रामनगरः नैनीताल के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के कार्यालय में नियुक्त उपनिरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. दोनों रिश्वतखोरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है.
शनिवार को पुलिस उपाधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर हल्द्वानी नैनीताल अनिल सिंह मनराल के पर्यवेक्षण और निरीक्षक ललिता पांडे के नेतृत्व में विजिलेंस टीम द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत पर रामनगर में तैनात उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) एलआईयू सौरभ राठी और मुख्य आरक्षी (हेड कॉन्स्टेबल) एलआईयू गुरप्रीत सिंह को शिकायतकर्ता से 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
जानकारी के तहत, विजिलेंस को लगातार इन दोनों के बारे में लगातार शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद शनिवार को विजिलेंस की टीम ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर रिश्वत लेते दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत की थी कि मेरा पासपोर्ट बनाने के लिए सत्यापन अभिसूचना इकाई, रामनगर से होना था. सत्यापन कराने के एवज में उपनिरीक्षक सौरभ राठी द्वारा मुझसे 2,500 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है. 19 जुलाई को उपनिरीक्षक से मिलने पर 2000 हजार रिश्वत देने पर समझौता हुआ. लेकिन शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था.
शिकायत पर पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल ने शिकायतकर्ता के शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर निरीक्षक ललिता पांडे के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया. शिकायतकर्ता से रिश्वत लेने पर ट्रैप टीम द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आज 20 जुलाई को उपनिरीक्षक सौरभ राठी और मुख्य आरक्षी गुरप्रीत सिंह को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. दोनों रिश्वतखोरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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