव-जंतु और पशु-पक्षी सांस लेते हैं. लेकिन प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के कारण आज मौसम में बदलाव कोई नई बात नहीं है. ये परिवर्तन इंसान के साथ साथ बेजुबानों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है. इंसान भले ही इसके लिए उपाय कर लेते हैं लेकिन पशु-पक्षी इसकी जद में आ जाते हैं. झारखंड के गोड्डा जिला में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है.
गोड्डा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र उरकुसिया नदी के पास कुछ छोटी पक्षियों की अचानक मौत लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गया है. इस इलाके में तकरीबन आधा दर्जन पक्षी अचानक मृत पाए गए हैं. ये पक्षी गौरैया जैसी दिखती है लेकिन ये गौरैया नहीं है. ये पक्षी उसी आकार की छोटी व चमकीली पंखों वाली पक्षी है जो लोग ठंड के मौसम में घरों के आसपास फुदकते हुए देखी जाती है.
अचानक से एक ही जगह इस तरह इतने सारे पक्षियों की मौत की वजह लोग कई तरीके वजह बता रहे हैं. कुछ लोग इसे अचानक मौसम में तब्दीली को बता रहे हैं. उनका कहना है कि अभी कुछ दिन ठंड का मौसम था इसे घर के आसपास ये पक्षी फुदकते दिखाई पड़ते थे लेकिन पिछले तीन चार दिनों से तापमान लगातार बढ़ोतरी हुई और मौजूदा समय तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. संभवतः अचानक गर्मी के बढ़ने से ये मासूम पक्षी इस ताप को बर्दाश्त नहीं कर पाए हों. पर्यावरण के जानकार डॉ. सुदर्शन इसे प्रवासी पक्षी भी बता रहे हैं और कह रहे हैं कि वे गर्मी के मौसम के आदी नहीं हैं और इस वजह से अचानक मौसम में बदलाव को नहीं झेल पा रहे हैं. इस कारण उनकी मौत हो सकती है.
इस पूरे मामले पर पर्यवरण कर्मी डॉ. रवि रंजन कहते हैं कि गर्मी का अचानक के कारण भी इन पक्षियों की मौत की बड़ी वजह हो सकती है. उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बढ़ती गर्मी के मद्देनजर लोग अपने घरों के बरामदे या छतों पर धूप से बचाकर एक पानी का बर्तन रखें और उसमें कुछ खाने को भी रखें. जिससे ऐसे मौसम में इन बेजुबानों को भूख और प्यास से राहत मिल सके. क्योंकि ऐसी गर्मी में उन्हें पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में पानी का एक बर्तन लोग अपने घरों के बाहर जरूर रखें.
डॉ. रवि रंजन द्वारा मिट्टी का घोसला पेड़ों पर बना कर पक्षियों की प्यास बुझाने की मुहिम गत वर्ष से गर्मी के मौसम में गोड्डा और बिहार के बांका जिला में चलाया जा रहा है. हालांकि पक्षियों की मौत की वजह कोई और भी हो सकती है, इस बात को लेकर लोग अपने अपने तरीके से जानने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं ये भी देखा जा रहा है ये छोटे छोटे चमकीले गौरैया जैसे पक्षी अचानक से चार पांच दिनों से इलाके से गायब हो गए हैं.
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