गोपालगंज: कहा जाता है कि सच्ची लगन और मेहनत बेकार नहीं जाती है और इसी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत डॉ अली अकबर रिजवी, डॉक्टर होते हुए भी अपने खेतों में सब्जी की खेती कर किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं. बिहार के गोपालगंज के रहने वाले इस डॉक्टर किसान की कहानी काफी दिलचस्प है. ये सालाना 20 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं.
खेती और डॉक्टरी दोनों में माहिर: जिले के मांझा प्रखंड के प्रतापपुर पंचायत के देवरिया गांव निवासी डॉ अली अकबर रिजवी सब्जी की खेती और मरीजों का इलाज दोनों में माहिर हैं. ये आधुनिक खेती के तहत बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं. यही कारण है कि दूर-दूर से किसान इनके पास सफलता के गुर सीखने आते हैं.
10 एकड़ की जमीन में खेती: एक डॉक्टर होने के बाद भी उन्होंने खेती का शौक नहीं छोड़ा. उन्होंने अपने खेत में सब्जियों की खेती शुरू की और धीरे-धीरे अपनी खेती को आधुनिक तकनीकों से लैस किया. दरअसल इनके द्वारा करीब 10 एकड़ में सब्जी की खेती की गई है. आज, डॉक्टर रिजवी के खेत में हरी-भरी सब्जियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. वे अपनी खेती में जैविक खाद्य का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण उनकी सब्जियां बाजार में काफी लोकप्रिय हैं.
येवाओं के लिए प्रेरण बना किसान डॉक्टर: डॉक्टर रिजवी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. वे दिखाते हैं कि खेती भी एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है. इसके साथ-साथ सामाजिक सेवा भी की जा सकती है. इस संदर्भ में डॉ अली अकबर रिजवी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2007 में खेती शुरू की थी. शुरुआत में उन्होंने कुछ ही सब्जियों की खेती की थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी खेती का विस्तार किया. आज वे विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती करते हैं, जिनमें आलू, परवल,सरसो, मटर ,टमाटर, खीरा, भिंडी, लौकी, बैंगन, लहसुन ,प्याज,फूलगोभी, पत्तागोभी, गाजर, पालक, धनिया, पुदीना आदि सब्जियां शामिल हैं.
खेत में करते हैं मरीजों का इलाज: डॉक्टर अली अकबर रिजवी केवल खेती में ही माहिर नहीं हैं, बल्कि वे एक कुशल डॉक्टर भी हैं. वे अपने खेत में ही एक छोटा सा क्लिनिक भी चलाते हैं, जहां वे आसपास के लोगों का इलाज करते हैं. मरीज, डॉक्टर रिजवी से मिलने के लिए उनके खेत तक पहुंच जाते हैं, जहां खेती के कामों के बीच मरीजों का इलाज भी किया जाता है.
आयुर्वेद से की है डॉक्टरी: उन्होंने बताया कि 1980 में आयुर्वेद डॉक्टर की डिग्री लेकर 1990 में नागालैंड प्रैक्टिस करने चले गए थे. जहां के वादियों में प्रकृति के बीच काफी समय बिताया जिसके कारण मुझे प्रकृति से काफी लगाव हो गया. जिसके बाद डॉक्टर की डिग्री लेकर 2007 में अपने देश और अपने पैतृक गांव देवरिया लौट आए और यहां मरीजों का इलाज के साथ-साथ अपने खेतों में सब्जियों की खेती शुरू की.
"प्रकृति के साथ समय बिताना काफी अच्छा लगता है. मेरी मातृभूमि मुझे हमेशा अपनी ओर खींच रही थी, जिसके बाद मैं 2007 में अपने पैतृक गांव देवरिया पहुंच गया और यहां अपने खेतों में कुछ सब्जी की खेती करने लगा. धीरे-धीरे इसका विस्तार किया और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए आज बड़े पैमाने पर खेती कर रहा हूं."- डॉ अली अकबर रिजवी, किसान और डॉक्टर
युवाओं को खेती से जुड़ने का दिया संदेश: डॉ अली अकबर रिजवी ने बताया कि जैविक खाद्य का उपयोग करने से सब्जियों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है. उन्होंने युवाओं से कहा है कि यदि वे खेती में रुचि रखते हैं, तो उन्हें निश्चित रूप से खेती करनी चाहिए. खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, और इसमें सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है.
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